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जमुई में लोह अयस्क खनन का काम जल्द होगा शुरू, आचार संहिता समाप्त होने बाद शुरू होगी नीलामी की प्रक्रिया - Mineral wealth in Jamui

Iron ore in Jamui जमुई जिले के विभिन्न इलाकों में प्रचुर मात्रा में खनिज संपदा धरती के गर्भ में छुपी है. समय-समय पर इन खनिज संपदाओं की खोज की जाती रही है. जियोलॉजिकल सर्वे टीम के द्वारा सर्वे कराये जाने के बाद भारत सरकार के द्वारा एक रिपोर्ट सौंपी गयी है जिसमें जमुई जिले के मंजोष व भट्टा गांव में लौह अयस्क भंडार होने की बात कही गयी थी. अब ब्लॉक का निर्माण कर खनन की तैयारी की जा रही है. पढ़ें, विस्तार से.

जमुई में खनिज
जमुई में खनिज

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Apr 28, 2024, 6:50 PM IST

धर्मेंद्र कुमार सिंह, बिहार सरकार के खान एवं भूतत्व विभाग के सचिव.

जमुईः बिहार के जमुई जिले के सिकंदरा प्रखंड स्थित मंजोष और भट्टा गांव में जल्द ही लौह अयस्क और मैग्नेटाइट खनन का काम शुरू हो जाएगा. इसके लिए सारी जांच पड़ताल, सर्वे इत्यादि की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. मिली जानकारी के अनुसार दोनों जगहों पर 45+6 मिलियन टन अयस्क होने का अनुमान है जिसकी कीमत लगभग 3500 ( 2500+1000) करोड़ आंकी गई है. जल्द ही खनन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.

आचार संहिता के कारण हो रहा विलंबः स्थल का निरीक्षण करने पहुंचे बिहार सरकार के खान एवं भूतत्व विभाग के सचिव धर्मेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि बिहार सरकार के द्वारा लौह अयस्क के खनिज ब्लॉक निर्माण के लिए टेंडर की प्रक्रिया अंतिम दौर में है. आचार संहिता के कारण कार्य में विलंब हुआ है. चुनावी प्रक्रिया खत्म होने के बाद जून माह में खनिज ब्लॉक के लिए टेंडर निकाला जाएगा. बिहार सरकार के द्वारा 2024 के अंत तक टेंडर की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी. इसके साथ ही खनन का काम शुरू होगा.

"जमुई में खनिज संपदा मिलने से यहां के लोग लाभान्वित होंगे माइनिंग चालू होने से एरिया का डेवलपमेंट होगा सेकेंडरी इंडस्ट्री चालू होगी इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ेगा पावर सेक्टर से लेकर और भी लोगों को रोजगार मिलेगा"- धर्मेंद्र कुमार सिंह, बिहार सरकार के खान एवं भूतत्व विभाग के सचिव

भूमि अधिग्रहण की जाएगीः खान एवं भूतत्व विभाग के सचिव ने बताया कि प्रारंभिक दौर में 85 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा. घेराबंदी कर माइनिंग एक्टिविटी संचालित की जाएगी. अधिग्रहण में जिनकी जमीन ली जाएगी उन किसानों को भारत सरकार के द्वारा तय मानदंड के अनुसार मुआवजा दिया जाएगा. भूमि अधिग्रहण में कुछ आबादी को विस्थापित भी होना पड़ेगा. इन परिवारों का पुनर्वास कराया जाएगा. खनन ब्लॉक का निर्माण होने से उक्त क्षेत्र में रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे. स्थानीय लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी.

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