जयपुर.भ्रष्ट आचरण और काम में लापरवाही बरतने वाले सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ अब राज्य की भजनलाल सरकार सख्त एक्शन लेने जा रही है. मुख्य सचिव सुधांशु पंत के 16 मई को सीनियर ऑफिसर्स के साथ हुई बैठक में सरकारी सिस्टम में सर्विस डिलीवरी को मजबूत करने के लिए अहम निर्देश दिए गए थे. साथ ही अब भ्रष्ट अधिकारी और कर्मचारियों की सूची तैयार की जा रही है. वहीं, अब राज्य सरकार ऐसे कर्मचारियों और अधिकारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देगी. इसको लेकर जारी निर्देश में साफ कर दिया गया है कि जो अधिकारी और कर्मचारी अपने कर्तव्यों का निर्वहन निष्पक्षता और पारदर्शिता के साथ नहीं कर रहे हैं, उन्हें सरकारी सेवा से बाहर का रास्ता दिखाया जाए.
ये दिए आदेश :मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 16 मई को हुई सीनियर ऑफिसर्स मीटिंग में सरकारी सिस्टम में सर्विस डिलीवरी मजबूत करने के लिए अहम निर्देश दिए गए. बैठक में मिले निर्देशों के बाद सभी विभागों के आलाधिकारियों को इससे अवगत करा दिया गया है. साथ ही यह भी साफ कर दिया गया है कि भ्रष्ट आचरण, राजकाज में अरुचि, प्रशासनिक काम में असमर्थता दिखाने वाले कर्मियों को अब अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जाएगी. इसको लेकर संबंधित प्रशासनिक विभाग को प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश भी दिए गए हैं.
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इसके अलावा यह भी कहा गया है कि सभी कर्मी निष्पक्षता, पारदर्शिता और अपने उत्तरदायित्व को समझते हुए काम करें, इसलिए ये निर्देश दिए गए हैं. इसके साथ ही भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के 17 ए सेक्शन के तहत एसीबी के प्रकरणों की जांच संबंधी कार्मिक विभाग या संबंधित विभाग 31 मई तक लंबित प्रकरणों का निपटारा करें. राजकाज पर फाइल मूवमेंट, पीयूसी प्रदर्शित करने, संबंधित कर्म को ई पत्रावली भिजवाने, सर्च आसान करने जैसी तकनीकी खामियां सूचना प्रौद्योगिकी विभाग को जल्द जारी करनी होगी. ए श्रेणी के विभागों को मंत्री से अनुमोदित कराकर तबादला नीति जल्द ARD को भेजनी होगी. साथ ही इन विभागों को जल्द कैबिनेट नोट का मसौदा तैयार करना होगा. आचार संहिता हटते ही मुख्यमंत्री को यह मसौदा भेजना होगा. बी श्रेणी के विभागों को 8 दिनों में नीति का मसौदा ARD को भेजनी होगी.