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रतलाम महापौर का दिखा एंग्री मैन अवतार, कलेक्टर पर कर दी विवादित टिप्पणी - Ratlam Mayor Controversial

रतलाम में महापौर प्रहलाद पटेल सिविक सेंटर मामले में उठाए गए सवाल पर भड़क गए. गुस्साए महापौर ने तात्कालिक कलेक्टर भास्कर लक्षकार पर विवादित टिप्पणी कर दी. मामला सिविक सेंटर फर्जी रजिस्ट्री को लेकर है. जहां कम दाम में प्लाटों की रजिस्ट्री करा दी गई थी.

RATLAM MAYOR PRAHLAD PATEL
रतलाम महापौर का दिखा एंग्री मैन अवतार (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 23, 2024, 3:16 PM IST

रतलाम:अपने बयानों के लिए हमेशा चर्चा में रहने वाले रतलाम महापौर प्रहलाद पटेल का का एक विवादित बयान सामने आया है. निगम सम्मेलन के दौरान नेता प्रतिपक्ष द्वारा उठाए गए सिविक सेंटर के मामले पर महापौर प्रहलाद पटेल भड़क गए. प्रहलाद पटेलने तात्कालिक कलेक्टर भास्कर लक्षकार के लिए कहा कि 'कलेक्टर की मां ने उसे दूध पिलाया हो तो विधिवत मुझे लेटर भेज दे'. दरअसल पूरा मामला सिविक सेंटर रजिस्ट्री कांड को लेकर है. जिसमें निगम के अधिकारियों ने सिविक सेंटर स्थित करीब 12 से अधिक प्लॉट की रजिस्ट्री नियमों के विरुद्ध करवा दी थी. जिसमें तत्कालीन कलेक्टर भास्कर लाक्षकार ने मध्य प्रदेश शासन को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा था.

महापौर ने कलेक्टर पर की टिप्पणी (ETV Bharat)

दरअसल, गुरुवार को रतलाम नगर निगम के साधारण सम्मेलन में नेता प्रतिपक्ष शांतिलाल वर्मा द्वारा सिविक सेंटर प्लाट रजिस्ट्री मामले पर सवाल उठाए गए थे. जिस पर महापौर प्रहलाद पटेल नाराज हो गए. नेता प्रतिपक्ष ने महापौर को तत्कालीन कलेक्टर द्वारा लिखा गया पत्र दिखा दिया. जिस पर महापौर ने कहा की 'यह लेटर विधिवत मुझे भेजा गया है क्या. आरोप तो कोई भी किसी पर लगा सकता है, लोग तो मोदीजी पर भी आरोप लगा देते हैं. क्या मेरे ऊपर कोई आरोप सिद्ध हुआ है. हिम्मत हो तो कोई विधिवत मुझे नोटिस भेजे. उस कलेक्टर की मां ने उसे दूध पिलाया हो तो विधिवत लेटर भेज दे.'

यह था सिविक सेंटर रजिस्ट्री मामला

सिविक सेंटर फर्जी रजिस्ट्री मामला निगम के पिछले सम्मेलन में भाजपा पार्षदों द्वारा उठाया गया था. जिसमें निगम के अधिकारियों द्वारा भू माफियाओं से साठगांठ कर सिविक सेंटर के प्लॉट को कम दामों पर रजिस्ट्री करवा कर रातों-रात नामांतरण करवा दिया गया. फर्जी रजिस्ट्री मामले में नाम आने पर तत्कालीन आयुक्त एपीएस गहरवार को निलंबित कर दिया गया था. इन भ्रष्ट अधिकारियों ने षड़यंत्र पूर्वक सिविक सेंटर स्थित 27 प्लॉटों की सालों पुरानी तय की गई दरों पर रजिस्ट्री करवा दी थी. जबकि यह जमीन राजस्व विभाग की है. तत्कालीन कलेक्टर भास्कर लाक्षकर की रिपोर्ट पर शासन ने इन्हें निलंबित किया था. वहीं, इस मामले में लोकायुक्त उज्जैन पुलिस ने तत्कालीन निगम आयुक्त अखिलेश गहरवार, उपायुक्त विकास सोलंकी, जिला रजिस्ट्रार कार्यालय के उपपंजीयक प्रसन्न गुप्ता सहित कुल 36 लोगों के विरुद्ध धोखाधड़ी और आर्थिक अनियमितता के मामले में प्रकरण दर्ज किया था.

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बहरहाल महापौर प्रहलाद पटेल ने निगम के सम्मेलन में खुद को सिविक सेंटर रजिस्ट्री मामले में क्लीन चीट देते हुए इसे दुर्भावना से प्रेरित होना बताया है. वहीं, पूर्व कलेक्टर को लेकर दिए गए बयान का वीडियो अब सोशल मीडिया में वायरल भी हो रहा है.

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