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राहुल गांधी ने संभाली रायबरेली की विरासत; दादी इंदिरा गांधी और मां सोनिया गांधी का तोड़ा रिकॉर्ड - Rahul Gandhi Won Raebareli

पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी रायबरेली सीट से साल 1967, 1971 और 1980 में चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंची थीं. जबकि उनके बेटे राजीव गांधी 1981 से 1991 के बीच अमेठी से चुनाव जीता. सोनिया गांधी 2006 के उपचुनाव से लेकर रायबरेली सीट से 6 बार सांसद बनीं.

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राहुल गांधी, इंदिरा गांधी, सोनिया गांधी के फाइल फोटो. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat Archive)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 5, 2024, 2:11 PM IST

लखनऊ: रायबरेली संसदीय सीट से ऐतिहासिक जीत दर्ज कराकर राहुल गांधी ने दादी इंदिरा गांधी और पिता राजीव गांधी के चुनाव जीतने के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है. उनकी मां सोनिया गांधी यहां से छह बार सांसद का चुनाव जीती है. राहुल गांधी भी इस बार लोकसभा के 6 चुनाव जीतने का रिकॉर्ड बना चुके हैं.

लेकिन रायबरेली में अपनी मां की विरासत को भी बचाया है. रायबरेली लोकसभा सीट पर मां, दादी और पिता में सबसे अधिक वोट पाने वाले प्रत्याशी राहुल गांधी हो गए हैं. राहुल गांधी ने रायबरेली सीट पर गांधी परिवार की विरासत को बचाते हुए 687649 वोट हासिल किए. जबकि भाजपा प्रत्याशी दिनेश प्रताप सिंह को 27719 वोट ही मिले. राहुल गांधी ने यह सीट रिकॉर्ड 3 लाख 90000 वोटो से जीत ली.

पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी रायबरेली सीट से साल 1967, 1971 और 1980 में चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंची थीं. जबकि उनके बेटे राजीव गांधी 1981 से 1991 के बीच अमेठी से चुनाव जीता. सोनिया गांधी 2006 के उपचुनाव से लेकर रायबरेली सीट से 6 बार सांसद बनीं.

2019 के लोकसभा चुनाव में सोनिया गांधी ने इस सीट पर 534918 वोट हासिल किए थे. जबकि दूसरे नंबर पर दिनेश प्रताप सिंह को 36740 वोट मिले थे. वहीं 2014 में सोनिया गांधी ने बीजेपी के अजय अग्रवाल को यहां चुनाव हराया था. तब सोनिया गांधी को कल 526434 वोट मिले थे और अजय अग्रवाल को 173721 वोट मिले थे.

कांग्रेस के पूर्व विधायक बोधलाल शुक्ला ने बताया कि फिरोज गांधी के निधन के बाद रायबरेली सीट खाली हो गई थी. 1960 में यूपी चुनाव में गांधी परिवार से यहां कोई नहीं नहीं लड़ा. इंदिरा गांधी ने साल 1964 में राज्यसभा सदस्य के तौर पर अपने राजनीतिक कैरियर की शुरुआत की.

इसके बाद 1964 के चुनाव में उन्होंने रायबरेली से अपनी चुनावी राजनीति का आगाज किया. इंदिरा गांधी ने इस सीट से 1967 से लेकर 1980 तक चुनाव लड़ा जिसमें वह 1977 में केवल एक बार इमरजेंसी के बाद हुए चुनाव में भारतीय लोक दल के राजनारायण के हाथों हारी थीं.

1980 में इंदिरा गांधी ने रायबरेली और आंध्र प्रदेश की मेंडक सीट से चुनाव लड़ा. तब उन्होंने रायबरेली सीट छोड़ दी थी और यहां हुए उपचुनाव में अरुण नेहरू कांग्रेस के टिकट पर जीते, फिर 1984 में उन्हें दोबारा टिकट दिया गया. 1989 और 1991 में कांग्रेस की शिला कौल यहां से चुनाव जीतीं.

लेकिन 1996 और 98 में यह सीट बीजेपी के अशोक सिंह ने जीत ली थी. फिर 1999 में कैप्टन सतीश शर्मा ने वापस यह सीट कांग्रेस के लिए जीत लिए. इसके बाद 2004 के लोकसभा चुनाव में रायबरेली और गांधी नेहरू परिवार की 24 साल लंबी दूरी खत्म हुई.

2004 में अमेठी की विरासत अपने बेटे राहुल गांधी को सौंप कर सोनिया गांधी ने रायबरेली से पहली बार चुनाव लड़ा और करीब ढाई लाख वोटों के बड़े अंतर से जीत हासिल की थी. सोनिया गांधी ने 2009 में करीब 372000 से अधिक वोटो से चुनाव जीत कर संसद पहुंची थी.

2014 और 2019 में यह आंकड़ा 2 लाख के नीचे आ गया अब राहुल गांधी ने रिकार्ड मतों से इस सीट को दोबारा से जीतकर कांग्रेस की विरासत को संभाला है. बोधलाल शुक्ला ने बताया कि अब एक बार फिर से सोनिया गांधी ने राहुल गांधी को अपनी विरासत के तौर पर रायबरेली उन्हें सौंपा है और रायबरेली की जनता ने वही विश्वास गांधी नेहरू परिवार पर दिखाते हुए राहुल गांधी रिकॉर्ड मतों से लोकसभा चुनाव जीता दिया है.

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