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कानपुर चिड़ियाघर में मोबाइल से ऐसे झट से मिलेगी जानवरों की जानकारी, करना होगा ये काम - QR CODE IN KANPUR ZOO

चिड़ियाघर में करीब 70 वन्यजीवों के बाड़ों में क्यूआर कोड लगाए गए. जानवरों से जुड़ी हर तरह की जानकारी उपलब्ध.

कानपुर चिड़ियाघर
कानपुर चिड़ियाघर (Photo Credit; ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 4 hours ago

कानपुर: कानपुर चिड़ियाघर में आने वाले दर्शकों के लिए एक अच्छी खबर है अभी तक जब दर्शक जू (चिड़ियाघर) में वन्यजीवों का दीदार करने के लिए आते थे तो उन्हें उस वन्यजीव से जुड़ी सीमित जानकारी ही मिल पाती थी, जिस वजह से कहीं न कहीं उनके अंदर एक निराशा बनी रहती थी. अब कानपुर जू प्रशासन के द्वारा एक विशेष पहल की गई है.

कानपुर चिड़ियाघर में करीब 70 वन्यजीवों के बाड़े में क्यूआर कोड लगाए गए हैं. इस क्यूआर कोड को जब दर्शक अपने फोन से स्कैन करेंगे तो उन्हें उस वन्यजीव से जुड़ी हर जानकारी पलक झपकते ही मिल सकेगी. या यूं कहे कि उसे वन्यजीव का पूरा इतिहास उनके फोन में दिखाई देगा.

कानपुर चिड़ियाघर में लगी क्यूआर कोड (Video Credit; ETV Bharat)


क्षेत्रीय वन अधिकारी नावेद इकराम ने बताया कि अभी तक कानपुर चिड़ियाघर में जो वन्यजीव मौजूद हैं, उनके बाड़ों के बाहर एक बोर्ड लगाया गया था, जिसमें उनसे जुड़ी कुछ सीमित जानकारी जैसे की उनका नाम उनकी खुराक उनकी प्रजाति ही अंकित की गई थी. लोग जब यहां पर वन्यजीव को देखने के लिए आते थे, तो उन्हें वन्यजीव से जुड़ी सिर्फ उतनी ही जानकारी मिल पाती थी. कई बार कुछ ऐसे भी लोग यहां आते थे जो उसे वन्यजीव से जुड़ी और भी जानकारी प्राप्त करना चाहते थे. इसी को देखते हुए जू प्रशासन के द्वारा पहली बार इस विशेष पहल की शुरुआत की गई है.



उन्होंने बताया कि यहां वन्यजीवों बाड़ो के बाहर एक क्यूआर कोड को लगाया गया है. इन क्यूआर कोड को खुद जू प्रशासन ने तैयार किया है. लोग जैसे ही इस क्यूआर कोड स्कैन करेंगे तो उन्हें कुछ सेकेंड के अंदर ही वन्यजीव से जुड़ी हर जानकारी या उसे जूड़ी इतिहास उनके फोन पर ही दिखाई देगी.

70 बाड़ो में लगाए गए क्यूआर कोड:क्षेत्रीय वन अधिकारी नावेद इकराम ने बताया कि, अभी इन क्यूआर कोड को 70 वन्य जीवों के बाड़ों के बाहर लगाया गया है, जिन्हें पर्यटन अपने फोन से स्कैन करने के बाद उस वन्यजीव के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकेंगे. अब क्यूआर कोड को अगले 15 दिन के अंदर पक्षी के बाड़ों के बाहर भी लगाया जाएगा, जिससे अब पर्यटन वन्यजीव के अलावा पक्षियों के बारे में भी जानकारी जुटा सकेंगे.

उन्होंने बताया कि, शुरुआती दौर में पर्यटनकों में इस क्यूआर कोड का काफी अच्छा रिस्पांस देखने को मिल रहा है और उनके अंदर एक उत्सुकता भी दिखाई दे रही है. अभी हो सकता है लोग जब स्कैन करें तो कुछ ऐड दिखाई दे. इन एड से पर्यटनों को जल्द ही निजात मिल सकेगी क्योंकि कानपुर जू प्रशासन पर्यटको को ऐड फ्री सुविधा उपलब्ध कराने के लिए करीब 15000 रुपये सालाना खर्च करेगा.

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