नई दिल्ली:दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सिविल लाइन्स स्थित जिस सरकारी आवास में रहते थे, वहां पर मिले महंगे आरामदायक संसाधनों के मामले की जांच लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) करेगा. उपराज्यपाल वीके सक्सेना द्वारा पहले दिए गए इस आदेश के बाद विजिलेंस विभाग ने पीडब्ल्यूडी को इस मामले की जांच कर पांच दिन के अंदर अपनी रिपोर्ट देने के लिए कहा है.
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने इस संबंध में 20 नवंबर को उपराज्यपाल को पत्र लिखकर इसकी उच्च स्तरीय जांच करवाने की मांग की थी. उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर लाखों के टीवी, करोड़ों के परदे और फ्रिज जैसे आरामदायक संसाधन मिलने पर उसकी जांच की मांग की थी. पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सरकारी आवास 6, फ्लैग स्टाफ रोड में कई महंगे और लग्जरी आइटम्स मिलने के मामले में उच्चस्तरीय जांच करवाने के लिए 20 नवंबर को दिल्ली के उपराज्यपाल को लिखे गये पत्र पर संज्ञान लेते हुए उपराज्यपाल ने 6 दिसंबर को इस मामले की जांच के लिए दिल्ली के विजिलेंस विभाग को आदेश दिए थे. इस पर कार्रवाई करते हुए उन्होंने लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव को जांच करने के लिए कहा है.
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लोक निर्माण विभाग को विजिलेंस विभाग का आदेश
विजिलेंस विभाग ने अपने आदेश में लोक निर्माण विभाग को जिन-चार मुद्दों पर जांच कर पांच दिन के अंदर अपनी रिपोर्ट देने के लिए कहा है, उसमें पहला है केजरीवाल के आवास पर आरामदायक संसाधन किसने उपलब्ध करवाये थे, उसका पता लगाया जाए. दूसरा क्या इन संसाधनों के एवज में किसी व्यक्ति को लाभ पहुंचाया गया है? क्या इन संसाधनों से पब्लिक फंड पर कोई प्रभाव पड़ा और क्या इस प्रक्रिया में किसी सरकारी प्रोटोकॉल या नियमों का उल्लंघन किया गया?
इस मामले से जुड़ी अन्य कोई ऐसी प्रासंगिक जानकारी जिससे इस मामले की जांच में सहयोग मिल सके? इस संबंध में दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने उपराज्यपाल को पत्र लिखकर कहा था कि केजरीवाल को 2022 में दोबारा मुख्यमंत्री बनने पर लोक निर्माण विभाग ने जो फर्नीचर आदि संसाधन उपलब्ध करवाये और 2024 में उनके पद से हटने के बाद केजरीवाल ने जो सामान छोड़ा, दोनों में भारी असमानता पाई गई थी.