रायपुर :भारतीय जीवन शैली में पोहा सुबह में नाश्ते के रूप में सबसे ज्यादा खाया जाता है. मध्य भारत में सुबह-सुबह पोहे के बिना नाश्ता अधूरा माना जाता है. पोहा को नाश्ते में इस्तेमाल करने की कई वजह है.एक तो ये आसानी से झटपट तैयार हो जाता है.इसे तैयार करने से लेकर खाने में ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती. दूसरा यदि इसमें थोड़ी सब्जियां और नमकीन मिला दिया जाए, तो इसका स्वाद का कोई तोड़ नहीं होता. एमपी के इंदौर में तो बिना पोहा शायद ही किसी की सुबह होती हो.लेकिन आगे जो बात हम आपको बताने जा रहे हैं,उसे पढ़ने के बाद पोहा प्रेमी थोड़े उदास जरुर होंगे.
पोहा पैदा कर सकता है बड़ी परेशानी :भले ही पोहा भारतीय व्यंजन का हिस्सा हो,लेकिन इसके कुछ साइड इफेक्ट्स भी हैं. आज हम आपको बताएंगे कि पोहा आपको किस तरह से बीमार कर सकता है.पोहा आपका दिन तो बना सकता है,लेकिन सेहत बनाएगा कि नहीं ये नहीं पता.क्योंकि शोध में पता चला है कि पोहा शरीर में ब्लड शुगर की मात्रा बढ़ाता है. पूरे भारत में 17 फीसदी लोग डायबिटीज की बीमारी से पीड़ित है.इंडिया को डायबिटीज कंट्री भी कहा जाने लगा है.इसका सबसे बड़ा कारण खानपान ही है.
क्यों बनते हैं हम डायबिटीज का शिकार :दैनिक आधार पर नाश्ते और दूसरे तरह की चीजों में उपयोग में लाने वाले भोजन के कारण हमारे खून में शुगर की मात्रा बढ़ती है.डायबिटीज को मैनेज करने के लिए सबसे पहले ब्लड शुगर और इन्सुलिन रेजिस्टेंस को समझना जरूरी है. भोजन के बाद कार्बोहाइड्रेट ग्लूकोज में टूटकर खून में जाता है. उसके बाद पेनक्रियाज में इंसुलिन हार्मोन को रिलीज करता है. इसके बाद ग्लूकोज को ऊर्जा के रूप में बदलता है. कोशिकाओं में जब इंसुलिन की मात्रा कम होती है तब इन्सुलिन रेजिस्टेंस होने लगता है और ग्लूकोज का ठीक से उपयोग नहीं हो पाता. यहीं से ब्लड में शुगर का स्तर बढ़ता है और हम डायबिटीज के शिकार हो जाते हैं.