रायपुर : छत्तीसगढ़ में बीते दो दिनों से बारिश का ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरु किया है. भारी बारिश के कारण कई क्षेत्रों में नदी और नाले खतरे के निशान से ऊपर बह रहे हैं. मौसम विभाग की माने तो कई जिलों के लिए 24 से 48 घंटे का ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी किया है. जिसमें बस्तर संभाग के साथ ही प्रदेश के दूसरे संभाग के जिले भी शामिल हैं. एक लो प्रेशर का क्षेत्र बनने की वजह से आंध्र प्रदेश तेलंगाना ओडिशा और छत्तीसगढ़ में अगले तीन दिनों तक भारी बारिश होने की चेतावनी जारी की गई है. दक्षिण पश्चिम मानसून के लिए सितंबर का पूरा महीना बचा हुआ है.ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि छत्तीसगढ़ में इसका बड़ा असर देखने को मिलेगा. बात यदि बस्तर की करें तो यहां पर बारिश के कारण सबसे ज्यादा निचले क्षेत्र प्रभावित हुए हैं.वहीं नदी किनारे बसे गांवों में बाढ़ आने से क्षेत्र का संपर्क जिला मुख्यालय से टूट गया है.
कांकेर में नगर पंचायत की बची जान :कांकेर जिले के अंतागढ़ ब्लॉक के नगर पंचायत अध्यक्ष राधेलाल नाग की बाढ़ में फंस जाने के बाद जान बचाई गई. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को राधेलाल नाग के वाहन सहित क्षेत्र के महला नाले में आई बाढ़ में बह जाने की खबर मिली.इसके बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की तत्परता से राधेलाल नाग तक त्वरित मदद पहुंचाई गई. एसडीआरएफ की टीम ने राधेलाल नाग को सुरक्षित नाले से बाहर निकाला.इसके बाद राधेलाल नाग ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को उनकी तत्परता के साथ मदद के लिए रेस्क्यू टीम भेजने के लिए आभार जताया.
दंतेवाड़ा में भारी बारिश से तबाही :दंतेवाड़ा जिले में दो दिनों से लगातार मूसलाधार वर्षा के कारण जन जीवन प्रभावित हुआ है.बारिश के कारण जिले के चारों ब्लॉक में नदी नाले तूफान पर हैं. जिसे देखते हुए जिला प्रशासन ने स्कूलों की छुट्टी कर दी है. जिला प्रशासन समेत यातायात विभाग जिले के सभी ब्लॉकों में बाढ़ राहत सेवाएं पहुंचा रहे हैं. जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में यातायात विभाग ने बेरिकेड लगाए हैं. ताकि कोई अनहोनी ना हो सके. आने जाने वालों को समझाइश दी जा रही है कि अनावश्यक घरों से ना निकले. जिला प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी कर दिया है.
नारायणपुर में गांव बने टापू :नारायणपुर जिले में दो दिन की भारी बारिश से अबुझमाड़ ओरछा और छोटेडोंगर को जोड़ने वाली मार्ग बड़गांव माढ़ीन नदी का जल स्तर बढ़ गया. पुल के ऊपर से लगभग दस फीट ऊपर पानी बह रहा है. पुल में बाढ़ की स्थिति निर्मित हो जाने से आवागमन पूरी तरह से बाधित है.पुल के दोनों छोर पर वाहनों की लंबी कतार लग गई. पुल में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए बाढ़ आपदा प्रबंधन की टीम मौके पर पहुंची और लोगों को पुल को पार ना करने की समझाइश दी.वहीं ओरछा ब्लाक के कोहकामेटा से जिला मुख्यालय को जोड़ने वाली कोहकामेटा पुलिया के सड़क का एक छोर पानी के बहाव में बह गया,जिससे जिला मुख्यालय से संपर्क टूटा गया है. जिला मुख्यालय से कोंडागांव मार्ग के छेरीबेड़ा के पास भी रपटा में पानी भर गया इसी जगह एक ट्रक रपटा के बीच में ख़राब होकर खड़ी है.
सुकमा में 25 परिवारों पर आफत :बात यदि सुकमा की करें तो आफत की बारिश ने 20 से 25 परिवारों का आशियाना ढहा दिया है. लगातार बारिश से बारिश का पानी नेशनल हाईवे में चढ़ गया है. साथ ही शबरी नदी अपने खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. सुकमा जिले के छिंदगढ़ विकासखंड के चितलनार अचानक बाढ़ आ गई. बारिश से नेशनल हाइवे गीदम नाला, डुब्बटोटा, एर्राबोर व पड़ोसी राज्य ओडिशा को जोड़ने वाली सड़क पर बने झापरा पुल के ऊपर से पानी बह रहा है. जिससे आवाजाही पूरी तरह बंद है. सैकड़ों गाड़ियों के पहिये थम चुके हैं.