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राजस्थान या यूपी हर राज्य में चोरी की यहां मिलेगी ट्रेनिंग, बडे़ छोटे लेवल का चोर बनने की फीस फिक्स - Rajgarh Villages Theives Training

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 22, 2024, 5:25 PM IST

Updated : Aug 22, 2024, 5:47 PM IST

बच्चों के भविष्य को संवारने के लिए माता-पिता और परिवार उन्हें अच्छे स्कूलों में भेजते हैं, ताकि वे पढ़-लिख कर जिम्मेदार नागरिक बन सकें लेकिन मध्यप्रदेश के तीन गांव ऐसे हैं, जहां बच्चों को क्राइम की ट्रेनिंग दी जाती है. मामला यहीं नहीं रूकता, लगातार अपराध करने की ट्रेनिंग के बाद बच्चों को चोरी करने का टारगेट भी सौंपा जाता है. इसके बाद मध्यप्रदेश के यही बच्चे दूसरे राज्यों में जाकर बड़ी-बड़ी वारदातों को अंजाम दे रहे हैं.

Rajgarh Villages Theives Training
राजगढ़ में चोर बनने की फीस फिक्स (ETV Bharat)

राजगढ़ :मध्यप्रदेश के ये तीन गांव राजस्थान की सीमा से सटे हुए हैं. ये गांव हैं राजगढ़ जिले के कड़िया, गुलखेड़ी और हुलखेड़ी. आमतौर पर इन तीन गांवों में जाने से पुलिस भी कतराती है. यहां तक कि बाहरी लोगों को पुलिस भी इन गांवों में जाने से मना करती है कि कहीं उन्हें लूट न लिया जाए. राजगढ़ का कडियां गांव हाल ही में राजस्थान के जयपुर स्थित होटल हयात में हुई डेढ़ करोड़ की चोरी से सुर्खियों में आया. इस होटल में वीआईपी शादी समारोह में डेढ़ करोड़ रुपए की ज्वेलरी से भरा बैग चोरी हो गया था.

राजस्थान या यूपी हर राज्य में चोरी की यहां मिलेगी ट्रेनिंग (ETV Bharat)

राजस्थान में हुई चोरी का एमपी कनेक्शन

राजस्थान के हयात होटल में हुई चोरी के तार राजगढ़ के कडियां गांव से तब जुड़े. जब मामले के सीसीटीवी फुटेज खंगाल संदिग्ध का चेहरा सामने आया. इसके बाद जयपुर पुलिस ने राजगढ़ पुलिस से संपर्क किया और पुलिस ने कड़िया गांव के एक नाबालिग आरोपी को दबोच लिया. यह कोई पहली घटना नहीं है, जिसके तार इन गांव से जुड़े हों. राजगढ़ के कड़ियां और आसपास के गांव के 2 हजार लोगों पर देश भर के पुलिस थानों में करीबन 8 हजार से ज्यादा प्रकरण पंजीबद्ध हैं. अपराधियों के इन गांव में पुलिस का पहुंचना भी आसान नहीं होता, पुलिस को यहां हमेशा पूरे सुरक्षा बंदोबस्त के साथ ही जाना पड़ता है.

इन्हें ढूंढ़ती हैं देश भर की पुलिस

इन गांव के लोगों को सही राह पर लाने के लिए पुलिस और प्रशासन द्वारा इन्हें लागातार समझाइश दी जाती है. पिछले दिनों राजगढ़ जिले के तत्कालीन कलेक्टर हर्ष दीक्षित भी इस गांव लोगों को समझाइश देने पहुंचे थे. उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा था कि कहीं न कहीं आप लोगों में प्रतिभा है, तभी 365 दिनों में 395 जगह की पुलिस यहां आपको ढूंढने आती है. लेकिन आप अपनी प्रतिभा का गलत जगह उपयोग कर रहे हैं. इसलिए आप लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है.

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गांव के बच्चों को दी जाती है ट्रेनिंग

पुलिस अधिकारियों के मुताबिक इन गांवों में छोटी उम्र से ही बच्चों को क्राइम की एबीसीडी सिखाई जाती है. इसके लिए माता-पिता खुद बच्चों को आपराधिक प्रवृति के लोगों के पास बच्चों को छोड़ते हैं और चोरी की ट्रेनिंग का पैसा भी देते हैं. इन बच्चों को भीड़ में चोरी करने, पकड़े जाने पर बचने के तरीके, लूट करने, तेजी से भागने जैसे तरीके सिखाए जाते हैं.

एसपी ने कहा- पूरे गांव पर नजर, कार्रवाई जारी

राजगढ़ एसपी आदित्य मिश्रा ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया, '' कड़िया, गुलखेड़ी और हुलखेड़ी के ग्रामीण हाई प्रोफाइल शादियों और बैंक से रकम निकालने वाले लोगों को अपना निशाना बनाते हैं और इनके द्वारा नाबालिग बच्चों से यह कृत्य कराया जाता है. पिछले पांच माह से मैं ये सब कुछ देख रहा हूं. इससे पहले कभी ये मामले पकड़े नहीं गए और ना ही ट्रेस हो पाए. इसलिए ये हाईलाइट नहीं हुए थे. लेकिन पिछले पांच महीने में हमने लगभग 4.50 करोड़ से अधिक की चोरी के खुलासे कर 78 लोगों को जेल भेजा है और अब पूरे गांव पर नजर है''

Last Updated : Aug 22, 2024, 5:47 PM IST

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