नर्मदापुरम: मध्य प्रदेश की जीवन रेखा कही जाने वाली मां नर्मदा का नर्मदापुरम के सभी घाटों पर जन्म उत्सव मनाया जा रहा है. मंगलवार सुबह मां नर्मदा की विशेष पूजा-अर्चना कर अभिषेक किया गया. नर्मदापुराण अनुसार मां नर्मदा का उद्गम दोपहर 12 बजे हुआ था. इस परम्परा का निर्वहन करते हुए सेठानी घाट पर ठीक 12 बजे मां नर्मदा का अभिषेक कर महाआरती की गई. इस अवसर पर सेठानी घाट के साथ अन्य घाटों पर भी विशेष साज-सज्जा की गई है.
श्रद्धालुओं का उमड़ा जनसैलाब
आचार्य पंडित सोमेश परसाई ने कहा कि "आज अश्विनी नक्षत्र है और माघ मास की शुक्ल पक्ष की सप्तमी है. मां नर्मदा का प्रकट उत्सव पर मां नर्मदा का दोपहर में अभिषेक किया गया. इस अवसर पर आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा. मां नर्मदा को दूध, दही, शहद और घी से पूजन किया गया है. भाव यह है की मां नर्मदा हमारी जीवन रेखा है. हमारी एक ही कामना है कि सच्ची श्रद्धा से एक पेड़ लगाएं." उन्होंने बताया कि "जिस प्रकार हम व्यक्ति का जन्मदिन मनाते हैं. उसी तरह आज हमारी भव सागर की तारणी मां नर्मदा का प्राकट्य उत्सव है. इसलिए हर्षोल्लास के साथ मां नर्मदा का प्राकट्योत्सव मनाया जा रहा है."
- तीर्थनगरी में नर्मदा जयंती का उल्लास, चुनरी यात्रा, दुग्धाभिषेक और महाआरती का आकर्षक नजारा
- ओंकारेश्वर में नर्मदा जयंती का अद्भुत नजारा, देखें आस्था में डूबी नगरी की तस्वीर
श्रद्धालुओं ने की मां नर्मदा की पूजा
नर्मदा जयंती में शामिल होने पहुंचे श्रद्धालुओं ने बताया कि नर्मदा जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाई जा रही है. मंगलवार सुबह से ही सेठानी घाट पर लोग पहुंचने लगे. भक्तों ने मां नर्मदा का अभिषेक किया. इसके साथ ही मां नर्मदा का पूजा-पाठ कर उनका आशीर्वाद लिया. श्रद्धालुओं ने कहा कि "मां हमारी जीवनदायिनी है, जिसके चलते हमारी आस्था मां में है."