हाथरस: जियो फाइबर के मैनेजर के अपहरण में प्रमुख भूमिका निभाने वाले तीन और बदमाशों को पुलिस ने मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया है. इसमें से दो बदमाश पुलिस की गोली लगने से घायल हुए हैं, जिनका इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है. पकड़े गए लोगों में से एक हाथरस के गांव हतीसा का रहने वाला है.
हाथरस मुठभेड़ में दो बदमाश घायल. (Video Credit; ETV Bharat) अपराध नियंत्रण के लिए पुलिस टीम द्वारा जनपद के विभिन्न स्थानों पर चेकिंग की जा रही थी. रविवार सुबह करीब 7 बजे थाना हाथरस गेट के रुहेरी किंदौली नहर कट के पास तहसील सदर की ओर से एक बाइक पर सवार तीन व्यक्तियों को रुकने के लिए पुलिस ने संकेत दिया. लेकिन उन्होंने रुकने के बजाय बाइक की स्पीड और बढ़ा दी. साथ ही पुलिस टीम पर अचानक से फ़ायरिंग शुरू कर दी. पुलिस टीम ने आत्मरक्षा में गोली चलाई, जिसमें प्रशांत पुत्र महेश, निवासी सहार थाना छतारी जनपद बुलंदशहर और अंशुल उर्फ गोलू पुत्र नेम सिंह निवासी हतीसा थाना हाथरस गेट के पैर में गोली लगी है. घायलों को उपचार के लिए बागला जिला हॉस्पिटल ले जाया गया है. घायलों के पास से दो तमंचा 315 बोर, दो खोखा कारतूस और 4 जिंदा कारतूस तथा एक बिना नंबर की बाइक बरामद हुई है.
घर लौटकर मैनेजर ने सुनाई आपबीती. (Video Credit; ETV Bharat) एसपी एसपी चिरंजीव नाथ सिन्हा ने बताया कि पकड़े गए लोगों की जियो फाइबर के मैनेजर अभिनव भारद्वाज के अपहरण में प्रमुख भूमिका थी. घायल अपराधी प्रशांत के विरुद्ध पूर्व से 04 अभियोग पंजीकृत है.
बता दें कि जियो फाइबर कंपनी में मैनेजर अभिनव भारद्वाज हाथरस गेट थाना क्षेत्र के मोहल्ला नवल नगर में रहते हैं. वह 1 जनवरी की दोपहर घर से सिकंद्राराऊ के लिए निकले थे. इसके बाद वह लौटे नहीं. परिजन उनकी तलाश में जुटे थे. पत्नी स्वीटी भारद्वाज की ओर से दर्ज कराई रिपोर्ट में आरोप लगाया गया कि शाम तक पति की तलाश चलती रही है. रात 9 बजे अभिनव के सहकर्मियों से भी बात हुई. इसके बाद मोबाइल पर अज्ञात शख्स का फोन आया. बताया कि मैनेजर का अपहरण कर लिया गया है. 20 लाख रुपये मिलने पर ही छोड़ेंगे. बदमाशों ने पुलिस के पास जाने पर अंजाम भुगतने की धमकी दी थी. हालांकि बाद में पुलिस ने मुठभेड़ के बाद मैनेजर को छुड़ा लिया. वहीं इस मामले में हाथरस, बुलंदशहर और उत्तराखंड के अल्मोड़ा के लोगों का आपस में कैसे कनेक्शन हुआ और कैसे उन्होंने मैनेजर के अपहरण की भूमिका बनाई, इन सवालों के जवाब मिलने बाकी हैं.
घर पहुंच मैनेजर ने सुनाई आपबीती:जिओ फाइबर के मैनेजर ने घर पहुंचकर आपबीती सुनाई. बताया कि अपहरणकर्ता उसे होश में ही नहीं आने देते थे. जब वह होश में आता था तो मारते पीटते थे. उससे यह कहा गया था कि तुझे छोड़ेंगे नहीं. अभिनव भारद्वाज ने बताया कि पिस्टल की बट से मारपीट की जाती थी, उसे जबरदस्ती शराब पिलाई जाती थी. बाथरूम के लिए भी जाने नहीं देते थे. अभिनव ने मुक्त होने पर पुलिस का आभार व्यक्त किया. बताया एक जनवरी को वह सिकंदराराऊ गए. एक होटल पर खाना खाने के बाद वह हाथरस जाने के लिए चौराहे पर वाहन का इंतजार कर रही थे, तभी कार में सवार चार लोग आए और जबरदस्ती बिठा लिया. कुछ देर बाद उन्होंने कुछ खिला दिया, जिससे वह अचेत हो गए. इसके बाद कार सवार उन्हें अल्मोड़ा ले गए और एक होटल में बंद कर रखा. अभिनव ने बताया कि कार सवार चार बदमाश उसका अपहरण कर ले गए थे. इसके बाद अल्मोड़ा में पांच बदमाश और आ गए. अपहरण कर्ताओं ने अभिनव के मोबाइल का सिम तोड़कर फेंक दिया और व्हाट्सएप कॉलिंग के जरिए पत्नी से फिरौती मांगी.
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