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"बंटेंगे तो कटेंगे" को रेहाना रियाज ने बताया 'कुकुरमुत्ता' टाइप नारा, बोलीं- ये भारतीय संस्कृति के खिलाफ - REHANA RIAZ IN KOTA

राजस्थान महिला आयोग की अध्यक्ष रेहाना रियाज ने "बंटेंगे तो कटेंगे" नारे पर आपत्ति जताई और इसे भारतीय संस्कृति और कल्चर के खिलाफ बताया.

Rehana Riaz in kota
रेहाना रियाज ने कोटा में दिया बयान (ETV Bharat GFX)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 19, 2024, 3:55 PM IST

कोटा :राजस्थानमहिला आयोग की अध्यक्ष और महिला कांग्रेस की पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रेहाना रियाज चिश्ती कोटा दौरे पर रहीं. उन्होंने मंगलवार को सर्किट हाउस में जनसुनवाई की. रेहाना रियाज ने "बटेंगे तो कटेंगे" के नारे पर आपत्ति जताई. उन्होंने इसे भारतीय संस्कृति और कल्चर के विरुद्ध बताया. उन्होंने कहा कि जो काटेगा, वही बताएगा कि बंटना चाहिए या नहीं. उन्होंने कहा कि समय-समय पर इस तरह के 'कुकुरमुत्ता' टाइप के नारे आते रहते हैं. अलग-अलग समय पर अलग-अलग विचार पनपाने की कोशिश की जाती है. हालांकि, यह समाज हमारा है, इसे कोई नहीं बांट सकता है.

टेंपरेरी टाइप में आते हैं इस तरह के नारे :रेहाना रियाज चिश्ती ने कहा कि भारतीय सभ्यता और संस्कृति काफी पुरानी है. रामायण काल से भी कई सालों पुराना हमारा इतिहास है. यह धीरे-धीरे हमने संजोया है. कोई एक व्यक्ति आकर इस सोच को खत्म नहीं कर सकता है. अगर 10 व्यक्ति इस तरह से सोच को खत्म करने के लिए खड़े होते हैं, तो सौ आदमी उसे बचाने के लिए भी खड़े हो जाते हैं. 'बंटेगा तो कटेगा' टेंपरेरी टाइप के नारे हैं, इस तरह के नारे आते हैं व चले जाते हैं. भारतीय समाज के लोग काफी समझदार हैं. समाज को न बांटा जा सकता है, न कोई काट सकता है. हम सब एक हैं और हमारे देश व संस्कृति की मजबूती के लिए एक साथ खड़े होते हैं.

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नहीं पहुंचे ज्यादा परिवादी :रेहाना रियाज चिश्ती की जनसुनवाई सुबह 11 से शुरू हुई. इसके लिए जिला प्रशासन ने बड़े स्तर पर सर्किट हाउस में व्यवस्था की थी, लेकिन महज डेढ़ दर्जन ही परिवादी महिलाएं सुनवाई में पहुंचीं. यह सुनवाई दोपहर 2:30 बजे तक चली. बड़ी संख्या में कुर्सियां जनसुनवाई के लिए लगाई थी, लेकिन सब खाली रहीं. जिला प्रशासन के भी आला अधिकारी सर्किट हाउस में मौजूद रहे. इस जनसुनवाई में सदस्य अंजना मेघवाल, सुमित्रा जैन, मेंबर सेक्रेटरी वीरेंद्र यादव और रजिस्ट्रार कम ओएसडी बृज माधुरी शर्मा भी मौजूद थी.

सुसाइड पर जताई चिंता :रेहाना रियाद चिश्ती ने कहा कि कोटा में घरेलू हिंसा के ज्यादा मामले सामने आए हैं और दहेज प्रताड़ना के भी कुछ मामले आए हैं. उन्होंने कहा कि कोटा एजुकेशन हब है. ऐसे में एसपी कलेक्टर से भी इस संबंध में चर्चा हुई है. उन्होंने कहा कि शराब और ड्रग्स का प्रचलन बढ़ रहा है. साथ ही आत्महत्या व डिप्रेशन के मामले भी सामने आ रहे हैं. सरप्राइज विजिट होनी चाहिए. कहीं पर बाथरूम सुरक्षित नहीं हैं तो कहीं चेंजिंग रूम में कैमरे लगा दिए हैं. पुलिस से भी आगे एडवांस सोच के अपराधी काम कर रहे हैं और इन सब चीजों पर सोचने की आवश्यकता है कि किस तरह से अपराध को रोका जाए.

रेहाना रियाज का कहना है कि सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि जितने मामले पुलिस और महिला आयोग के पास पहुंच रहे हैं, उससे कई ज्यादा मामले लोक लाज के चलते दबा दिए जाते हैं. पीड़ित महिलाओं को हम तक नहीं पहुंचने दिया जाता है. यह ज्यादा चिंतनीय विषय है, इसलिए महिला आयोग जिला स्तर पर जाकर सुनवाई कर रहा है, ताकि 300 किलोमीटर दूर जयपुर नहीं आकर बॉर्डर एरिया कि पीड़ित महिलाएं भी अपनी समस्याएं बता सकें. उपचुनाव पर उन्होंने कहा कि यह महिला आयोग के संबंध में कोटा आई हैं, इसलिए राजनीतिक बयानबाजी नहीं कर सकती.

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