रांचीः आगामी 10 दिनों के भीतर दो बड़े पर्व सरहुल और ईद आने वाली है. अनुमान है कि 11 अप्रैल को ही ईद और सरहुल दोनों ही मनाये जाएंगे. इसे देखते हुए सुरक्षा के दृष्टिकोण से रांची पुलिस व्यापक स्तर पर तैयारी कर रही है. दोनों पर्व शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो, इसके लिए रांची पुलिस अलर्ट है और सुरक्षा तैयारियों को अंतिम रूप देने में लगी हुई है.
सरहुल और ईद एक साथ!
ईद और सरहुल इस वर्ष 11 अप्रैल को पड़ सकता है. सरहुल के अवसर पर एक तरफ जहां भव्य शोभा यात्राएं निकाली जाती हैं. वहीं दूसरी तरफ ईद के मौके पर सभी ईदगाह और मस्जिदों में नमाज अता की जाती है. दोनों ही बेहद महत्वपूर्ण पर्व है और एक ही दिन मनाए जाने के आसार हैं. ऐसे में लोगों के उत्साह में कोई खलल न डाल सके, किसी तरह का कोई हादसा न पेश आए, कोई भी असामाजिक तत्व किसी तरह की कोई अफवाह फैलाकर शांति भंग न करे, इसके लिए रांची पुलिस अलर्ट मोड पर है.
काफी वर्षोंं बाद ऐसा हुआ है कि जब सरहुल और ईद एक ही दिन मनाए जाने वाले हैं. दोनों ही पर्व के लिए सुरक्षा व्यवस्था देने के लिए राजधानी में 2000 से ज्यादा फोर्स की तैनाती की जाएगी. संवेदनशील स्थानों पर मजिस्ट्रेट के साथ अतिरिक्त फोर्स भी तैनात करने की योजना है. सभी थाना प्रभारी को निर्देश दिया गया है कि वे अपने-अपने क्षेत्र में शांति समिति की बैठक कर लोगों को मेलजोल के साथ त्यौहार मनाने की अपील करें. पूर्व की घटनाओं को लेकर असामाजिक तत्वों की सूची बनाकर उन्हें 107 के तहत नोटिस देने का निर्देश भी दिया गया है.
बल की कमी, टेक्निकल टीम का काम ज्यादा होगा- एसएसपी
रांची के सीनियर एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि क्योंकि चुनाव का समय है, ऐसे में पुलिस मुख्यालय के अलावा रांची में भी फोर्स की काफी कमी है. शांतिपूर्ण तरीके से दोनों पर्व को संपन्न करवाने के लिए इस बार टेक्निकल टीम की बहुत ज्यादा मदद ली जाएगी. सभी संवेदनशील और भीड़ वाले जगहों पर ड्रोन कैमरे तैनात किए जाएंगे. भीड़ वाले स्थानों पर जहां सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे हैं. वहां कैमरे लगाने की हिदायत दी गई है ताकि कंट्रोल रूम में बैठी टीम हर तरफ निगरानी कर सके.
सिविल ड्रेस में रहेगा बाइक दस्ता
रांची एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि ईद और सरहुल के लिए पुलिस का एक बाइक दस्ता तैयार किया गया है. इस बाइक दस्ते में पुलिस के जवान सादे लिबास में रहेंगे. बाइक दस्ता शोभा यात्रा में शामिल रहेंगे ताकि उनकी पहचान न हो और वे आसामाजिक तत्वों पर भी नजर रख सके.