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केदारनाथ सीट पर उपचुनाव हुआ रोचक, बीजेपी ने साख से जोड़ा तो कांग्रेस को मिलेगी 'संजीवनी' - KEDARNATH BY ELECTION

मंगलौर और बदरीनाथ सीट पर हुए उपचुनाव में बीजेपी को लग चुका झटका, अब केदारनाथ सीट बना साख का चुनाव?

Kedarnath Assembly Seat By Election
केदारनाथ उपचुनाव (फोटो- ETV Bharat Graphics)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Nov 17, 2024, 2:26 PM IST

देहरादून:केदारनाथ विधानसभा सीट पर उपचुनाव में वोटिंग को लेकर महज 3 दिन का ही वक्त बचा है. ऐसे में बीजेपी और कांग्रेस ने चुनाव जीतने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. जहां एक ओर केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी के मंत्री विधायक समेत तमाम दिग्गज नेता प्रचार-प्रसार में जुटे हुए हैं तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस पूरी एकजुटता के साथ केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र में जमकर प्रचार-प्रसार कर रही है. जिससे केदारनाथ उपचुनाव काफी रोचक बन गया है.

हर 5 साल में होने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनाव को जीतने के लिए राजनीतिक पार्टियों जी तोड़ मेहनत करती है. क्योंकि, उस दौरान सत्ता पर काबिज होने की एक बड़ी चुनौती राजनीतिक पार्टियों के सामने होती है, लेकिन उत्तराखंड के केदारनाथ विधानसभा सीट पर हो रहा उपचुनाव सामान्य चुनाव से भी बड़ा दिखाई दे रहा है.

केदारनाथ सीट पर उपचुनाव हुआ रोचक (VIDEO- ETV Bharat)

क्योंकि, प्रदेश की दोनों मुख्य पार्टियों बीजेपी और कांग्रेस इस उपचुनाव को जीतने के लिए पूरी ताकत झोंकी है. यही वजह है कि केदारनाथ उपचुनाव अब हाई प्रोफाइल चुनाव बन गया है. अभी तक ये उपचुनाव, सरकार वर्सेस ऑल का चुनाव था, लेकिन अब बीजेपी ने इस उप चुनाव को पार्टी की साख के साथ जोड़ दिया है. लिहाजा, इसमे मोदी फैक्टर भी जुड़ गया है.

केदारनाथ उपचुनाव के मौजूदा हालात तो कुछ यूं ही बयां कर रहे हैं. क्योंकि, राज्य सरकार के तमाम मंत्री रोजमर्रा के कामकाज को छोड़ इस उपचुनाव में डटे हुए हैं. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष समेत बीजेपी के तमाम नेता इस उपचुनाव में अपनी-अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर रहे हैं. ऐसे में बीजेपी का फिलहाल एकमात्र उद्देश्य यही है कि केदारनाथ उपचुनाव को हर हाल में जीतना है.

मंगलौर और बदरीनाथ उपचुनाव हार चुकी बीजेपी:बीजेपी के लिए केदारनाथ उपचुनाव जितना इसलिए भी जरूरी है. क्योंकि, हाल ही में हुए दो विधानसभा सीट मंगलौर और बदरीनाथ विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था. इसके साथ ही केदार घाटी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सीधा लगाव है. साथ ही उनके ड्रीम प्रोजेक्ट भी चल रहे हैं.

साल 2013 में आई भीषण आपदा के बाद केदार घाटी में कई बड़े काम किए गए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद इन सभी कामों की मॉनिटरिंग करते रहे हैं. ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कामों को ध्यान में रखकर केदारनाथ उपचुनाव के लिए बीजेपी नेता जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं.

केदारनाथ विधानसभा सीट पर वोटर (फोटो- ETV Bharat Graphics)

सीएम धामी का दावा- बीजेपी की होगी एकतरफा और ऐतिहासिक जीत:कांग्रेस केदारनाथ उपचुनाव में सरकार की ओर से हर हथकंडा अपने का आरोप लगा चुकी है. जिसके सवाल पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि कांग्रेस पहले से ही यह मान चुकी है कि वो चुनाव हार रहे हैं. जिसके अपने चेहरे को बचा रहे हैं. इसलिए कांग्रेस ने पहले से ही आरोप लगाने शुरू कर दिए हैं.

