जयपुर : जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत और जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री कन्हैया लाल चौधरी ने रविवार को बयान जारी कर कांग्रेस पर जुबानी हमला बोला. सुरेश सिंह रावत ने कहा कि कांग्रेस ने यमुना जल समझौते को रद्द करने के मंसूबे रखे और पानी-बिजली को प्राथमिकता नहीं दी. वहीं, जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री कन्हैया लाल चौधरी ने कहा कि कांग्रेस ने भ्रष्टाचार कर जनता को प्यासा रखा, लेकिन हमारी सरकार हर घर जल पहुंचाने का काम कर रही है.
जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में प्रदेश के विकास के नव युग का सूत्रपात जल क्रांति के साथ हुआ. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में हमारी सरकार ने करीब 3 दशकों से अटके यमुना जल समझौता आगे बढ़ाया, जिससे शेखावाटी क्षेत्र की आस को नई उम्मीद मिली है. कांग्रेस ने कभी भी पानी-बिजली को प्राथमिकता नहीं दी. जल परियोजनाओं जैसे- ईआरसीपी, यमुना जल समझौते को लटकाया-भटकाया. यमुना जल समझौते की नींव प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. भैरोंसिंह शेखावत ने रखी थी. कांग्रेस ने इसके लिए न तो कोई कारगर कदम उठाए और न ही कोई कार्य योजना बनाई. कांग्रेस ने इस संबंध में इतिहास में कभी केन्द्र सरकार को पत्र तक नहीं लिखा और वर्तमान में भी हरियाणा चुनाव के घोषणा पत्र में यमुना जल समझौते को रद्द करने के मंसूबे जाहिर किए.
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रावत ने कहा कि मई 1994 में यमुना जल पर समझौते के अनुसार अपर यमुना रिवर बोर्ड की ओर से ताजेवाला हेड (हथिनीकुंड बैराज) पर मानसून अवधि में 1917 क्यूसेक जल राजस्थान को आंवटित किया गया था, लेकिन तीन दशकों के बाद इस समझौते को एक नई दिशा मिली. 17 फरवरी, 2024 को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के प्रयासों के फलस्वरूप राजस्थान और हरियाणा की सरकार के मध्य केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री की उपस्थिति में नई दिल्ली में एमओयू पर हस्ताक्षर हुए. जल्द ही दोनों राज्यों की संयुक्त टास्क फोर्स डीपीआर बनाएगी.
जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री कन्हैया लाल चौधरी ने कहा कि कांग्रेस ने जल जीवन मिशन को भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ाया और प्रदेश की जनता को प्यासा रखा. हमारी सरकार ने जल जीवन मिशन के तहत 10 लाख से अधिक ग्रामीण परिवारों को नल से जल पहुचाया है. साथ ही भूजल के नियंत्रित दोहन, भूजल संसाधनों का प्रबंधन व प्रभावी नियंत्रण की दिशा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'जल संचय जन भागीदारी' के आह्वान पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने 'कर्मभूमि से मातृभूमि अभियान' की पहल की है. इसके अन्तर्गत राजस्थान में व्यर्थ बहकर चले जाने वाले वर्षा जल की एक-एक बूंद का संचय एवं संग्रहण के लिए प्रदेश में कुल 45000 रिचार्ज शाफ्ट संरचनाओं का निर्माण का लक्ष्य रखा गया. प्रदेश के भामाशाह, प्रवासी राजस्थानी एवं उद्यमी जल संचय के इस अभियान में अपनी भूमिका निभाते हुए जल संचयन संरचनाओं के निर्माण का संकल्प ले रहे हैं.