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यूपी में अभी SGPGI में होता है बोन मैरो ट्रांसप्लांट, अगले साल से KGMU में भी होगा, पढ़िए डिटेल - SGPGI MEDICAL FACILITY

एसजीपीजीआई के निदेशक प्रो. आरके धीमान ने आगामी प्लान के बारे में दी जानकारी. कहा- पहले से बेहतर हुईं सेवाएं.

एसजीपीजीआई के निदेशक प्रो. आरके धीमान ने आगामी प्लान के बारे में बताया.
एसजीपीजीआई के निदेशक प्रो. आरके धीमान ने आगामी प्लान के बारे में बताया. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 3 hours ago

लखनऊ : यूपी में एसजीपीजीआई संस्थान में ही बोन मैरो ट्रांसप्लांट होता है. आगामी वर्ष में इसे ज्यादा विस्तार दिया जाएगा. साथ ही किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज एवं चिकित्सालय को भी इसमें शामिल किया जाएगा. ताकि, भविष्य में बोन मैरो ट्रांसप्लांट केजीएमयू संस्थान में भी हो सकें. इसके लिए केजीएमयू से कोऑर्डिनेट किया जाएगा. यह बातें ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान SGPGI के निदेशक प्रो. आरके धीमान ने कही. इस दौरान उन्होंने आगामी वर्ष में चिकित्सा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए अन्य किन बिंदुओं पर काम किया जाएगा, इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी.

एसजीपीजीआई के निदेशक ने आगामी रणनीतियों के बारे में बताया. (Video Credit; ETV Bharat)

पीजीआई निदेशक प्रो. आरके धीमान ने बताया कि मैं वर्ष 2019 में इस संस्थान से जुड़ा. उस समय यहां 16,09 बेड थे. अब मौजूदा समय में 2,272 बेड है. एसजीपीजीआई सुपरस्पेशलिटी तर्ज पर बनाया गया था. यहां पर डीएम नेफ्रोलॉजी, कार्डियोलॉजी, आरएमसी, कार्डियेक सर्जरी, न्यूरोसर्जरी, एमसी, एमएचएन हैं. ऐसा इंतजाम है कि जो चिकित्सा व्यवस्था कहीं भी हो न हो, वह एसजीपीजीआई में मरीजों को मिल सके.

संस्थान ने 40 साल में काफी तरक्की की : निदेशक ने बताया कि पिछले 40 वर्ष में संस्थान ने बहुत तरक्की की है. नौ नए विभाग बनाए गए हैं. 4 नए सेंटर इमरजेंसी मेडिसिन, एडवांस डायबिटिक सेंटर, एडवांस पीडियाट्रिक सेंटर और सेंटर ऑफ एक्सीलेंट चिल्ड्रन बोर्न कंजर्नाइटल हार्ट डिजीज बनाया गया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि विकसित भारत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है. उसके तहत हमें विश्व स्तरीय चिकित्सा व्यवस्था रखनी है. इसको देखते हुए पूरी तत्परता के साथ कदम से कदम मिलाकर चलना है. जब देश अपना 100वां इंडिपेंडेंस डे मना रहे होंगे तब उस समय प्रदेश में हमारा स्वास्थ्य व्यवस्था सबसे अच्छी हो, उसमें एसजीपीजीआई का रोल सबसे अग्रणी होना चाहिए. ट

फैकल्टी मेंबर्स-स्टूडेंट को सीएम ने किया सम्मानित : उन्होंने कहा कि पीजीआई में वर्ष 2024 में अब तक 1,16,000 मरीजों ने रजिस्ट्रेशन कराया है. इनमें से 48,600 मरीजों का इलाज किया गया. वहीं, 14 हजार से अधिक ऑपरेशन किए गए जबकि 114 किडनी ट्रांसप्लांट, 32 बोनमेरो ट्रांसप्लांट, 1 लिवर ट्रांसप्लांट, 591 ओपन हार्ट सर्जरी और 319 रोबोटिक सर्जरी की गई. यह पीजीआई की सफलता को दर्शाता है. वहीं एसजीपीजीआई के 41वें स्थापना दिव पर सीएम योगी ने संस्थान की कॉफी टेबल बुक का विमोचन किया. फैकल्टी मेंबर्स और स्टूडेंट्स को बेस्ट रिसर्च और परफॉर्मेंस के लिए सम्मानित किया.

