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SDM कोर्ट के रीडर ने आईएएस बनकर फर्जीवाड़ा कर डाला , फर्जी साइन कर निपटाए 50 फैसले, पुलिस ने किया गिरफ्तार - Fraud In Pali SDM Court

पाली एसडीएम कोर्ट के रीडर को कोतवाली थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. उस पर आरोप है कि उसने तीन आईएएस के फर्जी साइन कर 50 से अधिक मामलों में फैसला सुनाया है.

READER OF SDM COURT PALI ARRESTED
फर्जी साइन कर फैसले देने वाला SDM कोर्ट का रीडर गिरफ्तार (फोटो ईटीवी भारत)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 6, 2024, 10:44 AM IST

पाली. तीन आईएएस के फर्जी हस्ताक्षर कर फैसले देने वाला रीडर को आखिरकार पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी ने पाली एसडीएम कोर्ट में 50 से अधिक फाइलों में तीन आईएएस के फर्जी साइन कर फैसले दिए थे. आरोपी मूलसिंह भाटी को शनिवार रात को कोतवाली थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. पूरी कार्रवाई एसपी चुनाराम जाट के निर्देशन में हुई. शुरुआती पूछताछ में मूलसिंह से अहम जानकारियां मिली है. पुलिस को शक है कि इस मामले दो रीडर शामिल हैं, जिनको लेकर पुलिस आगे कार्रवाई कर सकती है.

कलेक्टर ने रिपोर्ट दी, कोर्ट से स्टे ले आया था रीडर : वर्तमान में भीलवाड़ा कलेक्टर नमित मेहता 2023 में पाली कलेक्टर थे. गत वर्ष सितंबर में नमित मेहता के फर्जी साइन कर जमीन का फैसला करने का एक मामला सामने आया था, जिसकी जांच में एफएसएल ने खुलासा किया था कि ऑर्डर शीट पर आईएएस नमित मेहता के साइन नहीं है. मेहता ने रीडर मुलसिंह भाटी के खिलाफ कोतवाली थाने में मामला दर्ज करवाया, लेकिन रीडर ने हाईकोर्ट से गिरफ्तारी पर स्टे ले लिया था. इस बीच हाल ही में हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी से रोक हटा दी, जिसके बाद सक्रिय हुई पुलिस ने शनिवार रात को मुलसिंह भाटी को गिरफ्तार कर लिया.

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ज्वाइनिंग से पहले लिख दिया फैसला : रीडर मुलसिंह ने फर्जी साइन से महज एक फैसला नहीं किया बल्कि उसने तीन आईएएस अधिकारियों के फर्जी साइन से 50 से अधिक मामलों में फर्जीवाड़ा कर फैसले तक सुना दिए. उसने ब्यावर जिला कलेक्टर उत्सव कौशल व अजमेर नगर निगम के आयुक्त देशलदान के फर्जी साइन कर फैसले दिए थे. कौशल और देशलदान 2020 से 2022 तक पाली एसडीएम रहे थे. इन दोनों आईएएस ने भी कोतवाली थाने में रीडर के खिलाफ फर्जी हस्ताक्षर से फैसला देने की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी. आईएएस देशलदान ने अप्रैल 2021 में ज्वाइन किया था लेकिन एक भरण पोषण के मामले में आरोपी रीडर ने 12 नवंबर 2020 को ही उनके फर्जी साइन कर केस का निर्णय कर दिया. देशलदान के 32 और कौशल के 17 मामलों में रीडर ने फर्जीवाड़ा किया था.

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