बिलासपुर: जिले के कोनी थाना क्षेत्र से एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है. यहां एक व्यक्ति की मौत के बाद उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया, जिसके बाद उसके शव को कब्र से निकाल कर पोस्टमार्टम के लिए भेजना पड़ा. बिलासपुर जिले के सेमरताल गांव में एक व्यक्ति बीमार पड़ा. उसे तेज बुखार होने पर सिम्स अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. इस बीच परिजनों ने उसका अंतिम संस्कार कर उसे दफन कर दिया, लेकिन इसके करीब 15 दिनों के बाद मृतक के परिजन ने एसपी और कलेक्टर के पास पहुंच कर शव निकलवा कर पोस्टमार्टम कराने की मांग की.
जानिए क्या है पूरा मामला: दरअसल, बिलासपुर जिले के कोनी थाना क्षेत्र के सेमरताल में रहने वाले दयाल खरे की मौत हो चुकी है. मृतक की पत्नी का आरोप है कि झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही की वजह से उसके पति की जान गई है. वो झोलाछाप डॉक्टर मरीज की मौत होने का बाद लगातार परिजनों को गुमराह करता रहा, जिसकी वजह से परिजन मौत की वजह समझ नहीं पाए. मृतक की पत्नी ने बताया कि बीते 6 जुलाई को दयाल खरे की तबीयत बिगड़ गई. तेज बुखार के कारण गांव के ही झोलाछाप डॉक्टर जय भारद्वाज को इलाज के लिए घर बुलाया गया. झोलाछाप डॉक्टर ने मरीज को 2 इंजेक्शन लगाए, जिससे मरीज की स्थिति बिगड़ने लगी. स्थिति को बिगड़ता देख झोलाछाप डॉक्टर ने अपने हाथ खड़े कर दिए और मरीज को सिम्स अस्पताल ले जाने के लिए कहा. इसके साथ ही उसने परिजनों को कहा कि इंजेक्शन लगाने की बात डॉक्टर को न बताएं, वरना सिम्स के डॉक्टर उनका इलाज नहीं करेंगे.