कोटा.भारतीय जनता पार्टी को छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए प्रहलाद गुंजल को कांग्रेस ने कोटा-बूंदी लोकसभा सीट से अपना प्रत्याशी बनाया है. शुक्रवार को गुंजल के समर्थन में कोटा शहर कांग्रेस की तरफ से बैठक आयोजित की गई थी. इस बैठक में पूर्व मंत्री और कोटा उत्तर के विधायक शांति धारीवाल और प्रहलाद गुंजल के बीच पुरानी अदावत फिर नजर आई. दोनों नेता एक बार फिर मंच पर ही आपस में भिड़ गए. इसी बात को लेकर कांग्रेस कार्यालय में हंगामा खड़ा हो गया था.
इस पूरे मामले पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं का कहना है कि चुनाव के समय पर जबरन विवाद खड़ा किया गया है. इससे फायदा किसी को भी नहीं होने वाला है. कुछ नेताओं ने यह भी कहा कि ओम शांति की जोड़ी इससे एक्सपोज हो गई है. कांग्रेस नेता क्रांति तिवारी ने कहा कि "कांग्रेस कार्यकर्ता काफी समय बाद इस तरह से लामबंद हुआ है, लेकिन ऐसे समय पर अपने ही लोग उन जड़ों में तेजाब फेंकने का काम कर रहे हैं. यह कांग्रेस कार्यकर्ता बर्दाश्त नहीं करेगा. कोई भी नेता कार्यकर्ताओं के दम पर होता है. कार्यकर्ता का रुझान कांग्रेस के कैंडिडेट प्रहलाद गुंजल की तरफ है. कोटा के कई कांग्रेसी नेता थे, जिनके जीवन में भी डाउनफाल आया है, लेकिन जिस तरह की हरकत आज शांति धारीवाल ने की है, उन्होंने राजनीतिक अंतिम पड़ाव में कार्यकर्ताओं भी मनोबल गिराया है और मेरे हिसाब से यह ठीक नहीं था".
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गलत हुआ, नेताओं को एकजुटता दिखानी चाहिए :कांग्रेस नेता सुरेंद्र बघेरवाल ने कहा कि"प्रहलाद गुंजल जबसे कांग्रेस में आए है, कार्यकर्ता घर से निकलकर बाहर आ रहे हैं. मैं बताना चाहता हूं कि अब यह जो चुनाव है, वह एक दंगल की तरह हो गया है. शांति धारीवाल ने जिस तरह से बोला है, वह गलत है. उससे सीधा साफ नजर आ रहा है कि ओम-शांति की जोड़ी है." कांग्रेस नेता सीता भाटी ने कहा कि "जो सबके सामने हुआ गलत हुआ है. हम यह कहना चाहते हैं कि प्रहलाद गुंजल को टिकट मिला. जब लोगों को पता चला तो आम कार्यकर्ता में उत्साह है. कांग्रेस के कार्यक्रम इतनी बड़ी संख्या देखने को मिली है, हम चाहते हैं कि धारीवाल साथ देकर कांग्रेस के प्रत्याशी को जिताएं."
कांग्रेस ज्वाइन करते ही आरोप हो गए थे खत्म :सीपी गुर्जर का कहना है कि धारीवाल ने जिन आरोपों की बात कही है, वह विपक्ष के समय गुंजल ने लगाए थे. वो आरोप उसी दिन खत्म हो गए थे, जब पीसीसी में प्रहलाद गुंजल की जॉइनिंग हुई थी. बड़े नेताओं के नेतृत्व में उन्होंने पार्टी ज्वाइन की थी. इसके बाद कांग्रेस कमेटी ने उन्हे उम्मीदवार बनाया है. गुंजल ने धारीवाल के घर पर जाकर सम्मान भी किया. अनूप ठाकुर ने कहा कि बड़े नेताओं ने एक राय होकर कोटा-बूंदी से गुंजल को प्रत्याशी बनाया है.
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यह हुआ था विवाद :डीसीसी की बैठक में शांति धारीवाल ने पहले कह दिया कि गुंजल को रिवर फ्रंट और अन्य भ्रष्टाचार के मामलों में क्लीन चिट उन्हें देनी होगी. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि प्रहलाद गुंजल भाजपा में थे, तब सांप्रदायिक थे. ऐसे में अब उन्हें सेकुलर होना पड़ेगा, क्योंकि यहां पर दोनों ही समाज के लोगों के वोट उन्हें लेने पड़ेंगे. इस बात को लेकर गुंजल ने कहा कि वह पहले भी सेकुलर ही थे.