गया:बिहार के गया में एंबुलेंस कर्मी की हत्या कर दी गयी. घटना के बाद से एंबुलेंस कर्मी हड़ताल पर चले गए हैं. बताया जा रहा है कि एंबुलेंस एक गांव में रात 8 बजे मरीज को लाने के लिए गई थी. चालक के अनुसार गाड़ी बैक करने के दौरान एक चक्का गड्ढे में चला गया था. जिस कारण एंबुलेंस एक तरफ झुक गई.
टेक्नीशियन की मौत: स्थानीय लोग एंबुलेंस चालक और इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन से मारपीट करने लगे. दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए, जिसमें टेक्नीशियन की मौत हो गयी. इस मामले को लेकर एंबुलेंस कर्मी हड़ताल पर चले गए हैं. अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जिले के सभी 102 एंबुलेंस के कर्मी जमा हुआ डीएम के समक्ष प्रदर्शन के लिए पहुंचे.
पीएचसी में था कार्यरत: घटना जिले के नीमचक बथानी के ढकनी बीह गांव की है. मृतक टेक्नीशियन की पहचान कुंदन कुमार के रूप में हुई है. नालंदा जिले के परवलपुर थाना छेत्र के एकसारी गांव का रहने वाला है. 2022 से वह गया जिले के बथानी पीएचसी में इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन के रूप में पदस्थापित था.
रास्ता खराब होने के कारण झुकी गाड़ी: एंबुलेंस 102 के चालक मुन्ना कुमार ने बताया कि देर शाम को आशा मिनी देवी ने एक महिला मरीज को लाने के लिए कॉल किया था. रात 8:30 बजे के करीब वह एंबुलेंस लेकर ईएमटी कुंदन कुमार के साथ गांव पहुंचे थे. मरीज की स्थिति ठीक थी. डिलीवरी का मामला था. मरीज मुन्नी देवी को एंबुलेंस पर बैठा कर पीएचसी लाने के लिए गाड़ी बैक कर रहे थे तभी रास्ता संकीर्ण और खराब होने के कारण गाड़ी का एक हिस्सा झुक गयी.
"मरीज के परिजन और कुछ स्थानीय लोग भड़क गए. हमदोनों के साथ मारपीट करने लगे. कुंदन कुमार जो मरीज को सलाइन चढ़ा रहा था वह लोगों की जद में आ गया. बेरहमी से पीटने लगे. लाठी डंडे से पीटा गया जिससे उसकी मौत हो गयी."-मुन्ना कुमार, एंबुलेंस चालक
'क्यों मारा समझ में नहीं आया': चालक मुन्ना कुमार मगध मेडिकल कॉलेज में अपनी एंबुलेंस के पास मे खड़े हो कर रो रहे हैं. साथी उन्हें सांत्वना दे रहे थे. मुन्ना कुमार बस यही एक बात कह रहे थे कि "आखिर कुंदन और हमें क्यों पीटा गया. कुंदन की मौत हो गई. इसका जिम्मेदार कौन है? ना तो गाड़ी से किसी को चोट लगी और ना ही मरीज को कोई नुकसान पहुंचा. मैरिज बथानी पीएचसी में भरती है, डिलीवरी भी हो गई है और वह स्वस्थ है, लेकिन हमारा साथी कुंदन अब इस दुनिया में नहीं है."
112 की पुलिस टीम ने बचाया:मुन्ना कुमार ने घटना के संबंध में बताते हुए कहा कि जब हमारे साथ मारपीट की जा रही थी तब हमने किसी तरह दूसरे एम्बुलेंस के कर्मी को फोन कर सूचना दी थी. जिसके बाद उन लोगों ने डायल 112 की पुलिस टीम को सूचना दी. तुरंत पुलिस पहुंची. डायल 112 की टीम अगर नहीं पहुंचती तो परिजन और स्थानीय लोग उन्हें भी ढूंढ कर मार देते.