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छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव का दंगल, कांग्रेस बीजेपी ने ठोकी ताल, इन मुद्दों पर होगी सियासी जंग - URBAN BODY ELECTIONS IN CG 2024

छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव का दंगल शुरू हो चुका है. यहां दोनों प्रमुख सियासी दल अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं.

urban body elections in CG
छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव (ETV Bharat)

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Oct 13, 2024, 9:13 PM IST

रायपुर:छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार के 10 माह के कार्यकाल के काम के दम पर बीजेपी और कांग्रेस नगरीय निकाय चुनाव लड़ेगी. यह दावा दोनों ही राजनीतिक दल कर रहे हैं. एक ओर भाजपा सरकार के 10 महीने में किए गए रिकॉर्ड तोड़ काम को लेकर बीजेपी जनता के बीच जाएगी. दूसरी ओर विपक्ष में बैठी कांग्रेस भी नई राजनीति के तहत भाजपा सरकार के इन्हीं 10 महीने के कार्यकाल में अधूरे वादों को लेकर जनता के बीच जाएगी.

10 महीनों के काम पर होगा सियासी दंगल: कुल मिलाकर भाजपा सरकार के 10 महीने के कार्यकाल के काम पर दोनों ही राजनीतिक दल भाजपा और कांग्रेस नगरीय निकाय चुनाव लड़ेंगे. इस विषय में राजनीति के जानकार का कहना है कि जिसकी सरकार होती है, उसे नगरीय निकाय चुनाव में ज्यादा फायदा मिलता है. यही वजह है कि वर्तमान में बीजेपी मजबूत नजर आ रही है.

नगरीय निकाय चुनाव की सरगर्मी बढ़ी (ETV Bharat)

दोनों दल कर रहे जीत का दावा: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा है. यही वजह है कि अब कांग्रेस नगरीय निकाय चुनाव दम खम के साथ लड़ने की तैयारी में है. इसके लिए कांग्रेस ने मुहिम तेज कर दी है. सभी बूथ को मजबूत किया जा रहा है. भाजपा को चुनाव में कैसे हराया जाए? उसे लेकर भी रायशुमारी की जा रही है. बैठकों का दौर जारी है. सरकार के खिलाफ मुद्दों की सूची बनाई जा रही है. इसलिए कांग्रेस दावा कर रही है कि इस बार किसी भी हाल में नगरीय निकाय चुनाव बीजेपी नहीं जीतेगी.

कांग्रेस का बीजेपी पर आरोप:इस बारे में छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर का कहना है कि भाजपा किसी भी कीमत पर नगरीय निकाय चुनाव नहीं जीत पाएगी. भाजपा की वादा खिलाफी से जनता हताश और परेशान है. किसान, महिला, पुरुष, युवा, व्यापारी सभी डरे सहमे हुए हैं. आपराधिक घटनाएं बढ़ी हुई है. भाजपा कुछ भी कर ले, नगरीय निकाय चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ेगा. लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 400 पार का आंकड़ा दिया था, लेकिन बड़ी मुश्किल से 240 सीट हासिल की है. विधानसभा चुनाव के दौरान जिस तरह से भाजपा ने झूठ बोला था, मोदी की गारंटी का ढिंढोरा पीटा था, लेकिन उसमें से आज एक भी वादा पूरा नहीं किया गया है.

बिजली महंगे दर पर मिल रही है. रजिस्ट्री में गरीबों को दी जाने वाली 30 फीसदी की छूट को खत्म कर दिया गया है. स्कूलों में शिक्षकों की कमी है. युवाओं को रोजगार देने के वादे पर वे नाकाम रहे हैं. इस सरकार में रोजगार छिना जा रहा है. क्रेडा में कर्मचारियों का रोजगार छिना गया है. वन विभाग में छंटनी की गई है. अब जो मितानिन इतने सालों से सेवा देते आ रही थी, उनकी नौकरी भी सरकार की नीतियों के कारण जाने वाली है. भाजपा का झूठ अब जनता पहचान चुकी है. नगरीय निकाय चुनाव में भाजपा बुरी तरीके से परास्त होगी. कांग्रेस की परिषद सभी नगर निगम में बनेगी: धनंजय सिंह ठाकुर, प्रदेश प्रवक्ता, कांग्रेस

बीजेपी ने किया पलटवार: कांग्रेस के इन दावों पर भाजपा मीडिया विभाग के प्रमुख अमित चिमनानी ने पलटवार किया है. अमित चिमनानी ने कहा कि विष्णुदेव साय की सरकार एक ऐसी सरकार है, जिसने बहुत ही कम समय में बहुत सारे वादे पूरे करके एक रिकॉर्ड बनाया है. 3100 रुपए किसानों को एक मुश्त राशि मिलना, एक सपने जैसा था. यह लोग राजीव गांधी की पुण्यतिथि और जन्मदिन पर किसानों को बहुत कम पैसा देते थे. उनके पैसे के लिए ही उन्हें तरसाया जाता था.

किसानों को 2 साल का बोनस कांग्रेस ने वादा करके नहीं दिया, उसे भी हमने दिया. धान खरीदी की जो लिमिट राहुल गांधी कहते थे, अनलिमिटेड होगा. 5 साल में नहीं बढ़ी. हमने उसे 5 महीने में बढ़कर 21 क्विंटल कर दिया. 70 लाख महिलाओं को महतारी वंदन की राशि दी जा रही है. रामलला का दर्शन कराने का वादा हमने पूरा किया है. जो सरकार इतने कम समय में इतना ज्यादा काम कर लेती है, तो जनता निश्चित तौर पर इस बात पर और विकास पर मुहर लगाती है. निश्चित तौर पर नगरीय निकाय चुनाव में भी जनता का भरपूर आशीर्वाद भाजपा को मिलेगा: अमित चिमनानी, प्रदेश प्रमुख, बीजेपी मीडिया विभाग

जानिए क्या कहते हैं राजनीति के जानकार ?: इस बारे में राजनीति के जानकार उचित शर्मा का कहना है कि नगरीय निकाय चुनाव एक ऐसा चुनाव है, जिसमें जिसकी सत्ता होती है, वह 20 फीसदी हाइक पर होता है. यदि पिछले नगरीय निकाय चुनाव की बात की जाए तो उस दौरान कांग्रेस की सरकार थी, इसलिए कांग्रेस ज्यादा मजबूत रही. वही स्थिति इस बार भी होने के आसार हैं, क्योंकि वर्तमान में प्रदेश में भाजपा की सरकार है और स्वाभाविक है कि वह थोड़ा प्लस में होगी. पिछले चुनाव में कुछ लोग इधर से उधर हुए थे. इस चुनाव में भी कुछ लोग उधर से इधर हो सकते हैं. यह चुनाव आने पर ही स्पष्ट हो सकेगा.

यदि कांग्रेस की बात की जाए तो वर्तमान में विपक्ष के तौर पर कांग्रेस मजबूती के साथ काम कर रही है. विपक्ष ने 9-10 महीने में ही जिस तरीके से सदन से लेकर सड़क तक प्रदर्शन किया है, सभी मुद्दों को गंभीरता से उठाया है, इससे जाहिर है कि वह चुनाव में गंभीरता के साथ मैदान में उतरेंगे, लेकिन सत्ता जिसकी होगी, उसका फायदा उस पार्टी को जरूर मिलता है:उचित शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार

जहां एक ओर बीजेपी अपने पिछले 10 माह के काम के दम पर जीत का दावा कर रही है. वहीं कांग्रेस बीजेपी के कार्यों की विफलता के दम पर जीत का दावा कर रही है.

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