उज्जैन :प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर उमड़ी भीड़ और इसके बाद मची भगदड़ को लेकर तरह-तरह की बातें हो रही हैं. "28 जनवरी की देर रात 1:30 बजे प्रयागराज महाकुंभ में संगम नोज इलाके में शाही स्नान के दौरान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी. लाखों लोग संगम में आस्था की डुबकी लगाने पहुंचे, जिससे कई किलोमीटर तक जाम लग गया. अचानक मची भगदड़ में लोग एक-दूसरे के ऊपर गिरने लगे. चीख-पुकार मच गई." महाकुंभ में मची भगदड़ की आंखोंदेखी सुनाई उज्जैन अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रामेश्वर दास महाराज ने.
उस भयानक रात का मंजर! महाकुंभ भगदड़ की आंखोंदेखी सुनें अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष से - MAHAKUMBH STAMPEDE
उज्जैन अखाड़ा परिषद अध्यक्ष रामेश्वर दास महाराज भगदड़ के दौरान संगम के पास ही थे. वहां से लौटकर उन्होंने घटना को विस्तार से बताया .
By ETV Bharat Madhya Pradesh Team
Published : Feb 4, 2025, 4:13 PM IST
रामेश्वर गास महाराजने बताया "एंबुलेंस की आवाजें अलसुबह तक गूंजती रहीं. उन्होंने एक एंबुलेंस वाले से बात की और पूछा कि कितने चक्कर अब तक लगा चुके हैं. इस पर उसने बताया कि अभी तक 15 चक्कर लगा चुका हूं. इस दौरान पुलिस और राहत दल लगातार मोर्चा संभाले रहा. हादसे का मंजर देखकर लगता है कि जितने मृतक सरकार बता रही है, उससे कहीं ज्यादा लोगों की मौत हुई है. हो सकता है लोगों में घबराहट न फैले, इस कारण आंकड़े छुपाए गए हों."
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मृतकों की संख्या ज्यादा होने का दावा
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रामेश्वर दास महाराजने भी प्रशासन के आंकड़ों पर सवाल उठाते हुए कहा "उन्होंने खुद 50 एंबुलेंस को लगातार 15 चक्कर लगाते देखा, जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि करीब 750-800 लोग हताहत हुए होंगे." बता दें कि महाकुंभ भगदड़ में मृतकों और घायलों की संख्या को लेकर विपक्षी दल लगातार सरकार पर हमलावर हैं. संसद में बजट सत्र में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने दावा किया था कि इस भगदड़ में ज्यादा लोगों की मौतें हुईं.