आगामी वर्ष में बनेगा एक हजार बेड का रैन बसेरा : निदेशक ने कहा कि आगामी वर्ष में सबसे पहली प्राथमिकता रैन बसेरे को लेकर रहेगी. अभी हमारे पास व्यवस्था है. आगामी वर्ष में हम 1,000 बेड का अलग से रैन बसेरा बना रहे हैं. इससे प्रदेश के दूसरे जिले से आने वाले मरीज के साथ उनके तीमारदार अच्छे से रह सकेंगे. उन्हें यहां परिसर में किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं होगी. उन्होंने कहा कि हमारे यहां पर यूपी से ही नहीं. बल्कि, अलग-अलग राज्य और देश से भी मरीज इलाज कराने के लिए आते हैं. ऐसे में विश्व स्तर पर संस्थान की छवि खराब न हो इसको लेकर के पीजीआई प्रशासन पूरी तरीके से प्रतिबद्ध है.

हार्ट सर्जरी कर बच्चों को दिया जा रहा नया जीवन : उन्होंने बताया कि पीजीआई ने पिछले 7 वर्षों में समय के प्रवाह के साथ अपनी स्पीड को बढ़ाया है. वहीं, अगले 5 वर्ष संस्थान के लिए और भी महत्वपूर्ण होने जा रहे हैं. यहां पर ऐसे डिपार्टमेंट खुल रहे हैं, जिनके बारे में कोई सोचता तक नहीं था. संस्थान पूरी प्रतिबद्धता के साथ मिशन मोड पर काम कर रहा है. संस्थान में जो कुछ भी नया हो सकता है, उसके लिए हमें पूरी मजबूती के साथ काम करना होगा. देश का यह पहला संस्थान है, जिसे सीएसआर से 5 सौ करोड़ मिले हैं. इसके जरिए सलोनी हार्ट फाउंडेशन द्वारा बच्चों को हार्ट सर्जरी कर उनका नया जीवन प्रदान किया जा रहा है. सीएसआर फंड से सलोनी हार्ट फाउंडेशन के साथ रैन बसेरा का भी निर्माण किया जा रहा है.

यह भी पढ़ें : एसजीपीजीआई का 41वां स्थापना दिवस; CM YOGI ने कहा- जीत की तैयारी इतनी शालीनता के साथ करो कि आपकी सफलता शोर मचा दे

लखनऊ : यूपी में एसजीपीजीआई संस्थान में ही बोन मैरो ट्रांसप्लांट होता है. आगामी वर्ष में इसे ज्यादा विस्तार दिया जाएगा. साथ ही किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज एवं चिकित्सालय को भी इसमें शामिल किया जाएगा. ताकि, भविष्य में बोन मैरो ट्रांसप्लांट केजीएमयू संस्थान में भी हो सकें. इसके लिए केजीएमयू से कोऑर्डिनेट किया जाएगा. यह बातें ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान SGPGI के निदेशक प्रो. आरके धीमान ने कही. इस दौरान उन्होंने आगामी वर्ष में चिकित्सा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए अन्य किन बिंदुओं पर काम किया जाएगा, इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी.

एसजीपीजीआई के निदेशक ने आगामी रणनीतियों के बारे में बताया. (Video Credit; ETV Bharat)

पीजीआई निदेशक प्रो. आरके धीमान ने बताया कि मैं वर्ष 2019 में इस संस्थान से जुड़ा. उस समय यहां 16,09 बेड थे. अब मौजूदा समय में 2,272 बेड है. एसजीपीजीआई सुपरस्पेशलिटी तर्ज पर बनाया गया था. यहां पर डीएम नेफ्रोलॉजी, कार्डियोलॉजी, आरएमसी, कार्डियेक सर्जरी, न्यूरोसर्जरी, एमसी, एमएचएन हैं. ऐसा इंतजाम है कि जो चिकित्सा व्यवस्था कहीं भी हो न हो, वह एसजीपीजीआई में मरीजों को मिल सके.

