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रायपुर उपचुनाव: विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस लहरा चुकी है जीत का परचम, क्या इस बार रायपुर दक्षिण में दोहराएगी इतिहास

रायपुर दक्षिण में 13 नवंबर को मतदान होना है. जानकार बताते हैं इस बार इस सीट पर कांटे की टक्कर है.

RAIPUR BY ELECTION
रायपुर उपचुनाव (ETV Bharat Chhattisgarh)

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Nov 11, 2024, 2:31 PM IST

रायपुर: किसी भी विधानसभा उपचुनाव में सत्ता पक्ष के जीतने की उम्मीद ज्यादा होती है. ऐसा राजनीति के जानकार कहते हैं. उसके पीछे कई कारण होते हैं. लेकिन छत्तीसगढ़ की बात की जाए तो यह तर्क यहां फिट नहीं बैठता है. क्योंकि छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद से अब तक कई बार ऐसे मौके आए हैं कि जब सत्ता पक्ष को विधानसभा उपचुनाव में हार का सामना करना पड़ा है और विपक्ष में बैठी पार्टी ने उपचुनाव में जीत हासिल की है.

रायपुर दक्षिण विधानसभा की जंग:छत्तीसगढ़ में लंबे समय तक भाजपा सरकार रही और इस बीच हुए विधानसभा उपचुनाव में विपक्ष में बैठी कांग्रेस ने दो बार जीत हासिल की. जो इस मिथक को तोड़ता है कि जिसकी सरकार होती है विधानसभा उपचुनाव वही जीतता है. यही कारण है कि इस बार रायपुर दक्षिण विधानसभा उपचुनाव को लेकर अटकलें तेज हो गई है कि क्या इस बार भी कांग्रेस विपक्ष में रहते हुए जीत हासिल करेगी और अपने इतिहास को दोहराएगी, या फिर सत्ता पक्ष में बैठी भाजपा उसे मात देने में कामयाब रहेगी.

रायपुर उपचुनाव में कांटे की टक्कर (ETV Bharat Chhattisgarh)

40 साल बृजमोहन अग्रवाल रहे विधायक:छत्तीसगढ़ की एक विधानसभा सीट रायपुर दक्षिण में 13 नवंबर को मतदान होना है. इस विधानसभा उपचुनाव में कांटे की टक्कर है. इस सीट से अब तक बृजमोहन अग्रवाल चुनाव लड़ते आ रहे थे और उन्होंने जीत का एक रिकॉर्ड कायम किया. उनके चुनाव लड़ने के दौरान किसी और के जीत की संभावना शून्य होती थी. लेकिन अब बृजमोहन अग्रवाल लोकसभा चुनाव जीतने के बाद सांसद बन गए हैं. उनकी खाली हुई सीट पर उपचुनाव हो रहे हैं.

सुनील सोनी और आकाश शर्मा के बीच कड़ा मुकाबला: यहां से भाजपा ने पूर्व महापौर सुनील सोनी को उम्मीदवार बनाया है. यानी इस बार बृजमोहन अग्रवाल रायपुर दक्षिण विधानसभा के चुनाव मैदान से बाहर है. वहीं दूसरी और कांग्रेस में इस सीट से युवा नेता आकाश शर्मा को उम्मीदवार बनाया है. आकाश शर्मा एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं और वर्तमान में युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हैं. यही कारण है कि इस बार रायपुर दक्षिण के विधानसभा उपचुनाव में कांटे की टक्कर है.

आइये एक नजर डालते हैं छत्तीसगढ़ बनने के बाद से लेकर अब तक हुए विधानसभा उपचुनाव की क्या स्थिति रही, किसे जीत मिली, किसे हार का सामना करना पड़ा. सत्ता पक्ष मजबूत रहा है या फिर विपक्ष ने भी उपचुनाव में जीत का परचम लहराया है.

