रांची: अधिवक्ता परिषद झारखंड ने रांची विश्वविद्यालय के आर्यभट्ट सभागार में अपना 32वां स्थापना दिवस मनाय. इस मौके पर प्रांतीय अधिवक्ता सम्मेलन का भी आयोजन किया. जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक रौशन, भारतीय विधिज्ञ परिषद (BCI) के अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद मनन मिश्र, अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद के उत्तर क्षेत्र के संगठन मंत्री श्रीयुत श्रीहरि बोरीकर शामिल हुए. इस सम्मेलन में संथाल परगना को छोड़ राज्य भर के छह सौ के करीब अधिवक्ताओं ने भाग लिया.
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक रौशन ने कहा कि अधिवक्ता वैसे व्यक्ति होते हैं जो किसी भी व्यक्ति के आंतरिक गुण-अवगुणों के बारे में उसको बता सकता है. विधि के जानकार होने की वजह से अधिवक्ता को किसी भी आम आदमी की सुरक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहना चाहिए. इस तरह के सामाजिक कार्यों में अधिवक्ता परिषद के अधिवक्ताओं का बहुत बड़ा योगदान रहा है, परिषद ने समाज के लिए वो कार्य किये है, जो एक आम व्यक्ति के लिए समझना भी मुश्किल है.
वहीं बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद मनन मिश्र ने अपने संबोधन में कहा कि अधिवक्ता परिषद ऐसे परिपक्व अधिवक्ताओं का समूह है जो हर जगह और विकट परिस्थितियों में भी अपनी अहम भूमिका निभाता रहा है. अधिवक्ता परिषद से जुड़े कानूनविद् अधिवक्ता समाज का सही मार्गदर्शन भी करते हैं. यही वजह है कि जब भी मुझे अधिवक्ता परिषद के कार्यक्रम में आमंत्रित किया जाता है. मैं अपनी सभी महत्वपूर्ण कार्यों को छोड़कर परिषद के कार्यक्रम में आता हूं.
अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद के उत्तर क्षेत्र के संगठन मंत्री श्रीयुत श्रीहरि बोरीकर ने अपने संबोधन में कहा कि समाज में फैल रही कुरुतियों जैसे गेमिंग, वीडियो के द्वारा धर्म परिवर्तन, साइबर क्राइम, क्रिप्टो करेंसी और बिट कॉइन के द्वारा समाज में ठगी को कैसे रोका जाए इस पर मंथन की आवश्यकता है. अधिवक्ता परिषद राष्ट्रीय स्तर पर इस कार्य में लगा हुआ है. समाज के अंतिम व्यक्ति तक कैसे सामाजिक सुधार की बातें पहुंचे इस पर परिषद काम कर रहा है क्योंकि परिषद का काम ही भटके लोगों को राह पर लाना है.