नई दिल्ली: भारतीय रेलवे दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क है, जो प्रतिदिन लाखों यात्रियों को सेवा प्रदान करता है. अपने यात्रियों की सहायता के लिए, रेलवे ने पहले कुछ खास समूहों को किराए में छूट की पेशकश की थी. हालांकि, कोविड-19 महामारी के बाद वरिष्ठ नागरिकों को ट्रेन किराए में दी जाने वाली छूट बंद कर दी गई.
इस बदलाव के बावजूद, कई यात्री अभी भी अपने किराए में 75 प्रतिशत तक की छूट का लाभ उठा रहे हैं. भारतीय रेलवे यात्रियों को टिकट में भारी छूट दे रही है. हालांकि, यह छूट विशेष यात्रियों के लिए ही उपलब्ध है. इन रियायतों का मकसद जरूरतमंद लोगों के लिए ट्रेन यात्रा को और ज्यादा किफायती बनाना है.
बता दें कि रेलवे जिन यात्रियों को यह रियायत दे रहा है, उनमें दिव्यांग, मूक-बधिरों, गंभीर मरीज और छात्र शामिल हैं. यह सभी यात्री ट्रेन से सफर करने पर इन रियायत का फायदा उठा सकते हैं.
दिव्यांग यात्रियों को मिलने वाली रियायतें
भारतीय रेलवे दिव्यांग लोगों को ध्यान में रखते हुए दृष्टिबाधित, मानसिक रूप से दिव्लांग या पूरी तरह से दिव्लांग यात्रियों को ट्रेन किराए पर 75 प्रतिशत तक की छूट देती है. यह छूट जनरल क्लास, स्लीपर और 3एसी पर लागू होती है.
इसके अलावा 1AC और 2AC श्रेणियों में दिव्लांग यात्री 50 फीसदी रियायत के पात्र हैं. वहीं, राजधानी और शताब्दी जैसी प्रीमियम ट्रेनों के लिए उन्हें 3AC और AC चेयर कार बुकिंग पर छूट 25 प्रतिशत छूट मिलती है.
मूक-बधिरों को 50 फीसदी छूट
इसके अलावा रेलवे उन यात्रियों को भी छूट देती है, जो पूरी तरह से सुनने और बोलने में असमर्थ हैं. भारतीय रेलवे ऐसे यात्रियों को किराए में 50 फीसदी छूट देती है.
गंभीर मरीजों को भी छूट
भारतीय रेलवे कैंसर, थैलेसीमिया, हृदय रोग, किडनी रोग, हीमोफीलिया, तपेदिक, एड्स, ऑस्टियोमी, एनीमिया और अप्लास्टिक एनीमिया जैसी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को भी 50-100 फीसदी तक की छूट देती है.
छात्रों को मिलती है रियायत
रेलवे छात्रों को अपने गृहनगर या शैक्षिक दौरों पर यात्रा करते समय ट्रेन किराए में राहत देता है. ट्रेन की श्रेणी के आधार पर छात्रों को किराए में 50 फीसदी से से 75 प्रतिशत तक छूट मिलती है. इस छूट से उन छात्रों को फायदा होता है जो पढ़ाई के लिए लंबी यात्रा करते हैं.
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