बिलासपुर: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के लोफंडी गांव में बीते पांच फरवरी से लोगों की मौत हो रही है. अब तक इस गांव में कुल आठ लोगों की मौत हुई है. आज बिलासपुर सिम्स में आठवें शख्स की मौत हुई है. जिला प्रशासन ने गांव से शराब की बोतलें और खाने के नमूने जांच के लिए लिए हैं. रविवार को एक व्यक्ति की अस्पताल में मौत होने के बाद यह आंकड़ा बढ़कर आठ हो गया.
कोनी थाना क्षेत्र की घटना: यह पूरी घटना कोनी थाना क्षेत्र की है. लोफंडी गांव में हुई मौतों के कारणों का पता लगाने के प्रयास जारी हैं. बिलासपुर जिला प्रशासन के अधिकारियों ने दिन में जांच के लिए खाने, शराब और खाली शराब की बोतलों के नमूने एकत्र किए हैं.गांव के सरपंच ने दावा किया कि शराब के आदी नौ लोगों की अब तक मौत हो चुकी है, जबकि कुछ निवासियों और विपक्षी कांग्रेस ने आरोप लगाया कि ये मौतें अवैध शराब के सेवन के कारण हुईं.
बिलासपुर जिला प्रशासन कर रहा जांच: इस पूरी घटना पर बिलासपुर जिला प्रशासन जांच कर रहा है. बिलासपुर पुलिस के अधिकारी ने बताया कि शनिवार को छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (सीआईएमएस, सिम्स) बिलासपुर में भर्ती पवन कश्यप की आज सुबह इलाज के दौरान मौत हो गई. उसकी उम्र 35 साल थी. दो और लोगों की सिम्स के आईसीयू में इलाज चल रही है. जबकि एक व्यक्ति को गंभीर हालत में रायपुर के अंबेडकर मेमोरियल अस्पताल में भर्ती कराया गया है. पवन के भाई विमल ने दावा किया कि प्रशासन इस मामले को दबाने की कोशिश कर रहा है. इन लोगों की मौत महुआ फूलों के शराब पीने की वजह से हुई है.
इन लोगों की मौत महुआ के फूलों से बनी स्थानीय शराब पीने से हुई है. गांव सामुदायिक भोज के बाद इन लोगों के बीमार होने की बात गलत है. प्रशासन मामले को दबाने की कोशिश कर रहा है. मामले का भोज से कोई लेना-देना नहीं है. इसमें 400 लोग शामिल हुए थे, लेकिन केवल कुछ लोग ही प्रभावित हुए-विमल, मृतक पवन का भाई
बिलासपुर पुलिस ने क्या कहा?: इस पूरे मसले पर बिलासपुर पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि शराब की खाली बोतलें जब्त की गई हैं, जबकि अवैध शराब बेचने के आरोप में तीन लोगों को हिरासत में लिया गया है और उनसे पूछताछ जारी है. उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा विभाग ने उस घर से जांच के लिए खाद्य पदार्थों के नमूने एकत्र किए हैं, जहां सामुदायिक भोज आयोजित किया गया था. लोफंदी गांव में मौतों की जानकारी मिलने के बाद प्रशासन और पुलिस अधिकारियों की एक टीम ने शनिवार को इलाके का दौरा किया.
मौत पर क्या बोल रहा जिला प्रशासन?: जिला प्रशासन ने बताया कि 5 फरवरी को गांव में दो ग्रामीणों की मौत हो गई थी. कोनी पुलिस ने दो मौतों में से एक के संबंध में मामला दर्ज किया, जिसमें उसके बेटे ने इसे सर्पदंश बताया. 7-8 फरवरी को पांच और ग्रामीणों की मौत हो गई. अधिकारी ने बताया कि रामूराम सुनहेल को छोड़कर अन्य सभी मृतकों का अंतिम संस्कार अधिकारियों को सूचित किए बिना कर दिया गया.सुनहेल के शव को पोस्टमार्टम के लिए छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (सीआईएमएस) बिलासपुर भेजा गया। प्रारंभिक पीएम रिपोर्ट के अनुसार, मौत का कोई विशेष कारण पता नहीं चल सका. अब विसरा, हिस्टोपैथोलॉजी और ब्लड रिपोर्ट आने के बाद मौत की असली वजह पता चल सकेगी.
बिलासपुर जिला प्रशासन की तरफ से कहा गया है कि ग्रामीणों ने बताया कि 3 से 6 फरवरी के बीच लोफंदी गांव में एक विवाह समारोह आयोजित किया गया था, जिसके बाद कई लोगों ने सामुदायिक भोज में भाग लिया था. मरने वालों ने पेट में दर्द, उल्टी और चक्कर आने की शिकायत की थी. उनमें से कुछ पहले से ही बीमार बताए गए थे
कांग्रेस का बीजेपी पर आरोप: इस पूरे मसले पर कांग्रेस ने राज्य की साय सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. विपक्ष का आरोप है कि नकली शराब पीने से लोफंदी गांव में आठ लोगों की मौत हुई है. इसके लिए सत्तारूढ़ भाजपा जिम्मेदार है.
सोर्स: पीटीआई