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दिल्ली: असोला वन्य जीव अभ्यारण में वन्यजीवों के लिए बनाए जा रहे तालाब, जानें खासियत - Asola Bhatti Wildlife Sanctuary - ASOLA BHATTI WILDLIFE SANCTUARY

दिल्ली वन एवं वन्य जीव विभाग के अंतर्गत आने वाले असोला वन्य जीव अभ्यारण और दक्षिण वन प्रभाग के अधिकारियों ने इस मानसून में जल संरक्षण की योजना बनाई है.

असोला वन्य जीव अभ्यारण में वन्यजीवों के लिए बनाए जा रहे तालाब
असोला वन्य जीव अभ्यारण में वन्यजीवों के लिए बनाए जा रहे तालाब (ETV BHARAT REPORTER)

By ETV Bharat Delhi Team

Published : May 17, 2024, 8:29 PM IST

असोला वन्य जीव अभ्यारण में वन्यजीवों के लिए बनाए जा रहे तालाब (ETV BHARAT REPORTER)

नई दिल्ली:देश के कई राज्यों में भीषण गर्मी का प्रकोप जारी है. राजधानी दिल्ली में अभी तापमान लगभग 45 डिग्री के आसपास पहुंच गया है. मनुष्य हो या वन्यजीव गर्मी में सभी को पानी की अधिक आवश्यकता होती है. ऐसे में मनुष्य तो पानी की आपूर्ति कहीं ना कहीं से पूरा कर ही लेता है. लेकिन वन्य जीव कई बार पानी ना मिलने के चलते अपनी जान तक गवा देते हैं.

दरअसल, दिल्ली वन एवं वन्य जीव विभाग के अंतर्गत आने वाले असोला वन्य जीव अभ्यारण और दक्षिण वन प्रभाग के अधिकारियों ने इस मानसून में जल संरक्षण की योजना बनाई है. असोला वन्य जीव अभ्यारण काफी बड़े क्षेत्रफल में फैला हुआ है, जिसमें हजारों की संख्या में वन्य जीव रहते हैं. इसलिए असोला वन्य जीव अभ्यारण और दक्षिण वन प्रभाग के अधिकारियों द्वारा वन्यजीवों को आने वाले समय में पानी की किल्लत न हो, इसके लिए 15 से 20 तालाब और झीलों का निर्माण करवा रहा है.

जानकारी के अनुसार, इस मानसून के अंत तक कम से कम 8 लाख करोड़ लीटर जल संरक्षण की उम्मीद जताई जा रही है. अधिकारी का कहना है कि हमारा ध्यान धीरे-धीरे अभयारण्य की जल धारण क्षमता बढ़ाने पर चला गया है. क्योंकि वन्य जीव अभ्यारण में उचित जल धारण करने वाले तालाब होने से वनस्पतियों और जीवन की सुरक्षा और संरक्षण में मदद मिलती है. आने वाले समय में यह जल स्तर बढ़ाने में भी मदद करेगा.

बता दें, असोला वन्य जीव अभ्यारण के एक तालाब के अंदर मानसून आने से पहले ही कुछ हद तक जल संरक्षण किया जा चुका है. इस तरीके के तालाब इस दक्षिण वन प्रभाग के अंतर्गत कई सारे बनाए गए हैं.

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