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छोटी काशी में निकली श्री राम की बारात, जयपुरवासी बने बाराती, मंत्री बेढम ने की प्रशंसा - Ramleela

जयपुर में भगवान श्री राम और उनके भाइयों की बारात निकली, जिसमें जयपुर वासी बाराती बने. इस दौरान वातावरण भक्तिमय हो गया.

राम बारात
राम बारात (ETV Bharat Jaipur)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 7, 2024, 8:29 AM IST

जयपुर :छोटी काशी में पहली बार भगवान श्री राम और उनके तीनों भाइयों की बारात निकली. भगवान राम की बारात में जयपुर वासी बाराती बने, जो नाचते-गाते, भगवान श्री राम के जयकारे लगाते हुए प्राचीन रामचंद्र जी के मंदिर से रामलीला मैदान पहुंचे. इस दौरान मंत्री जवाहर सिंह बेढम भी रामलीला देखने पहुंचे. उन्होंने कहा कि ये सनातन संस्कृति के प्रचार प्रसार के लिए अनुकूल समय है. आज के परिपेक्ष में जहां पाश्चात्य संस्कृति का प्रभाव हुआ है, उनको दरकिनार करने के लिए परंपरागत रामलीलाएं जरूरी हैं.

पुष्प वर्षा और आरती कर बारात का स्वागत : रामलीला मैदान इन दिनों जयपुर की पुरानी सांस्कृतिक पहचान का गवाह बना हुआ है. रामलीला की कड़ी में रविवार को श्री सनातन धर्म महोत्सव समिति की ओर से राम बारात निकाली गई. जयपुर के प्राचीन राम मंदिर चांदपोल बाजार से शुरू होकर राम बारात चांदपोल, छोटी चौपड़, त्रिपोलिया बाजार, बड़ी चौपड़, जौहरी बाजार, बापू बाजार होती हुई रामलीला मैदान पर पहुंची, जिसमें जयपुर वासी बाराती बने.

जयपुरवासी बने बाराती (वीडियो ईटीवी भारत जयपुर)

भारतीय परिधानों में बैंड बाजे की धुन पर नाचते हुए लोग बारात में शामिल हुए. शाही लवाजमें के साथ चारों भाई दशरथ और विश्वामित्र के साथ रामलीला मैदान पहुंचे. बारात के रास्ते में विभिन्न समाजों ने पुष्प वर्षा और आरती कर बारात का स्वागत किया. रामलीला मैदान पहुंचने के बाद रामलीला के प्रसंग को आगे बढ़ाते हुए जनक ने सीता का कन्यादान किया.

जयपुर में रामलीला (ETV Bharat Jaipur)

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समाज पर सकारात्मक रूप से पड़ता है प्रभाव : इस दौरान मंत्री जवाहर सिंह बेढम, सांसद मंजू शर्मा, महापौर कुसुम यादव और पूर्व महापौर ज्योति खंडेलवाल भी रामलीला देखने पहुंची. यहां मंत्री बेढम ने कहा कि ये सनातन संस्कृति के प्रचार प्रसार के लिए अनुकूल समय है. भगवान श्री राम की लीलाओं का मंचन पुरातन समय से ही जयपुर में और देश के विभिन्न कोनों में होता रहा है, क्योंकि भगवान श्री राम हमारे सबके आराध्य हैं.

राम विवाह (ETV Bharat Jaipur)

आज के परिपेक्ष में जहां पाश्चात्य संस्कृति का प्रभाव बढ़ा है, लोग अन्य प्रकार की सामग्रियां सोशल मीडिया पर परोसते हैं, उन सबको दरकिनार करते हुए हमारे जो परंपरागत रामलीलाएं होती रहनी जरूरी हैं. उनसे एक तो कलाकारों को काम मिलता है, दूसरा जो सजीव मंचन होता है उसका प्रभाव समाज पर सकारात्मक रूप से पड़ता है. पहली बार जयपुर में राम बारात निकाले जाने पर बेढम ने आयोजन समिति को बधाई भी दी.

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