हॉफ पैंट, मिनी स्कर्ट में आए तो लौटना पड़ेगा उलटे पांव, कालिका माता मंदिर में लागू हुआ ड्रेस कोड - Ratlam Kalika Temple Dress Code
देश के साथ मध्य प्रदेश के कई छोटे-बड़े मंदिरों में ड्रेस कोड लागू है. इन मंदिरों में पाश्चात्य यानि वेस्टर्न कपड़े पहनकर आने पर रोक है. रतलाम के कालिका माता मंदिर में भी श्रद्धालुओं को भारतीय संस्कृति के अनुरूप कपड़े पहनकर आना अनिवार्य किया गया है. इसके लिए मंदिर के बाहर बोर्ड लगा दिया गया है.
रतलाम: प्रसिद्ध कालिका माता मंदिर में अब पाश्चात्य संस्कृति के कपड़े पहनकर आने वाले दर्शनार्थियों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है. मंदिर परिसर में बोर्ड लगाकर भारतीय संस्कृति के अनुसार ही कपड़े पहन कर आने की अपील लोगों से की गई है. मंदिर के बाहर लगाए गए पोस्टर में लिखा गया है कि हाफपेंट,बरमुडा पहनकर मंदिर में प्रवेश नहीं करें. मंदिर में भारतीय और हिंदू संस्कृति के अनुसार ही कपड़े पहनकर प्रवेश करें.
कालिका माता मंदिर समिति ने लगाया बोर्ड (ETV Bharat)
वेस्टर्न कपड़े पहनकर आने पर रोक
रतलाम के प्रसिद्ध कालिका माता मंदिर में प्रतिदिन सैकड़ों श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचते हैं. ऐसे में कई युवक और युवतियां वेस्टर्न कपड़े पहन कर मंदिर परिसर में पहुंचते हैं. जिससे फूहड़ता प्रदर्शित होती है. जिसे लेकर मंदिर परिसर में अब फटे और उल्टेसीधे कपड़े पहनकर आने पर रोक लगा दी गई है.
कालिका माता मंदिर रतलाम (ETV Bharat)
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मंदिर परिसर के पुजारी का कहना है कि ऐसे पोस्टर लगाने का कारण युवाओं द्वारा पाश्चात्य संस्कृति के आधे-अधूरे कपड़े पहनकर मंदिर आने से रोकना है. इससे मंदिर परिसर की मर्यादा भंग होती है. कई बार युवक और युवतियां हाफ पेंट में ही दर्शन करने पहुंच जाते हैं. इस तरह मर्यादा का उल्लंघन बार-बार ना हो, इसलिए मंदिर परिसर के बाहर यह बोर्ड लगाया गया है. भारतीय संस्कृति के अनुसार ही कपड़े पहनकर मंदिर जाना चाहिए. इधर मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं का भी यही कहना है कि मंदिर का निर्णय सही है. मंदिर में हमेशा सादे और भारतीय कपड़े पहनकर ही मंदिर में प्रवेश करना चाहिए. श्रद्धालु कीर्ति पाठक का कहना है कि हर किसी को इस नियम का पालन करना चाहिए. मंदिर में हमेशा सलीके से कपड़े पहनकर आना चाहिए.