लखनऊ :किसी भी प्रकार की कोई घटना पर एफआईआर दर्ज करवाने के लिए अब आपको चौकी, थाने या फिर किसी अन्य अफसर के दफ्तर के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे. क्योंकि शासन ने एक ऐसी व्यवस्था शुरू की है, जिसके मुताबिक बीट पुलिस ऑफिसर और डायल 112 के पुलिसकर्मी पीड़ित के घर जाकर एफआईआर दर्ज कर सकेंगे. हालांकि, यह सेवा अभी कानपुर में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू की जा रही है.
यह है पुरानी व्यवस्था :उत्तर प्रदेश के किसी भी जिले, गांव, शहर में कोई घटना होने पर सबसे पहले डायल 112 के पुलिसकर्मी ही पहुंचते हैं. ये कर्मी मौके पर पहुंचकर लॉ एंड ऑर्डर कायम करते हैं, घायलों को अस्पताल पहुंचाते हैं फिर वरिष्ठ अफसरों को पूरी घटना से अवगत कराया जाता है. इसके बाद ये डायल 112 के पुलिसकर्मी मौके पर मौजूद दोनों ही पक्षों को थाने ले जाते हैं या फिर आने के लिए कहते हैं और फिर अग्रिम कार्रवाई थाने द्वारा की जाती है, जिसमें एफआईआर दर्ज करना शामिल है. लेकिन अब नई सेवा के अंतर्गत कुछ बदलाव किए गए हैं, जिससे आम लोगों को काफी हद तक सहूलियतें मिलेंगी.
यह होगी नई व्यवस्था :यूपी पुलिस की इस नई योजना के तहत, डायल 112 के पुलिसकर्मी पहले की ही तरह घटना स्थल पर पहुंचेंगे और कानून व्यवस्था कायम करेंगे. इसके बाद वहां मौजूद दोनों पक्षों से बात की जाएगी और फिर लिखित बयान लिए जाएंगे. इसके बाद डायल 112 के कर्मी दोनों पक्षों या एक पक्ष से शिकायती पत्र लेकर उसे घटना स्थल से ही मोबाइल से फोटो लेकर थाना प्रभारी को भेज देगा. कुछ देर में ही थाने से ही डायल 112 के कर्मी को एक एफआईआर का फॉर्मेट भेजा जाएगा, जिसमें धाराएं भी लिखी होंगी. हालांकि यह सेवा अभी कानपुर में पायलट प्रोजेक्ट के तहत दिव्यांगों और सीनियर सिटीजन के लिए शुरू की जा रही है.