पीलीभीतः भारतीय किसान यूनियन की ओर से मंगलवार को मंडी में किसान महापंचायत का आयोजन किया गया. जिसमें भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत शामिल हुए. कार्यक्रम के दौरान राकेश टिकैत ने सरकार पर जमकर हमला बोला. इसके साथ आंदोलन का ऐलान भी किया.
राकेश टिकैत ने कहा कि बीते दिनों तीन काले कानून सरकार लेकर आई थी. किसानों ने जब 13 महीने का आंदोलन दिल्ली के बॉर्डर पर किया तो यह कानून वापस ले लिए गए. लेकिन अब भारत सरकार एक मसौदा फिर लेकर आई है, जिससे मंडी धीरे धीरे काम होगी. मंडी में किसानों का अनाज नहीं आएगा, न ही मंडी का रेवेन्यू आएगा जिसके चलते धीरे-धीरे मंडी खत्म हो जाएगी.
मध्य प्रदेश की तर्ज पर 500 से 1000 मीटर के बड़े-बड़े प्लाट काट कर सरकार के लोगों को 99 साल की लीज पर दिए जाएंगे. बिहार में मंदिरों को बाजार समिति कहा जाता है, 2006 से यह बाजार समितियां बंद है. इन जमीनों को भी सरकार के लोगों को देने की तैयारी है. धीरे-धीरे यही व्यवस्था उत्तर प्रदेश में लागू करने की तैयारी है.
राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों के गन्ने का भुगतान नहीं मिल रहा है. एमसपी के नाम पर किसानों के साथ धोखा होता है. किसानों की फसलों को कम दाम पर खरीद कर उनके कथित उद्योगपति खुद किसान बनकर सरकार को बेचते हैं. टिकैत ने कहा कि देश में जमीन सस्ते दाम में खरीदने का एक बड़ा धंधा बन चुका है. 2013 के बाद सरकार ने सर्किल रेट नहीं बढ़ाए. क्योंकि सरकार चाहती है कि देश का किसान भूमिहीन हो जाए और मजदूरी करें.
अधिकारी के खिलाफ करेंगे आंदोलनःनेता राकेश टिकैत ने कहा कि पीलीभीत में किसानों को टारगेट किया जा रहा है. सिख संप्रदाय के लोगों को खालिस्तानी कहा जा रहा है, जो गलत है. अगर किसानों को और सिख समुदाय के लोगों को प्रताड़ित किया गया या किसी को भी आंदोलन में शामिल होने से रोका गया तो उसे अधिकारी के खिलाफ 72 घंटे का आंदोलन होगा.