नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के अधीन आने वाले लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने अधिकारियों को सरकारी आवास में दुरुपयोग की जांच करने का निर्देश दिया है. पीडब्ल्यूडी ने अधिकारियों से कहा कि अगर सरकारी आवास में किसी तरह का अवैध निर्माण, अतिक्रमण हुआ है तो वह इसकी रिपोर्ट तैयार कर विभाग को सौंपें.
सरकारी आवास का आवंटियों द्वारा दुरुपयोग न हो, इसके लिए लोक निर्माण विभाग कवायद शुरू करने जा रहा है. आवंटियों को "अपने आवंटित परिसर से किसी भी अनधिकृत इमारत या अस्थायी निर्माण को हटाने का निर्देश दिया गया है. इसमें कहा गया है, यदि आवंटी इस आदेश का पालन नहीं करते हैं, तो उक्त इसे हटाने का खर्च संबंधित आवंटी से वसूला जाएगा. लोक निर्माण विभाग ने अपने अधिकारियों को नियमित निरीक्षण करने का निर्देश दिया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि निवासी आवासीय स्थानों में अनधिकृत संरचनाओं के निर्माण में कोई फेरबदल तो नहीं किया है.
मंगलवार को जारी एक निर्देश में विभाग ने कहा कि दिल्ली प्रशासन के फ्लैटों के आसपास अनधिकृत निर्माण के संबंध में आवंटियों से कई शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिससे अन्य आवंटियों को असुविधा होती है. उसमें जिक्र है कि पीडब्ल्यूडी के कार्यकारी अभियंता (सिविल) सड़क, सरकारी कार्यालयों सहित अपने संबंधित क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र में आने वाले संबंधित क्षेत्र के संपत्ति अधिकारी भी हैं, इसलिए यह उनकी जिम्मेदारी बनती है.
विभाग ने अपने सभी कार्यकारी अभियंताओं को निर्देश दिया है कि वे अपने अधिकार क्षेत्र में अनधिकृत निर्माण की जांच करें और फ्लैटों के आसपास अनधिकृत निर्माण को हटाने के लिए सख्त और जरूरी कार्रवाई करें. निर्देश में कहा गया है कि किसी अधिकारी व कर्मचारी द्वारा सरकारी आवासीय आवास के दुरुपयोग यानि अधिक समय तक रहने, अनधिकृत कब्जे और अनधिकृत निर्माण को इसके तहत देखना व उसे रोकने के लिए नियमित निरीक्षण करने को कहा गया है.
निर्देश में नियमों का हवाला दिया गया है जिसमें कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति निवास के किसी भी हिस्से में अनधिकृत संरचना नहीं बना सकता है. सार्वजनिक परिसर (अनधिकृत कब्जेदारों की बेदखली) अधिनियम, 1971 के बिंदु 5 ए (1) के अनुसार, कोई भी व्यक्ति किसी भी इमारत या (कोई चल या अचल संरचना या स्थिरता) का निर्माण नहीं कर सकता है.