संस्थान ने 40 साल में काफी तरक्की की : निदेशक ने बताया कि पिछले 40 वर्ष में संस्थान ने बहुत तरक्की की है. नौ नए विभाग बनाए गए हैं. 4 नए सेंटर इमरजेंसी मेडिसिन, एडवांस डायबिटिक सेंटर, एडवांस पीडियाट्रिक सेंटर और सेंटर ऑफ एक्सीलेंट चिल्ड्रन बोर्न कंजर्नाइटल हार्ट डिजीज बनाया गया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि विकसित भारत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है. उसके तहत हमें विश्व स्तरीय चिकित्सा व्यवस्था रखनी है. इसको देखते हुए पूरी तत्परता के साथ कदम से कदम मिलाकर चलना है. जब देश अपना 100वां इंडिपेंडेंस डे मना रहे होंगे तब उस समय प्रदेश में हमारा स्वास्थ्य व्यवस्था सबसे अच्छी हो, उसमें एसजीपीजीआई का रोल सबसे अग्रणी होना चाहिए. ट

फैकल्टी मेंबर्स-स्टूडेंट को सीएम ने किया सम्मानित : उन्होंने कहा कि पीजीआई में वर्ष 2024 में अब तक 1,16,000 मरीजों ने रजिस्ट्रेशन कराया है. इनमें से 48,600 मरीजों का इलाज किया गया. वहीं, 14 हजार से अधिक ऑपरेशन किए गए जबकि 114 किडनी ट्रांसप्लांट, 32 बोनमेरो ट्रांसप्लांट, 1 लिवर ट्रांसप्लांट, 591 ओपन हार्ट सर्जरी और 319 रोबोटिक सर्जरी की गई. यह पीजीआई की सफलता को दर्शाता है. वहीं एसजीपीजीआई के 41वें स्थापना दिव पर सीएम योगी ने संस्थान की कॉफी टेबल बुक का विमोचन किया. फैकल्टी मेंबर्स और स्टूडेंट्स को बेस्ट रिसर्च और परफॉर्मेंस के लिए सम्मानित किया.

आगामी वर्ष में बनेगा एक हजार बेड का रैन बसेरा : निदेशक ने कहा कि आगामी वर्ष में सबसे पहली प्राथमिकता रैन बसेरे को लेकर रहेगी. अभी हमारे पास व्यवस्था है. आगामी वर्ष में हम 1,000 बेड का अलग से रैन बसेरा बना रहे हैं. इससे प्रदेश के दूसरे जिले से आने वाले मरीज के साथ उनके तीमारदार अच्छे से रह सकेंगे. उन्हें यहां परिसर में किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं होगी. उन्होंने कहा कि हमारे यहां पर यूपी से ही नहीं. बल्कि, अलग-अलग राज्य और देश से भी मरीज इलाज कराने के लिए आते हैं. ऐसे में विश्व स्तर पर संस्थान की छवि खराब न हो इसको लेकर के पीजीआई प्रशासन पूरी तरीके से प्रतिबद्ध है.

हार्ट सर्जरी कर बच्चों को दिया जा रहा नया जीवन : उन्होंने बताया कि पीजीआई ने पिछले 7 वर्षों में समय के प्रवाह के साथ अपनी स्पीड को बढ़ाया है. वहीं, अगले 5 वर्ष संस्थान के लिए और भी महत्वपूर्ण होने जा रहे हैं. यहां पर ऐसे डिपार्टमेंट खुल रहे हैं, जिनके बारे में कोई सोचता तक नहीं था. संस्थान पूरी प्रतिबद्धता के साथ मिशन मोड पर काम कर रहा है. संस्थान में जो कुछ भी नया हो सकता है, उसके लिए हमें पूरी मजबूती के साथ काम करना होगा. देश का यह पहला संस्थान है, जिसे सीएसआर से 5 सौ करोड़ मिले हैं. इसके जरिए सलोनी हार्ट फाउंडेशन द्वारा बच्चों को हार्ट सर्जरी कर उनका नया जीवन प्रदान किया जा रहा है. सीएसआर फंड से सलोनी हार्ट फाउंडेशन के साथ रैन बसेरा का भी निर्माण किया जा रहा है.

यह भी पढ़ें : एसजीपीजीआई का 41वां स्थापना दिवस; CM YOGI ने कहा- जीत की तैयारी इतनी शालीनता के साथ करो कि आपकी सफलता शोर मचा दे

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