शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण और समायोजन के खिलाफ हल्लाबोल, शिक्षक संघ ने कोर्ट जाने की दी चेतावनी - Protest AGAINST RATIONALIZATION
Protest against rationalization and adjustment स्कूलों और शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण के लिए स्कूल और शिक्षा विभाग युद्ध स्तर पर कार्य कर रहा है. जिला स्तरीय और संभाग स्तरीय बैठक की जा चुकी हैं. लेकिन युक्तियुक्तकरण को लेकर अब शिक्षक संघ ने मोर्चा खोला है. शिक्षक संघ इसे गलत बताते हुए कोर्ट जाने की बात पर अड़ा हैं.Teachers union warned of going to court
युक्तियुक्तकरण और समायोजन के खिलाफ हल्लाबोल (ETV Bharat Chhattisgarh)
सरगुजा : छत्तीसगढ़ शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण के नए फार्मूले के खिलाफ शिक्षक संघ बड़ा आंदोलन करने की तैयारी में है. शिक्षक संघ सरकार के इस नए फार्मूले को नियम विरुद्ध और शिक्षक एवं छात्रों का अहित करने वाला बता रहे हैं. अब शिक्षक संघ के सभी दल संयुक्त मोर्चा बनाकर शासन से न्याय की मांग कर रहे हैं.
कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन :युक्तियुक्तकरण सहित अन्य दो सूत्रीय मांगों को लेकर शिक्षक संघर्ष मोर्चा सरगुजा ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर विरोध किया है. संयुक्त मोर्चा ने कलेक्टर और जिला शिक्षा अधिकारी के नाम ज्ञापन सौंपा है. संघर्ष मोर्चा ने दो टूक कहा कि युक्तियुक्तकरण के जारी निर्देश अव्यवहारिक और शिक्षकों को परेशान करने वाला है. सरकार को तुरंत ही इसे वापस लेना चाहिए. शिक्षक संघ के नेता मनोज वर्मा ने कहा कि "युक्तियुक्तकरण नियम अव्यवहारिक हैं, इसे तत्काल निरस्त किया जाना चाहिए, जब 2008 में मिडिल और प्राइमरी का सेटअप निर्धारित था. उसके बाद कोई नया सेटअप निर्धारित नहीं किया गया है.''
युक्तियुक्तकरण और समायोजन के खिलाफ हल्लाबोल (ETV Bharat Chhattisgarh)
''एक आदेश निकालकर स्कूलों में शिक्षकों का सेटअप कैसे कम किया जा सकता है. हमने प्रदेशव्यापी आंदोलन की रूपरेखा तैयार की है. आज पहला चरण खत्म हुआ है, जल्द ही आंदोलन का दूसरा चरण शुरू होगा, जिसके तहत मंत्री, विधायक और सांसदों को ज्ञापन सौंपा जाएगा"- मनोज वर्मा, शिक्षक संघ
वहीं संघर्ष मोर्चा के जिला संचालक संदीप कुमार पांडे ने बताया कि वर्तमान में सेटअप 2008 के आधार पर पदोन्नति वह नई नियुक्ति की गई है. युक्तियुक्तकरण की वर्तमान प्रक्रिया सेटअप 2008 के विपरीत एवं अव्यवहारिक है. इसके आधार पर कार्यरत शिक्षकों के साथ अन्याय है. यदि ऐसा युक्तियुक्त करण किया गया तो पूरे राज्य की शिक्षा व्यवस्था पर बहुत बुरा असर पड़ेगा.
''हम चरण बद्ध तरीके से आगे बढ़ रहे हैं. न्याय नहीं मिला तो कोर्ट की शरण में भी जाएंगे, युक्तियुक्तकरण की दोषपूर्ण नीति से शिक्षा विभाग में शिक्षा की गुणवत्ता गिरेगी.अतिशेष शिक्षकों के समायोजन की सोच शिक्षा विभाग की सही है लेकिन शिक्षा विभाग इस बात का जवाब दें कि शाला के सेटअप हेतु निर्धारित पद के अतिरिक्त पोस्टिंग करने वाले अधिकारी कौन है? अधिकारियों ने गलती क्यों किया? क्या ऐसे अधिकारियों को चिन्हांकित कर कार्यवाही किया जाएगा. जिन्होंने शाला विशेष में पद रिक्त नहीं होने के बाद भी पदोन्नति या ट्रांसफर में ज्यादा संख्या में शिक्षकों को पदस्थ किया. अतिशेष शिक्षकों के समायोजन से परिवीक्षा अवधि वाले शिक्षकों को बाहर रखा गया है ये अन्याय है.' संदीप पाण्डेय, नेता शिक्षक संघ
आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ सरकार ने शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए युक्तियुक्तकरण (एक स्कूल से दूसरे स्कूल स्थानांतरण) का फैसला लिया है. जिन स्कूलों में कम बच्चे हैं. ऐसे स्कूलों को बंद करने के बाद वहां के शिक्षकों को दूसरी जगह ट्रांसफर कर दिया जाएगा. 16 सितंबर तक स्कूलों का युक्तियुक्तकरण किया जाना है. 16 सितंबर को इसका आदेश भी जारी कर दिया जाएगा. 4 अक्टूबर को शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण का आदेश भी दे दिया जाएगा.इसके लिए काउंसलिंग के बाद ट्रांसफर किया जाना है.