दौसा : मेहंदीपुर बालाजी में मंगलवार शाम को धर्मशाला के एक कमरे में एक ही परिवार के चार लोगों के मृत मिलने की घटना से क्षेत्र में सनसनी फैल गई. करौली एसपी ब्रजेश ज्योति उपाध्याय के नेतृत्व में टोडाभीम थाना पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी है.
दरअसल, करौली जिले की सीमा पर मेहंदीपुर बालाजी मंदिर के सामने समाधि वाली गली में स्थित रामा-कृष्णा आश्रम धर्मशाला में करीब 7 बजे जब कर्मचारी मोहनलाल योगी कमरा नंबर 119 की सफाई करने के लिए गया तो गेट थोड़ा सा खुला हुआ था. इस दौरान अंदर एक महिला फर्श पर पड़ी नजर आई. कर्मचारी गेट खोलकर अंदर गया तो वहां चार शव पड़े हुए मिले. कर्मचारी ने मामले की सूचना होटल मालिक गुड्डू शर्मा को दी और होटल मालिक ने मामले की सूचना पुलिस को दी. ये मामला धर्मशाला के कमरा नंबर 119 का है. करौली एसपी ब्रजेश ज्योति उपाध्याय इस पूरे मामले की मॉनिटरिंग कर रहे हैं.
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सुबह हुई थी तबियत खराब : सीसीटीवी कैमरे के अनुसार, सुरेंद्र परिवार के साथ मंगलवार सुबह बालाजी महाराज के दर्शनों के लिए गया था. इस दौरान करीब 8 बजे सभी लोग धर्मशाला में वापिस आ गए. इसके बाद सुरेंद्र की तबियत खराब हुई, जिसके चलते परिजन एक ई-रिक्शा की मदद से सुरेंद्र को अस्पताल में दिखाने के लिए लेकर आए. अस्पताल में दिखाने के बाद वापस धर्मशाला में आ गए. 6 बजे तक मृतकों की धर्मशाला में अपने कमरे के बाहर सीसीटीवी में मूवमेंट नजर आई है. करीब 7 बजे धर्मशाला के कर्मचारी को सभी लोग कमरे के अंदर मृत अवस्था में मिले. मां कमलेश और बेटी नीलम बेड के बगल में पड़े हुए थे. पिता सुरेंद्र बेड पर पड़ा हुआ था. वहीं, बेटा नितिन बाथरूम के गेट के बीच में पड़ा हुआ था.
2 साल बाद आए बालाजी : पुलिस ने मृतका कमलेश के भतीजे पतंजलि में फिजिशियन डॉक्टर सुशील को मामले की सूचना दी. डॉक्टर सुशील उपाध्याय ने बताया कि उनके फूफा सुरेंद्र कुमार (61) पुत्र ताराचंद और उनका पूरा परिवार बेहद खुशमिजाज स्वभाव का था. फूफा और बुआजी कमलेश बालाजी महाराज के भक्त थे, इसलिए घर पर भी बालाजी की प्रतिदिन पूजा करते थे. वहीं, करीब 2 साल बाद वे मेहंदीपुर बालाजी आए थे. इससे पहले भी वो कई बार बालाजी आ चुके हैं. इस बार फूफा सुरेंद्र के साथ उनकी पत्नी कमलेश (57) बेटा नितिन (33) और बेटी नीलम (31) निवासी रायपुर देहरादून 12 जनवरी को मेहंदीपुर बालाजी आए थे. उन्होंने नितिन की आईडी से कमरा किराए पर लिया था. 14 जनवरी को होटल से चेक आउट करना था, लेकिन इससे पहले ही ये घटना घट गई.
परिवार का कोई सदस्य नहीं था बीमार : सुशील ने बताया कि परिवार में सभी लोग खुशमिजाज स्वभाव के थे. सुरेंद्र कुमार देहरादून में ओढ़नेस कंपनी में ड्राइवर थे. वहीं, बेटा नितिन उसी कंपनी में अच्छी पोस्ट पर कार्यरत था. कमलेश हाउस वाइफ थी. नितिन की शादी के लिए रिश्ते वाले आ रहे थे. वहीं, बेटी नीलम की शादी कई वर्षों पहले ही कर दी थी, लेकिन आपसी मनमुटाव के चलते बेटी पिछले 5 से 6 साल से अपने पिता के पास ही रह रही थी. उसका अपने पति के साथ डाइवोर्स का केस भी चल रहा है.
परिवार के सदस्य मेहंदीपु बालाजी के लिए हुए रवाना : पुलिस से सामूहिक आत्महत्या के मामले की सूचना मिलते ही मृतकों के परिजन देहरादून से रात में ही मेहंदीपुर बालाजी के लिए रवाना हो गए. मंगलवार देर रात एसपी ब्रजेश ज्योति उपाध्याय ने पूरे मामले की बारीकी से जांच कर करौली और भरतपुर से एफएसएल टीम को मौके पर बुलाया. इस दौरान एफएसएल टीम ने मौके से साक्ष्य जुटाए. साथ ही धर्मशाला के कमरा नंबर 119 को सीज कर दिया है.
परिचितों से सुबह 7 बजे हुई आखिरी बात : मृतका कमलेश के भतीजे सुशील ने बताया कि बुआ ने घर में गाय पाल रखी है. ऐसे गाय और घर की देखभाल के लिए बुआ कमलेश और फूफा सुरेंद्र से मेरे पिता कैलाशचंद की मंगलवार सुबह 7 बजे बात हुई थी. इस दौरान उन्होंने गाय और घर की देखभाल करने की बात कही थी. जब पिता कैलाशचंद ने शाम करीब 7 बजे फोन किया तो, किसी ने फोन उठाया नहीं. सुशील सहित मृतक सुरेंद्र का छोटा भाई मुकेश और बड़े भाई का बेटा मेहंदीपुर बालाजी के लिए रवाना हो गए. सभी मृतकों के शव टोडाभीम अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिए गए हैं. परिजनों के आने के बाद सभी शवों का पोस्टमार्टम किया जाएगा.