उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

यूपी के 45 लाख लोगों को घरौनी वितरित, प्रॉपर्टी को लेकर होने वाले विवादों में आएगी कमीः CM योगी - CM YOGI ADITYNATH

प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना के अंतर्गत ग्रामीण आवास अभिलेख घरौनी वितरण किया गया

घरौनी वितरित करते सीएम योगी.
घरौनी वितरित करते सीएम योगी. (Photo Credit; ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 18, 2025, 5:12 PM IST

लखनऊःउत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री शनिवार को अपने आवास पर प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना के तहत लोगों को घरौनी (प्रॉपर्टी कार्ड) वितरित किया. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअली माध्यम से लोगों संवाद भी किया.

सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना के अंतर्गत ग्रामीण आवास अभिलेख (घरौनी) वितरण के इस कार्यक्रम में सभी लाभार्थी को बधाई देता हूं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक साथ 65 लाख से अधिक प्रॉपर्टी कार्ड ग्रामीणों को उपलब्ध करवाया है. इसमें सबसे अधिक घरौनी उत्तर प्रदेश के लोगों की है. 45 लाख से अधिक है. सीएम ने कहा कि इस अवसर पर प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त करता हूं. इस पूरे कार्यक्रम के साथ शुरू से ही लगे राजस्व विभाग के अधिकारी कर्मचारी उन सभी को धन्यवाद देता हूं.

सीएम योगी ने कहा कि पहली बार उत्तर प्रदेश में 4535000 लोगों को प्रॉपर्टी का कार्ड प्राप्त हुआ है. इस योजना के अंतर्गत 37800 गांव में 55 लाख 14 हजार से अधिक स्वामित्व कार्ड वितरित किए जा चुके थे. देश के अंदर अब तक दो करोड़ 14 लाख से अधिक स्वामित्व योजना के तहत प्रॉपर्टी कार्ड वितरण हुए हैं. इसमें से एक करोड़ से अधिक उत्तर प्रदेश में वितरित किए गए हैं.

सीएम ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि यह महत्वपूर्ण कदम इसलिए भी है. अक्सर आप देखते होंगे कि बड़ी प्रॉपर्टी के लिए कम छोटी प्रॉपर्टी को लेकर अधिक विवाद होते हैं. भाई-भाई, पाटीदारी, एक फीट जमीन को लेकर रास्ते को लेकर के नाली को लेकर के यह विवाद अक्सर सुनने को मिलते हैं. जो दबंग होता और मजबूत होता था वह एक फीट इधर-उधर बढ़ जाता था और फिर कमजोर व्यक्ति परेशान होता था. कमजोर व्यक्ति किसी के पास जाता था तो पैमाइश करने के लिए उसके पास जमीन का कोई कागज भी नहीं होता था.

अगर वह अधिकार भी जमाने का प्रयास भी करता था तो मारपीट होती थी. इसमें कभी-कभी बड़े अपराध हो जाते थे. गरीब की सुनवाई नहीं होती थी और जो पीड़ित और प्रताड़ित होता था और कभी-कभी वह प्रॉपर्टी से भी वंचित हो जाता था. यह पहली बार है जब जब तकनीक का प्रयोग करते हुए ड्रोन सर्वे के माध्यम से गांव की खुली बैठक में बाकायदा चुनाव डाल करके ड्रोन सर्वे करा कर पंचायत में बैठक होने के बाद जो सहमति बनती थी. इसी सहमति के आधार पर यह दस्तावेज तैयार हुआ, जिसे ग्रामीण आवासीय अभिलेख (प्रॉपर्टी) कहते हैं. स्वामित्व कार्ड के रूप में पीएम ने ने वितरित किए हैं.

इसे भी पढ़ें-यूपी के सरकारी कर्मचारियों की बढ़ेगी 30 फीसदी तक सैलरी, योगी सरकार लागू कर सकती है आठवां वेतन आयोग

ABOUT THE AUTHOR

...view details