उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

प्रमोशन नहीं लेने वाले अधिकारी-कर्मचारियों की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, गंवानी पड़ सकती है मनचाही पोस्टिंग - PROMOTION RULES

कार्मिक विभाग की संशोधित नियमावली ने प्रमोशन के पदों पर रिक्तियों की दिक्कतें दूर करने का उपाय निकाल लिया है.

PROMOTION RULES
उत्तराखंड राज्याधीन सेवाओं में पदोन्नति का परित्याग नियमावली 2024 लागू (FILE PHOTO ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Nov 14, 2024, 1:40 PM IST

देहरादूनःउत्तराखंड में राज्य कर्मचारियों ने प्रमोशन पर अनिच्छा जताई तो उन्हें महत्वपूर्ण पोस्टिंग से भी हाथ धोना पड़ेगा. इतना ही नहीं, इन तय नियमों का पालन करने में हीलाहवाली करने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई का भी सामना करना होगा. दरअसल कार्मिक विभाग की संशोधित नियमावली, प्रमोशन का परित्याग करने वालों पर भारी पड़ने जा रही है. इतना ही नहीं, विभागों में प्रभारी व्यवस्था पर भी इससे कमी आएगी.

उत्तराखंड में राज्य कर्मचारियों का प्रमोशन परित्याग विभागों के लिए बड़ी समस्या बन गया है. महत्वपूर्ण पोस्टिंग या दूसरी वजह से कर्मचारी प्रमोशन डीयू होने पर भी इसका परित्याग कर देते हैं. जिससे न केवल यह पद खाली रह जाते हैं बल्कि किसी दूसरे व्यक्ति का भी प्रमोशन इन पदों पर नहीं हो पाता. खास बात यह है कि ऐसी पद्धति से राज्य में कई पदों पर प्रभारी व्यवस्था को लागू करना पड़ता है. जो कि आम लोगों और राज्य हित के लिए बेहतर नहीं होता.

उत्तराखंड राज्याधीन सेवाओं में पदोन्नति का परित्याग नियमावली 2024 लागू (PHOTO-UTTARAKHAND INFORMATION DEPARTMENT)

समझें पूरा मामला:उत्तराखंड राज्याधीन सेवाओं में पदोन्नति का परित्याग नियमावली 2024 ऐसी ही दिक्कतों को देखते हुए लागू की गई है. दरअसल प्रदेश में कई कर्मचारी महत्वपूर्ण पोस्टिंग में होने के कारण या किसी दूसरी वजह से प्रमोशन नहीं लेते थे. इसके कारण जिन पदों पर प्रमोशन होना होता है, वह पद खाली रह जाता है. इतना ही नहीं, पूर्व की व्यवस्था के अनुसार जिस पद पर उक्त अधिकारी ने प्रमोशन नहीं लिया होता उस पद को इस अधिकारी के लिए रिजर्व कर दिया जाता है. जिसके कारण ना तो वह अधिकारी या कर्मचारी प्रमोशन लेता है और ना ही उससे जूनियर अधिकारी या कर्मचारी को उक्त पद पर प्रमोशन मिल पाता है. यह स्थितियां न केवल प्रमोशन की प्रक्रिया को बाधित कर देती है, बल्कि प्रमोशन वाले पद को भी खाली रखती है. ऐसी स्थिति में कई बार विभागों को उक्त प्रमोशन वाले पद पर प्रभारी व्यक्ति को जिम्मेदारी देनी पड़ती है.

प्रमोशन के पदों पर रिक्तियों की दिक्कतें दूर होंगी (PHOTO-UTTARAKHAND INFORMATION DEPARTMENT)

जानिए क्या है पुरानी नियमावली:पूर्व के नियमों के अनुसार कोई भी राज्य कर्मचारी या अधिकारी तीन बार प्रमोशन लेने से मना कर सकता था और उसके प्रमोशन लेने तक उसे पद को खाली रखा जाता था.

जानिए क्या कहती है नई नियमावली: नई नियमावली के अनुसार, अब प्रमोशन न लेने वाले कर्मचारी के बदले उससे जूनियर कर्मचारियों को उस पद पर प्रमोशन दे दिया जाएगा. प्रमोशन न लेने के दौरान उक्त अधिकारी और कर्मचारी शपथ पत्र में भविष्य में प्रमोशन का दावा नहीं करने की बात लिखित रूप में देगा.

दिक्कतों में पड़ सकता है भविष्य: बड़ी बात यह है कि प्रमोशन ना लेने वाले कर्मचारी और अधिकारी को महत्वपूर्ण पोस्टिंग से भी हाथ धोना पड़ सकता है. नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा भविष्य में ऐसे कर्मचारी या अधिकारी को महत्वपूर्ण पोस्टिंग नहीं दिए जाने पर भी विचार किया जा सकेगा.

प्रभारी संभालते हैं जिम्मेदारी: दरअसल प्रदेश में खासतौर पर बड़े विभाग जिसमें शिक्षा विभाग, चिकित्सा विभाग समेत कुछ अन्य विभाग में प्रमोशन नहीं लेने के चलते परेशानियां देखने को मिलती थी. ऐसे विभागों में न केवल प्रमोशन लटक जाते थे बल्कि पदों के खाली रहने की भी समस्या बनी रहती थी. उधर जिन पदों को भरा जाता था उनमें प्रभारी के तौर पर ही जिम्मेदारी दी जा सकती थी.

नई नियमावली आने के बाद अब राज्य में पदोन्नति त्यागें (परित्याग) के मामले कम होने की पूरी संभावना है जिसके कारण इससे होने वाली तमाम समस्याओं पर भी लगाम लगाई जा सकेगी.

ये भी पढ़ेंःचिकित्सा अधिकारियों को सरकार का बड़ा तोहफा, अपर और संयुक्त निदेशक पदों पर प्रमोशन की प्रक्रिया पूरी

ABOUT THE AUTHOR

...view details