जयपुरः राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को दिन भर हाईवोल्टेज ड्रामा चला. भजन लाल सरकार में कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा के फोन टैपिंग मामले पर विपक्ष ने प्रश्नकाल से लेकर मुख्यमंत्री के राज्यपाल अभिभषण में दिए रिप्लाइ तक हंगामा ही बरपाए रखा. हालात ये रहे कि नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने अभिभाषण पर बहस भी नहीं की. सदन में चले इस व्यवधान को दूर करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कई बार प्रयास भी किए, लेकिन विपक्ष सरकार से सदन में जवाब पर अड़ा रहा.
इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा कि गतिरोध दूर करने के भरपूर प्रयास किया, लेकिन विपक्ष जिद्द पर अड़ा रहा. सदन में गतिरोध बेहद पीड़ादायक और विधान सभा की गौरवशाली परम्पराओं को ठेस पहुंचाने वाला रहा है. उधर संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल और मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने भी इस गतिरोध को सदन के गरिमा पूर्ण इतिहास पर धब्बा बताते हुए कहा कि इतिहास इसे कभी माफ नहीं करेगा.
पढ़ें :फोन टैपिंग के आरोप पर हंगामा: कांग्रेस ने लगाया सरकार पर तानाशाही का आरोप, मंत्री बेढम ने किया पलटवार - PHONE TAPPING ALLEGATION
गतिरोध दूर करने के किए प्रयासः अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा कि सदन में उत्पन्न गतिरोध दूर करने के लिए नेता प्रतिपक्ष सहित वरिष्ठ नेताओं से चर्चा का प्रयास किया, लेकिन विपक्ष नही माना. सदन में आज जो कुछ भी व्यवधान की स्थिति बनी, वह राजस्थान विधान सभा के गौरवशाली संसदीय परम्पराओं पर गंभीर आघात है. उन्होंने कहा कि सदन में नेता प्रतिपक्ष का भाषण नहीं होना और सदन के नेता के राज्यपाल अभिभाषण के जवाब के दौरान पूरे समय व्यवधान संसदीय इतिहास की अनहोनी घटनाओं में से एक है. इस तरह से अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान प्रतिपक्ष द्वारा सदन संचालन में व्यवधान करना लोकतंत्र के लिए चिंतनीय है. प्रतिपक्ष द्वारा सदन को चलाने में सहयोग न करना उनके लिए पीड़ादायक रहा है.
गरिमा पूर्ण इतिहास पर धब्बाः संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि राजस्थान के गरिमामयी सदन में विपक्षी दल कांग्रेस की ओर किया गया व्यवहार सदन के गरिमापूर्ण इतिहास पर एक धब्बा है. इसके लिए इतिहास उन्हें कभी माफ नहीं करेगा. पटेल ने कहा कि यह पहला मौका है जब प्रतिपक्ष के किसी नेता ने राज्यपाल के अभिभाषण पर अपनी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के एक वर्ष के कार्यकाल या केंद्रीय बजट में की गई ऐतिहासिक घोषणाओं के संबंध में बात करने का विपक्ष साहस नहीं जुटा पाया, इसलिए शोर शराबा कर सदन की कार्यवाही में व्यवधान डाला गया. संसदीय कार्य मंत्री ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के नेताओं ने आपसी खींचतान के कारण प्रतिपक्ष के नेता को बोलने का अवसर नहीं दिया. उनके ही एक वरिष्ठ नेता नहीं चाहते थे कि नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली का भाषण हो.
गर्ग ने कहा कि विपक्ष द्वारा लगातार व्यवधान डालने के बावजूद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पूरे जोश और प्रभावपूर्ण तरीके से अपना विजन रखा. साथ ही विपक्ष द्वारा लगाए गए सभी आरोपों का करारा जवाब दिया. उन्होंने राज्य सरकार के एक वर्ष के कार्यकाल की उपलब्धियां तो गिनाई ही, साथ ही केंद्र सरकार द्वारा बजट में की गई घोषणाओं के बारे में भी चर्चा की.