रांची:झारखंड में शराब नीति फिर एक बार राजनीति के केंद्र में है. सरकार की प्रस्तावित नई शराब नीति को लेकर झारखंड बार एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ने इसका विरोध किया है. जिसका समर्थन करते हुए भारतीय जनता पार्टी ने झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार पर घोटाले के लिए नई शराब नीति बनाने का आरोप लगाया है. वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के प्रदेश मीडिया प्रभारी ने कहा कि हम केंद्र की सरकार के सौतेलापन व्यवहार के चलते अपने दम पर रेवेन्यू बढ़ाना चाहते हैं, ऐसे में जब सभी सहयोग करेंगे तभी राज्य का विकास करेगा.
क्यों हो रहा है प्रस्तावित नई शराब नीति का विरोध
झारखंड बार एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन राज्य में प्रस्तावित नई उत्पाद नीति के तहत मॉडल वाइन शॉप और हाता खोलने का विरोध कर रहा है और इसे रद्द करने की मांग कर रहा है. एसोसिएशन के अनुसार यह न तो समाज के हित में है और न ही बार संचालकों के हित में. एसोसिएशन के अनुसार नई शराब नीति में शराब की बिक्री का कोटा सिस्टम के प्रस्ताव को भी समाप्त करने की मांग की है.
दरअसल, शराब बिक्री की हाता मॉडल में इसकी बिक्री के बाद कोई भी उपभोक्ता बिक्री वाले परिसर में ही बैठकर शराब पी सकता है, उसके बैठने की वहां व्यवस्था होनी चाहिए. इसी तरह मॉडल शराब दुकान में ग्राहकों के लिए एसी-पंखा और अन्य व्यवस्थाएं करनी होंगी. बार संचालकों को आशंका है कि इससे विधि व्यवस्था बिगड़ने के साथ-साथ बिक्री पर भी असर पड़ेगा.
घपले, घोटाले के लिए सरकार लाना चाहती है नई शराब नीति- बीजेपी
झारखंड भाजपा ने हेमंत सरकार की प्रस्तावित नई शराब नीति का विरोध करना शुरू कर दिया है. पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अविनेश कुमार सिंह ने कहा कि पूर्व की महागठबंधन की सरकार में शराब नीति के बहाने घपले-घोटाले हुए और फिर एक बार घपले-घोटाले के लिए ही नई शराब नीति बनाने का प्रस्ताव है. उन्होंने कहा कि सरकार को राजस्व देने वाले शराब कारोबारी आज सहमे हुए हैं.