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देवनानी बोले- दुनिया की कोई भी ताकत संविधान को समाप्त नहीं कर सकती, आपातकाल पर कही ये बड़ी बात - Rajasthan Assembly Speaker

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 14, 2024, 10:07 PM IST

Speaker Devnani on Constitution, राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष देवनानी ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि दुनिया की कोई भी ताकत भारतीय संविधान को खत्म नहीं कर सकती. आपातकाल को 'संविधान हत्या दिवस' के रूप में घोषित करने को लेकर कहा कि सत्ता पक्ष ने सोच-समझ कर यह निर्णय लिया है.

Vasudev Devnani
वासुदेव देवनानी (ETV Bharat Bhilwara)

वासुदेव देवनानी, राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष (ETV Bharat Bhilwara)

भीलवाड़ा.विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी रविवार को भीलवाड़ा पहुंचे हरी सेवा उदासीन आश्रम में महामंडलेश्वर का आशीर्वाद लिया. इस दौरान देवनानी ने प्रेस से मुखातिब होते हुए बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि आपातकाल को संविधान हत्या दिवस के रूप में घोषित करना मैं समझता हूं कि सत्ता पक्ष ने सोच समझकर निर्णय किया है. बाकी संविधान को दुनिया की कोई भी ताकत समाप्त नहीं कर सकती है, क्योंकि बाबा साहब अंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान का सभी सम्मान करते हैं. कोई पार्टी सत्ता में आ जाए तो वह भी संविधान के साथ छेड़छाड़ नहीं कर सकती.

विधानसभा कार्यवाही के दौरान विपक्ष द्वारा हंगामा के सवाल पर कहा कि लोकतंत्र में वाद-विवाद होना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है. इसके आधार पर विधानसभा में दोनों पक्ष जागरूक रहकर अपना पक्ष रखते हैं, लेकिन कई बार थोड़ी-थोड़ी बात पर गहमागहमी होना स्वाभाविक है. ऐसी स्थिति में तुरंत मर्यादा व नियमों का हवाला देकर व्यवस्थित कर दिया जाता है, लेकिन फिर भी कभी-कभी विपक्ष किसी मुद्दे पर आक्रामक होता है तो विपक्ष के नेताओं से बातचीत कर समस्या का समाधान निकाल लिया जाता है.

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इस बार विधानसभा की कार्यवाही में शिक्षा व गृह विभाग की अनुदान मांगें हटाने पर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली हमलावर हैं. इस सवाल पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि विधानसभा में बिजनेस एडवाइजरी कमेटी बनी हुई है. विपक्ष के नेता भी उसके सदस्य हैं. उनसे इस तरह की चर्चा करना उचित नहीं है. हमेशा 60-70 अलग-अलग मांगों पर विचार होता है, लेकिन 16 से ज्यादा मांगों पर चर्चा होती नहीं है.

वहीं, आपातकाल को संविधान हत्या दिवस रूप में घोषित करने पर देशभर में विरोध है, इस सवाल पर देवनानी ने कहा कि आपातकाल लगा था, यह सत्य है. आपातकाल के दौरान संविधान को ताक में रखकर लोकतंत्र का गला घोंटा गया और लोकतंत्र की व्यवस्थाओं को समाप्त कर दिया गया था, यह घटना सबके सामने है. उस समय कई लोग जेल गए थे जो लोकतंत्र की हत्या थी.

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