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ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर सियासत तेज, बीजेपी ने बताया राजनीतिक खेल, कांग्रेस बोली- बीजेपी को याद करना चाहिए पुराना दौर

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Mar 9, 2024, 9:10 AM IST

Transfer posting in Jharkhand. झारखंड में अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर बीजेपी ने सरकार पर हमला बोला. जिसके बाद कांग्रेस ने इस पर पलटवार करते हुए बीजेपी को पुराना दौर याद करने की सलाह दी है.

Transfer posting in Jharkhand
Transfer posting in Jharkhand

ट्रांसफर-पोस्टिंग पर नेताओं के बयान

रांची: भारतीय जनता पार्टी ने झारखंड में हो रहे अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग पर सवाल उठाया है. भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता और सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी जेबी तुबिद ने इसे राजनीतिक खेल बताया. उन्होंने कहा कि जब सरकार किसी विशेष राजनीतिक दल या अन्य के साथ अधिकारियों की ट्रांसफर और पोस्टिंग करती है, तो एक-दो दिन के भीतर अधिकारियों का पदनाम बदल जाता है.

पूर्व आईएएस अधिकारी और बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि जब ट्रांसफर-पोस्टिंग का खेल खेला जाता है तो ईमानदार अधिकारियों का मनोबल गिर जाता है. जेबी तुबिद ने कहा कि राज्य में बढ़ते अपराध, महिला उत्पीड़न के बढ़ते मामले और भ्रष्टाचार बढ़ने के पीछे ट्रांसफर पोस्टिंग में अनियमितता एक कारण है.

'बीजेपी नेताओं को याद करना चाहिए पुराना दौर'

बीजेपी द्वारा उठाए गए सवाल का जवाब देते हुए प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता रिंकू तिवारी ने कहा कि बीजेपी नेताओं को वो पुराना दौर याद करना चाहिए. जब अधिकारियों का मनमाना ट्रांसफर और पोस्टिंग किया जाता था. कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि कई बार चुनाव आयोग और अन्य मजबूरियों के कारण फैसले बदल दिए जाते हैं. उन्होंने कहा कि यह राज्य में बेहतर और जनता के प्रति समर्पित शासन व्यवस्था के लिए मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है कि वह अपनी टीम बनाएं.

ट्रांसफर-पोस्टिंग पर क्यों उठ रहे हैं सवाल?

पिछले कुछ दिनों में राज्य में अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग की अधिसूचना जारी होने और फिर 48 घंटे के भीतर बदलाव किए जाने के कई मामले सामने आए हैं. पहले अधिसूचना जारी कर आईएएस अधिकारी का विभाग बदला जाता है, फिर 48 घंटे के अंदर सरकार अपना फैसला बदल देती है. ताजा मामला 2003 बैच के आईएएस अबू बकर सिद्दीकी का है, जो लंबे समय तक कृषि विभाग के सचिव थे. उनका ट्रांसफर खान सचिव के पद पर किया गया था. लेकिन, ट्रांसफर के 48 घंटे के अंदर ही उन्हें दोबारा कृषि विभाग का सचिव बना दिया गया. 05 मार्च को राज्य कार्मिक, प्रशासनिक एवं राजभाषा विभाग ने अबू बकर सिद्दीकी को खान एवं भूतत्व विभाग के सचिव की जिम्मेवारी सौंपी थी. कृषि सचिव रहते हुए उनके पास खान विभाग का अतिरिक्त प्रभार था, लेकिन 7 मार्च की शाम तक कार्मिक, प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग ने उन्हें फिर से कृषि विभाग की जिम्मेदारी दे दी.

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