छत्तीसगढ़ के 16 विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस भाजपा ने जीती 8-8 चुनाव: राजनीति के जानकार और वरिष्ठ पत्रकार उचित शर्मा बताते हैं कि राज्य बनने के बाद से लेकर अब तक छत्तीसगढ़ में कुल 16 विधानसभा उपचुनाव हुए हैं. जिसमें से 8 भाजपा और 8 कांग्रेस ने विधानसभा उपचुनाव जीत है. इसमें से 14 विधानसभा उपचुनाव सत्ता पक्ष ने जीता है और दो विधानसभा उपचुनाव पर विपक्ष ने जीत हासिल की है. विपक्ष में रहते हुए जिस दल ने विधानसभा उपचुनाव में जीत हासिल की है वह है कांग्रेस. यानी कि कांग्रेस विपक्ष में रहते हुए सत्ता दल को विधानसभा उपचुनाव में मात दे चुकी है और यही वजह है कि इस बार भी विपक्ष में बैठी कांग्रेस रायपुर दक्षिण विधानसभा चुनाव में सत्ता दल को मात देने ताल ठोक रही है.

साल 2024 में 17वां विधानसभा उपचुनाव हुए. कांग्रेस का विपक्ष में रहते हुए उपचुनाव जीतने का ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा है. इस बार भी कांग्रेस विपक्ष में है. रायपुर दक्षिण बीजेपी का गढ़ है लेकिन इस बार के उपचुनाव में स्थिति एकतरफा नजर नहीं आ रही है. सोशल इंजीनियरिंग आकाश शर्मा की तरफ इशारा कर रही है: उचित शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार

भाजपा की सरकार में कांग्रेस ने 2 बार जीता उपचुनाव: उचित शर्मा बताते हैं कि विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस ने साल 2006 और 2009 में हुए विधानसभा उपचुनाव में जीत हासिल की. साल 2006 में पूर्ववर्ती भाजपा की रमन सरकार के दौरान कोटा में उपचुनाव हुए. इस चुनाव में कांग्रेस की ओर से रेणु जोगी ने जीत हासिल की. विधानसभा के अध्यक्ष रहे पंडित राजेंद्र प्रसाद शुक्ल के निधन के बाद कोटा की सीट खाली हुई थी. वही दूसरा विधानसभा उपचुनाव कांग्रेस ने साल 2009 में विपक्ष में रहते हुए जीता था. उस समय भी प्रदेश में रमन सिंह की सरकार थी. साल 2009 में वैशाली नगर विधानसभा सीट में हुए उपचुनाव में कांग्रेस के भजन सिंह निरंकारी को जीत मिली थी. यानी भाजपा की सरकार होते हुए भी दो बार विधानसभा उपचुनाव जीतने में कांग्रेस कामयाब रही.

सत्ता में रहते हुए कांग्रेस ने जीता 5 उपचुनाव: ऐसा नहीं है कि कांग्रेस सिर्फ विपक्ष में रहकर ही उपचुनाव में जीत हासिल की है बल्कि सत्ता में रहते हुए भी कांग्रेस ने पांच उपचुनाव में जीत हासिल की है. उस दौरान विपक्ष में बैठी भाजपा एक भी विधानसभा उपचुनाव नहीं जीत सकी. पूर्वर्ती भूपेश सरकार में कुल पांच विधानसभा चुनाव हुए थे. जिसमें दंतेवाड़ा, चित्रकोट, मरवाही, खैरागढ़ और भानुप्रतापपुर का उपचुनाव शामिल है.

कांग्रेस की भूपेश सरकार में पहला उपचुनाव दंतेवाड़ा में हुआ था, जहां से भाजपा विधायक भीमा मांडवी विधायक थे उनकी हत्या के बाद यहां पर उपचुनाव हुए. इसी तरह दीपक बैज के सांसद बनने के बाद खाली हुई चित्रकोट विधानसभा सीट पर भी उपचुनाव हुआ था, इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के निधन के बाद खाली हुई मरवाही विधानसभा सीट में भी उपचुनाव हुए. खैरागढ़ में देवव्रत सिंह के निधन के बाद विधानसभा उपचुनाव हुआ था. इन सभी पांचों विधानसभा चुनाव में सत्ता में रहते हुए कांग्रेस ने जीत हासिल की.

अजीत जोगी जब बने थे सीएम, तब नहीं थे वह विधायक:छत्तीसगढ़ निर्माण के बाद से लेकर अब तक कुल चार मुख्यमंत्री हुए. जिसमें प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी थे. जब अजीत जोगी को मुख्यमंत्री बनाया गया है, तो वह विधायक नहीं थे. उसे दौरान जोगी के लिए मरवाही से भाजपा के विधायक रामदयाल उइके ने अपनी सीट छोड़ दी थी, और इसके बाद से वे कांग्रेस में ही रहे. लेकिन साल 2018 के विधानसभा चुनाव के पहले वे वापस भाजपा में शामिल हो गए.

