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साइबर फ्रॉड में जमा अपनी राशि वापसी के लिए करना पड़ रहा है हाईकोर्ट तक संघर्ष - HC ON CYBER CRIME

साइबर फ्रॉड में जमा अपनी राशि वापसी के लिए करना पड़ रहा है हाईकोर्ट तक संघर्ष. राजस्थान हाईकोर्ट ने ऐसा क्यों कहा, यहां जानिए...

Rajasthan High Court
राजस्थान हाईकोर्ट (ETV Bharat Jaipur)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 14, 2025, 8:22 PM IST

जयपुर: साइबर फ्रॉड में गई राशि को भले ही बैंक में फ्रीज कर दिया हो, लेकिन पीड़ित युवती को उसे वापस लेने के लिए राजस्थान हाईकोर्ट तक संघर्ष करना पड़ा. अब हाईकोर्ट ने निचली अदालत को निर्देश दिए हैं कि वह संबंधित बैंक को आदेश देकर याचिकाकर्ता को राशि दिलाए. हालांकि, अदालत ने कहा है कि याचिकाकर्ता निचली अदालत में यह अंडरटेकिंग दे कि यदि किसी तीसरे पक्ष ने इस राशि पर क्लेम किया तो वह राशि जमा करा देगा और अदालत उस पर फैसला करेगी.

जस्टिस अनूप कुमार ढंड की एकलपीठ ने यह आदेश वृषिता मेहता की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए. याचिका में अधिवक्ता विजय पाठक ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता के सााि साल 2022 में साइबर फ्रॉड हुआ था. इसके चलते उससे 99,999 रुपए बंधन बैंक में किसी अमित नाम के खाते में ट्रांसफर कराए गए. याचिकाकर्ता को ठगी की जानकारी मिलने पर उसने बगरू थाने में रिपोर्ट दर्ज करा दी.

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इसके बाद संबंधित बैंक खाते में जमा राशि को फ्रीज करा दिया गया. इस राशि पर किसी अन्य के क्लेम नहीं करने पर याचिकाकर्ता ने अपनी राशि को वापस लेने के लिए निचली अदालत में सुपुर्दगी प्रार्थना पत्र पेश किया, जिसे निचली अदालत ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि याचिकाकर्ता से हुए फ्रॉड के बाद संबंधित बैंक में यह राशि जमा हुई है और जांच लंबित है. याचिका में कहा गया कि पुलिस ने बाद में एफआर पेश करते हुए याचिकाकर्ता को राशि देने पर आपत्ति नहीं होना बताया.

इस पर याचिकाकर्ता ने फिर से निचली अदालत में प्रार्थना पत्र पेश किया, लेकिन अदालत ने फिर से प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया. याचिका में कहा गया कि बीते करीब तीन साल से किसी तीसरे पक्ष ने इस राशि पर क्लेम नहीं किया है और उसे अभी तक अपनी यह राशि नहीं मिली है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने निचली अदालत को सुपुर्दगी पर यह राशि याचिकाकर्ता को दिलाने को कहा है.

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