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Rajasthan: चौरासी विधानसभा : कांग्रेस पर्यवेक्षकों के सामने दावेदारों ने किया शक्ति प्रदर्शन, दिलाई गई ये कसम

चौरासी विधानसभा उपचुनाव. कांग्रेस पर्यवेक्षकों की टीम के सामने दावेदारों ने किया शक्ति प्रदर्शन. दावेदारों की दिलाई कसम. एकजुट होकर जिताएं चुनाव.

Rajasthan By Election
कांग्रेस पर्यवेक्षकों की टीम (ETV Bharat Dungarpur)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 21, 2024, 6:29 PM IST

डूंगरपुर: जिले की चौरासी विधानसभा सीट पर उपचुनाव को लेकर पीसीसी की ओर से नियुक्त पर्यवेक्षकों की टीम सोमवार को डूंगरपुर पहुंची. डूंगरपुर जिले के सीमलवाड़ा में कांग्रेस पर्यवेक्षकों की टीम के समक्ष टिकट के दावेदारों ने अपने समर्थकों के साथ शक्ति प्रदर्शन किया. वहीं, पर्यवेक्षकों ने दावेदारों व प्रमुख कार्यकर्ताओं से संवाद किया, साथ ही दावेदारों में से जिसको भी टिकट मिले, एकजुट होकर चुनाव जिताने की कसम भी दिलाई.

डूंगरपुर जिले की चौरासी विधानसभा सीट पर उपचुनाव को लेकर अभी तक सिर्फ भारत आदिवासी पार्टी ने अपना उम्मीदवार उतारा है. वहीं, भाजपा व कांग्रेस ने अभी तक अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है. इधर कांग्रेस से टिकट को फाइनल करने से पहले पीसीसी की ओर से नियुक्त पर्यवेक्षक पूर्व मंत्री सुखराम बिश्नोई, पूर्व मंत्री मांगीलाल गरासिया, पिपल्दा विधायक चेतन पटेल डूंगरपुर जिले के सीमलवाड़ा पहुंचे.

सुखराम बिश्नोई (ETV Bharat Dungarpur)

इस दौरान कांग्रेस से टिकट चाहने वाले दावेदारों ने अपने समर्थकों के साथ पर्यवेक्षकों के समक्ष शक्ति प्रदर्शन किया. वहीं, इस मौके पर पर्यवेक्षकों ने टिकट के दावेदारों के साथ चौरासी विधानसभा क्षेत्र के प्रमुख कार्यकर्ताओं से संवाद किया. इस दौरान कार्यकर्ताओं ने पर्यवेक्षकों से उपचुनाव में बीएपी से गठबंधन नहीं करने की मांग उठाई. जिस पर पर्यवेक्षक सुखराम बिश्नोई ने कार्यकर्ताओं से कहा कि उनकी भावना को कांग्रेस आलाकमान तक पहुंचाई जाएगी. वहीं, इस मौके पर पूर्व मंत्री सुखराम बिश्नोई ने सभी दावेदारों को कसम दिलाई, जिसमें उन्होंने कहा कि पार्टी जिसको भी टिकट दे, सभी को एकजुट होकर कांग्रेस पार्टी को चुनाव जिताना है. इधर बैठक में कांग्रेसी नेताओं ने भाजपा व बीएपी पर भी जमकर निशाना साधा.

गहलोत सरकार को दिया था सबसे पहले समर्थन, लोकसभा में कांग्रेस के समर्थन से जीते राजकुमार : 2018 के विधानसभा चुनावों के बाद तब बीटीपी से विधायक रहे राजकुमार रोत और सागवाड़ा विधायक रहे रामप्रसाद डिंडोर ने सबसे पहले कांग्रेस को समर्थन दिया था. 2019-20 में कांग्रेस सरकार के संकट के समय दोनों ही विधायक गहलोत सरकार के पक्ष में आ गए थे. इसके बाद राष्ट्रपति चुनाव के समय भी दोनों विधायक कांग्रेस के साथ खड़े रहे.

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इसके बाद 2023 विधानसभा चुनाव में फिर से दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन की चर्चा चली, लेकिन दोनों पार्टियों के बीच सीट बंटवारे को लेकर सहमति नहीं बन सकी. 2024 लोकसभा चुनाव में भारत आदिवासी पार्टी से राजकुमार रोत चुनाव मैदान में उतरे. कांग्रेस ने भी अपना प्रत्याशी उतार दिया, लेकिन बाद में कांग्रेस ने बीएपी को समर्थन देते हुए अपने प्रत्याशी के नामांकन वापसी की घोषणा कर दी. हालांकि, प्रत्याशी ने अपना नामांकन वापस नहीं लिया, बावजूद इसके कांग्रेस ने बीएपी प्रत्याशी राजकुमार रोत का समर्थन किया और वे चुनाव जीत गए.

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