उपचुनाव से ही विधायक बने थे रमन सिंह:राज्य बनने के बाद साल 2003 में पहले विधानसभा उपचुनाव हुआ. इसमें भाजपा को बहुमत मिला. उस दौरान रमन सिंह को मुख्यमंत्री बनाने पर सहमति बनी, लेकिन उस समय रमन सिंह सांसद थे. इसके बाद उनके लिए प्रदीप गांधी ने डोंगरगांव की सीट छोड़ दी थी.

प्रदेश में अब तक हुए विधानसभा के उपचुनाव

  1. साल 2001 में मरवाही सीट पर उपचुनाव हुए. उस दौरान सत्ता पक्ष में कांग्रेस थी. चुनाव अजीत जोगी (कांग्रेस) ने जीता. अमरसिंह खुसरो (भाजपा) हार गए.
  2. साल 2004 में डोंगरगांव सीट उपचुनाव हुए. सत्ता पक्ष में भाजपा थी. रमन सिंह (भाजपा) जीते गीतादेवी सिंह (कांग्रेस) हार गई.
  3. साल 2004 में अकलतरा सीट पर उपचुनाव, सत्ता पक्ष में भाजपा, छतराम देवांगन (भाजपा) जीते, राकेश कुमार सिंह (कांग्रेस) हार गए.
  4. साल 2006 में कोटा सीट पर उपचुनाव, सत्ता पक्ष में भाजपा लेकिन रेणु जोगी (कांग्रेस) चुनाव जीती, ठाकुर भूपेंद्र सिंह (भाजपा) हार गए.
  5. साल 2007 में मालखरौदा सीट पर उपचुनाव, सत्ता पक्ष में भाजपा, निर्मल सिन्हा (भाजपा) चुनाव जीते, मोहन मणि (कांग्रेस) हार गए.
  6. साल 2007 में खैरागढ़ उपचुनाव, सत्ता पक्ष में भाजपा, कोमल जंघेल (भाजपा) चुनाव जीते. पद्मा देवव्रत सिंह (कांग्रेस) हार
  7. साल 2008 में केशकाल उपचुनाव, सत्ता पक्ष में भाजपा - सेवक राम नेताम (भाजपा) चुनाव जीते. बुधसेन मरकाम (कांग्रेस) हार
  8. साल 2009 में वैशालीनगर उपचुनाव में विपक्ष - भजन सिंह निरंकारी (कांग्रेस) की जीत, जागेश्वर साहू (भाजपा) हार
  9. साल 2010 में भटगांव उपचुनाव, सत्ता पक्ष में भाजपा रजनी त्रिपाठी (भाजपा) की जीत, उमेश्वर शरण सिंहदेव ( कांग्रेस) हार
  10. साल 2011 में बालोद उपचुनाव, सत्ता पक्ष में भाजपा, कुमारी मदन साहू (भाजपा) की जीत, मोहन पटेल कांग्रेस हार
  11. साल 2014 में अंतागढ़ उपचुनाव, सत्ता पक्ष में भाजपा भोज राज नाग (भाजपा) जीते रूपधर पुडो (सीपीआइ) हार
  12. साल 2019 : चित्रकोट उपचुनाव, सत्ता पक्ष कांग्रेस - राजमन बेंजाम (कांग्रेस) जीते, लच्छुराम कश्यप (भाजपा) हार
  13. साल 2019 : दंतेवाड़ा उपचुनाव, सत्ता पक्ष कांग्रेस- देवती कर्मा (कांग्रेस) जीती, ओजस्वी मंडावी (भाजपा) हार
  14. साल 2020 : मरवाही उपचुनाव, सत्ता पक्ष कांग्रेस- डा. केके ध्रुव(कांग्रेस) जीते, डा. गंभीर सिंह(भाजपा)हार
  15. साल 2022 : खैरागढ़ उपचुनाव, सत्ता पक्ष कांग्रेस- यशोदा वर्मा (कांग्रेस) जीते, कोमल जंघेल (भाजपा)
  16. साल 2022 : भानुप्रतापपुर उपचुनाव, सत्ता पक्ष कांग्रेस-सावित्री मंडावी(कांग्रेस) जीते, ब्रह्मानंद नेताम(भाजपा)
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