देहरादून:भारत निर्वाचन आयोग ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए चुनावी तिथियों का ऐलान कर दिया है. जिसके तहत उत्तराखंड की पांचों सीटों पर पहले चरण में यानी 19 अप्रैल को मतदान होगा. जिसको देखते हुए जहां एक तरफ राजनीतिक पार्टियां चुनावी तैयारियों में जुटी हुई है तो वहीं दूसरी तरफ प्रदेश के तमाम हिस्सों से चुनाव बहिष्कार भी देखा जा रहा है. खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे लोग अपनी मांगों को लेकर चुनाव बहिष्कार की चेतावनी दे रहे हैं. अगर ग्रामीण चुनाव बहिष्कार करते हैं तो इसका फर्क न सिर्फ राजनीतिक दलों पर पड़ेगा, बल्कि मतदान फीसदी भी घट सकती है.
किसी भी चुनाव के दौरान लोगों को अपनी मांगों को पूरा करवाने यानी मनवाने के लिए एक बड़ा मौका होता है. यही वजह है कि हर चुनाव के दौरान लोग चुनाव बहिष्कार का सहारा लेते हैं और अपनी क्षेत्रों की समस्याओं को दूर करवाते हैं. मौजूदा स्थिति ये है कि एक जगह नहीं, बल्कि तमाम ग्रामीण क्षेत्रों में चुनाव बहिष्कार का बोलबाला देखा जा रहा है. इतना ही नहीं देहरादून जिले के ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर पहाड़ के तमाम क्षेत्रों में चुनाव बहिष्कार करने की चेतावनी दी जा रही है. सबसे ज्यादा मामले सड़कों से जुड़ा हुआ है. जिसके चलते ग्रामीण 'रोड नहीं तो वोट नहीं' की बात कह रहे हैं.
कांग्रेस बोली- बीजेपी सरकार के विकास की पोल खोल रहा चुनाव बहिष्कार:जहां एक ओर ग्रामीण चुनाव का बहिष्कार कर रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर इस मामले पर सियासत भी गरमा गई है. कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष मथुरा दत्त जोशी का कहना है कि पिछले 10 साल से केंद्र और 7 साल से राज्य में बीजेपी की सरकार है. ये सरकार बड़ी-बड़ी बातें तो करती है, लेकिन आज भी प्रदेश के तमाम ग्रामीण क्षेत्रों में सुविधाओं का अभाव बना हुआ है, जिसके चलते लोग चुनाव बहिष्कार पर उतर आए हैं. जो बीजेपी सरकार के विकास की पोल खोल रही है. साथ ही कहा कि ग्रामीणों के चुनाव बहिष्कार से चुनाव पर फर्क पड़ेगा.
चुनाव बहिष्कार के सवाल पर क्या बोली बीजेपी?ग्रामीणों के चुनाव बहिष्कार के सवाल पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट का कहना है कि हर समस्या का समाधान बीजेपी के जरिए ही होती है. जिन स्थानों से चुनाव बहिष्कार के मामले सामने आ रहे हैं, उनके समस्याओं का समाधान किया जा रहा है. साथ ही कहा कि कुछ जगहों पर फॉरेस्ट ट्रांसफर या कुछ अन्य टेक्निकल दिक्कतें होंगी तो चुनाव के बाद उनकी समस्याओं का समाधान कर दिया जाएगा. ऐसे में लोकतंत्र में मतदान का सभी को अधिकार है. लिहाजा, सबको अपने मत का इस्तेमाल करना चाहिए.