लखनऊ: लोकसभा चुनाव 2024 में यूपी के 5 दिग्गज और बाहुबली नेता अपने मताधिकार का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे. ये नेता हैं धनंजय सिंह (Dhananjay Singh), इरफान सोलंकी (Irfan Solanki), अब्दुल्ला आजम (Abdullah Azam), आजम खान (Azam Khan), अब्बास अंसारी (Abbas Ansari). इसके साथ ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) भी वोट नहीं डाल पाएंगे. इसका कारण इन सभी नेताओं का जेल में होना है.
अब सवाल ये उठता है कि जब जेल में रहकर नेता चुनाव लड़ सकते हैं तो फिर मतदान क्यों नहीं कर सकते. बता दें कि यूपी में हरिशंकर तिवारी ने वर्ष 1985 में जेल में रहते चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की. ना सिर्फ तिवारी बल्कि वीरेंद्र शाही, राजा भैया, अखिलेश सिंह, मुख्तार अंसारी और आजम खान ने जेल में रहते चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की.
इन नेताओं ने भले ही जेल में रहते चुनाव लड़ लिया लेकिन देश की 1330 और यूपी की 77 जेलों में बंद पांच लाख से अधिक कैदियों को वोट करने का अधिकार नहीं है. भले ही इन कैदियों का नाम मतदाता सूची में हो लेकिन वो अपने मत का प्रयोग नहीं कर सकते हैं.
हर एक नागरिक चाहता है कि वह अपनी मनपसंद सरकार चुने. इसके लिए हर कोई मत प्रयोग करेगा और चुनाव आयोग सभी से मतदान करने की अपील भी कर रहा है. लेकिन, इस बार साढ़े पांच लाख लोग वोट नहीं कर पाएंगे, वो इसलिए क्योंकि वो देश की अलग अलग जेलों में बंद हैं.
दरअसल, जन प्रतिनिधित्व कानून,1951 की धारा 62 (5) के अनुसार, न्यायिक आदेश से जेल में बंद या पुलिस अभिरक्षा में होने वाले व्यक्ति को वोट देने का अधिकार नहीं है. चाहे उसे कोर्ट द्वारा सजा सुना दी गई हो या फिर वह जेल में रहकर अपने केस पर कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहा हो.
विदेश में भी बंदियों को वोट करने पर है रोक:कानून विशेषज्ञ प्रिंस लेनिन ने बताया कि कैदी वोट नहीं कर सकता. यह नियम सिर्फ भारत में ही लागू नहीं है. बल्कि रूस, इंग्लैंड, ऑस्ट्रिया जैसे देश में भी जेल में बंद बंदियों को वोट करने की मंजूरी नहीं है.