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भर्तियों में मुद्दों के निस्तारण के लिए क्यों ना SOP व विभागीय कमेटी बने : हाईकोर्ट - RAJASTHAN HIGH COURT

Rajasthan High Court- भर्तियों में मुद्दों के निस्तारण के लिए क्यों ना SOP व विभागीय कमेटी बने ? हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से कहा.

Rajasthan High Court
राजस्थान हाईकोर्ट (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 22, 2024, 9:50 PM IST

जयपुर: राजस्थान हाईकोर्ट ने सरकारी भर्तियों में विभिन्न मुद्दों के चलते पूरी भर्ती प्रक्रिया प्रभावित होने और इसमें देरी होने से जुडे मामले में राज्य सरकार से कहा है कि क्यों ना अभ्यर्थियों की शिकायतों के निस्तारण के लिए एक एसओपी तैयार की जाए. वहीं, हर सरकारी विभाग में शिकायत निवारण कमेटियां बनाई जाए जो अभ्यर्थियों की शिकायतों का शुरुआती स्तर पर ही निस्तारण कर सकें.

इसके साथ ही अदालत ने राज्य के एएजी बसंत सिंह छाबा व विज्ञान शाह से कहा है कि वे इस संबंध में कार्मिक विभाग से भी चर्चा करें और भर्तियों के संबंध में सभी सरकारी विभागों से प्रपोजल मांगें. जस्टिस समीर जैन ने यह आदेश एएनएम भर्ती में विभिन्न मुद्दों पर दायर ज्योति कुमारी मीना व अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिए.

पढ़ें :एसआई भर्ती-2021 पर हाईकोर्ट की यथास्थिति 10 दिसंबर तक जारी

अदालती आदेश के पालना में प्रमुख चिकित्सा सचिव गायत्री राठौड़ और प्रमुख विधि सचिव ब्रजेन्द्र कुमार जैन अदालत में उपस्थित हुए. मेडिकल विभाग की ओर से अधिवक्ता अर्चित बोहरा ने कहा कि विभाग की भर्तियों में अस्थाई सूची जारी होने के बाद अभ्यर्थियों से परिवेदनाएं ली जाती हैं और इन्हें परिवेदना कमेटी के पास भेजा जाता है.

इसके बाद इन्हें नीति निर्धारण समिति में रखा जाता है. वहीं, विधि विभाग की ओर से कहा गया कि एडीजे भर्ती में भी आपत्तियों का निस्तारण किया और राज्य सरकार के विभागों से चर्चा कर एसओपी बनाई जा सकती है. सुनवाई के दौरान अदालत ने आरपीएससी की कार्यशैली पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि अखबारों की खबरों से पता चल रहा है कि आरपीएससी में चयन कैसे हो रहे हैं. वहां पर पारदर्शिता की कमी है और भेदभाव होता है. कई बार जिन अभ्यर्थियों के लिखित परीक्षा में कम अंक होते हैं उनके साक्षात्कार में ज्यादा अंक दे दिए जाते हैं. अदालत ने मामले में सभी पक्षों को सुनकर मामले की सुनवाई 28 नवंबर को तय की है.

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