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जमशेदपुर में छापा, 150 करोड़ से ज्यादा के फर्जीवाड़े का पर्दाफाश! - GST SCAM

जमशेदपुर में एक कारोबारी के विभिन्न ठिकानों पर छापा पड़ा है. जिसमें टैक्स चोरी का मामला सामने आया है.

Raids on various locations of businessman in Jamshedpur regarding GST scam
जीएसटी विभाग की टीम और कारोबारी का आवास (Etv Bharat)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 25, 2025, 3:12 PM IST

जमशेदपुरः लोहनगरी में जीएसटी (GST) विभाग की टीम ने शहर के एक कारोबारी के सभी ठिकानों पर छापामारी की है. 24 घंटे तक चली इस छापामारी में टीम को करोड़ों की जीएसटी में गड़बड़ी मिली है. टीम ने कारोबारी के ठिकानों से जब्त दास्तावेज, कंप्यूटर और अन्य सामान अपने साथ ले गई है.

जमशेदपुर में जीएसटी घोटाला का मामला सामने आया है. जमशेदपुर के जुगसलाई नया बाजार रोड में रहने वाले कारोबारी जैसूका के यहां जीएसटी विभाग की टीम ने छापामारी की. इस दौरान पुलिस टीम भी मौजूद रही. जैसूका के सभी ठिकानों पर 24 घंटे तक टीम ने छापामारी की, जिसमें कुल 20 सदस्य टीम जैसूका के अलग- अलग ठिकानों पर पहुंचे और कार्रवाई की है.

बता दें कि जीएसटी विभाग की टीम साधारण तरीके के जैसूका के घर और उसके ठिकानों पर पहुंची और कार्रवाई को आगे बढ़ाया. कारोबारी जैसूका का लोहे का कारोबार है, उनके 8 जगहों पर टीम ने एक्शन लिया. जमशेदपुर और आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र में विभाग ने छापामारी कर 150 करोड़ से ज्यादा रुपये के बड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश किया है. इस कार्रवाई में फर्जी बिलिंग के जरिए सरकारी खजाने को चूना लगाने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ. जिसका मुख्य सूत्रधार विकास जैसुका, उसका भाई राजेश जैसुका और सहयोगी गोलू है, तीनों फरार बताये जा रहे हैं, विभाग की टीम इनकी तलाश में जुट गई है.

जानकारी के मुताबिक जीएसटी विभाग के संयुक्त निदेशक सार्थक सक्सेना के निर्देश पर जीएसटी इंटेलिजेंस विभाग के रौशन मिश्रा के नेतृत्व में टीम ने यह कार्रवाई की गयी है. मामले की जांच में खुलासा हुआ है कि फर्जी कंपनियों के नेटवर्क के जरिए 150 करोड़ से ज्यादा रुपये के जीएसटी बिलों का फर्जीवाड़ा किया गया है और इस फर्जीवाड़े से जुड़ा पैसों को ओडिशा के खदानों में निवेश किया गया है. सरायकेला के डोभो स्थिति रिवाह रिसॉर्ट में काला धन लगाया गया है.

इस फर्जीवाड़े का मास्टरमाइंड जुगसलाई निवासी विकास जैसुका बताया जा रहा है जबकि उसका भाई राजेश जैसुका और सहयोगी गोलू भी इस घोटाले में शामिल हैं. गोलू फर्जी कंपनियों के नाम पर फर्जी बिल बनाकर जीएसटी की चोरी करता था, जिससे सरकारी खजाने को करोड़ों का नुकसान हुआ. जानकारी के मुताबिक छापेमारी के दौरान तीन कंप्यूटर, चार लैपटॉप और छह मोबाइल फोन जब्त किए गए हैं, जिनमें फर्जीवाड़े से जुड़े अहम डिजिटल सबूत होने की संभावना है.

जांच से यह भी पता चला है कि यह धांधली पिछले तीन सालों से बेरोकटोक चल रही थी. जांच के बाद ही सही आकलन हो सकेगा कि कुल कितने करोड़ की गड़बड़ी की गई है. राजेश जैसुका का स्थानीय व्यापारिक संगठनों से जुड़ाव भी जांच के दायरे में है. इसकी भी जांच आगे की जाएगी.

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