शिमला: हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने पच्छाद निर्वाचन क्षेत्र के पूर्व विधायक गंगूराम मुसाफिर की पहले कांग्रेस में घर वापसी करवाई और कहा कि आगामी लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को इसका फायदा होगा. मगर फिर कांग्रेस कमेटी ने इस पर यू टर्न लेते हुए कहा कि पूर्व विधायक गंगूराम मुसाफिर को अभी कांग्रेस में वापस नहीं लिया गया है. इस बारे में ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष की ओर से क्लीयरेंस नहीं आई है. वहीं, अब इस मुद्दे को लेकर भाजपा ने कांग्रेस पर निशाना साधा है.
भाजपा ने ली मामले में चुटकी
इस मुद्दे को भुनाने में अब भाजपा कोई कसर नहीं छोड़ रही है. पूर्व मंत्री एवं बीजेपी के वरिष्ठ नेता महेंद्र नाथ सोफत ने इस मामले को लेकर चुटकी ली है. उन्होंने इसको लेकर सोशल मीडिया पर लंबा चौड़ा पोस्ट लिखा है और गंगूराम मुसाफिर को पहले कांग्रेस में शामिल करना और फिर यू टर्न लेते हुए संगठन में लेने से इनकार कर देने को असंवेदनशील करार दिया है.
राकेश जम्वाल ने भी साधा निशाना
वहीं, बीते दिन सुंदरनगर से बीजेपी विधायक राकेश जम्वाल ने भी गंगूराम मुसाफिर को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा था. राकेश जम्वाल ने कहा हिमाचल में कांग्रेस अपना कुनबा संभाल नहीं पा रही और इसका ठीकरा दूसरों पर फोड़ रही है. कांग्रेस में बिलकुल आपसी समन्वय नहीं है. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि गंगूराम मुसाफिर जैसे वरिष्ठ नेता को पहले कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने पार्टी ज्वाइन करवाई और दूसरे दिन उनको कार्यालय द्वारा लंबित करना, दुर्भाग्यपूर्ण है. ये देख कर तो गंगूराम भी यहीं गुनगुना रहे होंगे, "मुसाफिर हूं यारों ना घर हैं ना ठिकाना".
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गंगूराम मुसाफिर की घर वापसी को लेकर ट्विस्ट
हिमाचल में कांग्रेस से 6 साल से निष्कासित किए गए पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गंगूराम मुसाफिर की घर वापसी को लेकर ट्विस्ट आ गया है. कांग्रेस के संगठन महासचिव रजनीश किमटा ने कहा कि पच्छाद निर्वाचन क्षेत्र के पूर्व विधायक गंगूराम मुसाफिर को अभी कांग्रेस में वापस नहीं लिया गया है. इस बारे में ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष की ओर से क्लीयरेंस नहीं आई है.
गौरतलब है कि गंगूराम मुसाफिर की घर वापसी को लेकर कांग्रेस के संगठन महासचिव रजनीश किमटा ने सफाई दी है. उन्होंने कहा कि गंगूराम मुसाफिर ने पच्छाद निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी के खिलाफ आजाद प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ा था. ऐसे में अनुशासनात्मक कार्रवाई के तहत उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित किया गया है. हालांकि गंगूराम मुसाफिर ने पार्टी में वापसी के लिए बिना शर्त माफी मांगी है. ये मामला पहले डिसिप्लिनरी कमेटी के अध्यक्ष के पास गया. उसके बाद इस मामले को यहां से ये केस हिमाचल के कांग्रेस पार्टी के प्रभारी राजीव शुक्ला को भेजा गया. यहां से भेजने के बाद ये मामला अभी ऑल इंडिया कमेटी के अध्यक्ष के पास अभी लंबित है.
रजनीश किमटा ने कहा, 20 अप्रैल को गंगूराम मुसाफिर अपने सैकड़ों समर्थकों से साथ पीसीसी कार्यालय आए थे. उस दौरान यहां पर ऐसा माहौल बना कि जैसे गंगूराम मुसाफिर की घर वापसी हो गई हो. इसी से ही उनकी पार्टी में वापसी को लेकर कन्फ्यूजन पैदा हो गया. अगर पार्टी में किसी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई होती है तो इसके तय नियम होते हैं. जिसके आधार पर किसी का पार्टी से निष्कासन होता है. लेकिन फिर से पार्टी में वापसी के लिए वही रूट अपनाना पड़ता है. गंगूराम मुसाफिर की पार्टी में वापसी के मामला पीसीसी ने रिकमेंड कर दिया है. अब मामला ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के पास विचाराधीन है.
बता दें कि प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में 20 अप्रैल को शिमला संसदीय क्षेत्र के कार्यकर्ताओं की बैठक थी. इस दौरान कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने मीडिया से गंगूराम मुसाफिर के पार्टी में वापसी की बात कही थी. उन्होंने कहा था कि गंगूराम मुसाफिर की वापसी से पार्टी को मजबूती मिली है. इसी तरह से जल्द ही पार्टी से बाहर चल रहे नेताओं की भी पार्टी में वापसी होगी. प्रतिभा सिंह ने गंगूराम मुसाफिर का पार्टी में वापसी पर स्वागत भी किया था. वहीं गंगूराम मुसाफिर ने शिमला संसदीय क्षेत्र की मीटिंग के दौरान मुख्यमंत्री के साथ मंच भी साझा किया था.
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