जयपुर.पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के वित्तीय कुप्रबंधन के कारण प्रदेश में बिजली का संकट पैदा हुआ. महंगी दरों पर बिजली खरीदनी पड़ी, लेकिन अब जल्द राजस्थान सरप्लस एनर्जी स्टेट के रूप में उभर कर आएगा. यह बातें मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में हुए पांच एमओयू और एक पीपीए साइन होने के दौरान कही. सीएम ने कहा कि थर्मल और अक्षय ऊर्जा उत्पादन के प्रोजेक्ट को लेकर जमीन और पानी उपलब्ध कराने के लिए सरकार कटिबद्ध है. साथ ही उन्होंने अपील की, कि आज प्रदेश में सबसे ज्यादा जरूरत ऊर्जा की है. ऐसे में इन परियोजनाओं को समय पर पूरा किया जाए.
ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा राजस्थान : प्रदेश को ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में रविवार को नए कीर्तिमान स्थापित हुए. प्रदेश में विद्युत प्रसारण तंत्र को सुदृढ़ करने, थर्मल और अक्षय ऊर्जा के उत्पादन की नई परियोजनाओं की स्थापना के लिए राज्य सरकार और केंद्रीय उपक्रमों के बीच 5 एमओयू और एक पावर परचेज एग्रीमेंट हुआ. इसके तहत प्रदेश में 31 हजार 825 मेगावाट से ज्यादा बिजली उत्पादन के प्रोजेक्ट्स सहित ऊर्जा क्षेत्र के विकास के लिए 1.60 लाख करोड़ रुपए के निवेश होंगे. ये एग्रीमेंट राज्य के 3 विद्युत निगमों और 6 केंद्रीय उपक्रमों के उच्च अधिकारियों के बीच मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी और ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर की मौजूदगी में हुआ.
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ये हुए समझौते :
- 3 हजार 325 मेगावाट क्षमता के थर्मल आधारित प्रोजेक्ट्स के लिए राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (आरवीयूएन) के साथ कोल इंडिया लिमिटेड, राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम (एनटीपीसी) और एनएलसी इंडिया के बीच एमओयू किया गया. साथ ही अक्षय ऊर्जा आधारित 28 हजार 500 मेगावाट की परियोजनाओं के लिए आरवीयूएन और एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी के बीच एमओयू किया गया. इन पर 1 लाख 50 हजार करोड़ का निवेश किया जाएगा.
- विद्युत प्रसारण तंत्र को सुदृढ़ करने के लिए राजस्थान विद्युत प्रसारण निगम और पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन के बीच 10 हजार करोड़ रुपये के निवेश का समझौता हुआ. साथ ही 600 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजनाओं के जरिए बिजली सप्लाई के लिए राजस्थान ऊर्जा विकास निगम और एसजेवीएन ग्रीन एनर्जी के बीच पावर परचेज एग्रीमेंट (पीपीए) भी किया गया.
- राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम की ओर से छबड़ा तापीय विद्युत परियोजना में 1600 मेगावाट कोयला आधारित परियोजना के लिए एनटीपीसी के साथ और 25000 मेगावाट सौर/पवन परियोजना के लिए एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के साथ समझौता किया गया.
- कोल इंडिया लिमिटेड के साथ 1600 मेगावाट पिट हेड कोयला आधारित परियोजना, 2250 मेगावाट सोलर परियोजना, 200 मेगावाट पन-विद्युत पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट और 50 मेगावाट विंड परियोजना सहित कुल 4100 मेगावाट की परियोजनाओं के लिए भी आरवीयूएनएल एमओयू हुआ.
- 125 मेगावाट की पिट हेड लिग्नाइट आधारित परियोजना और 1000 मेगावाट सौर परियोजना के लिए एनएलसी इंडिया लिमिटेड के साथ भी एमओयू किया गया.
- प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर के डेवलपमेंट के लिए राजस्थान सरकार के विभिन्न उपक्रमों को वित्तीय संसाधन उपलब्ध करवाने की दृष्टि से रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉर्पोरेशन (आरईसी) लिमिटेड और राज्य सरकार के मध्य भी एमओयू किया जाएगा. इसके तहत आरईसी लिमिटेड राज्य सरकार के विभिन्न विभागों, उपक्रमों, संस्थाओं और योजनाओं के लिए 20 हजार करोड़ रुपए का ऋण प्रतिवर्ष उपलब्ध करवाएगा.
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