सीएम धामी ने कहा कि केदारनाथ धाम पीएम मोदी के आस्था और श्रद्धा का केंद्र है. केदार घाटी का पुनर्निर्माण कार्य नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद हुआ है. साल 2013 में आई आपदा और हाल ही में केदार घाटी में आई आपदा के बीच बड़ा अंतर दिखाई दिया है.

लिहाजा, केदार घाटी में हो रहे विकास को और तेज गति देने के लिए बड़ी बहुमत के साथ बीजेपी का कमल खिलेगा. उन्होंने दावा किया कि केदारनाथ उपचुनाव में बीजेपी की एकतरफा और ऐतिहासिक जीत होगी.

विधायक चमोली बोले- केदारनाथ की जनता को प्रधानमंत्री की ओर देखना चाहिए: केदारनाथ उपचुनाव पर बीजेपी विधायक विनोद चमोली ने कहा कि पीएम मोदी पर बाबा केदार का आशीर्वाद है. बाबा केदार से कोई बेहद नजदीक और पूरे मनोयोग से जुड़ा हुआ है तो उसमें पीएम मोदी सबसे आगे हैं. जिन्होंने केदार घाटी का कायाकल्प किया.

शायद ही कोई ऐसा प्रधानमंत्री होगा जो इतनी बार बाबा केदार के दर्शन करने पहुंचा हो. ऐसे में बाबा केदार की ही कृपा है कि पीएम मोदी उत्तराखंड के लिए समर्पित होकर काम कर रहे हैं. ऐसे में उनका मानना है कि केदारनाथ की जनता को प्रधानमंत्री की ओर देखना चाहिए.

केदारनाथ विधानसभा सीट पर अब तक के विजेता (फोटो- ETV Bharat Graphics)

अगर वो प्रधानमंत्री की ओर देखेंगे तो उनको समझ आएगा कि पीएम मोदी ने केदार घाटी को बहुत कुछ दिया है. भविष्य में भी बहुत कुछ देने की इच्छा है. लिहाजा, केदारनाथ की जनता सही निर्णय लेते हुए बीजेपी को भारी बहुमत से जिताएगी.

विधायक चमोली ने कहा कि ये कहा कि सनातन के पक्ष में एकमात्र पार्टी बीजेपी खड़ी है, लेकिन दो चुनाव अयोध्या और बदरीनाथ के कारण लोगों ने बीजेपी कटघरे में खड़ा करने की कोशिश की है.

पूरे सनातन पर प्रश्न खड़े कर दिए हैं, लेकिन अगर केदारनाथ चुनाव को बीजेपी नहीं जीतेगी तो यह सनातन धर्म के लिए संकट का विषय होगा. कांग्रेस भ्रम की स्थिति फैला रही है और सनातन को कमजोर करने में लगी हुई है.

विधायक चमोली का हरीश रावत पर गंभीर आरोप:बीजेपी विधायक विनोद चमोली ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पर गंभीर आरोप भी लगाए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने मुस्लिम यूनिवर्सिटी की बात की थी. साथ ही मुस्लिम वोट को अपना कैडर वोट मानते हुए उनके लिए काम करते हैं.

उन्होंने कहा कि बीजेपी के लिए चुनाव जरूरी नहीं है. बल्कि, बीजेपी के लिए सनातन और हिंदुत्व महत्वपूर्ण है. देवभूमि उत्तराखंड का स्वरूप बना रहे ये बीजेपी के लिए महत्वपूर्ण है. यही वजह है कि बीजेपी लड़ाई लड़ रही है.

उपचुनाव को सरकार ने बनाया साख और इज्जत का चुनाव:केदारनाथ उपचुनाव के सवाल पर कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना का कहना है कि अगर सीएम धामी राज्य की जनता के तमाम मुद्दों को संबोधित करते रहते तो फिर ये उपचुनाव मुख्यमंत्री वर्सेस ऑल नहीं होता. बल्कि, सामान्य चुनाव रहता.

जनता जो भी फैसला देती, उसको स्वीकार कर लेते, लेकिन सरकार ने केदारनाथ उपचुनाव को ओवर पिच कर हाई प्रोफाइल बना दिया है. धामी सरकार ने उन्हें मंत्री बनाया है, जो कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए हैं. जिसके चलते बीजेपी नेताओं में पहले से ही राज्य सरकार के खिलाफ आक्रोश है.

उन्होंने कहा कि बीजेपी नेताओं को कई पैंतरे आजमाने पड़ रहे हैं. क्योंकि, सत्ता की मलाई कांग्रेस नेताओं ने दे दी है, लेकिन सरकार ने केदारनाथ उपचुनाव को साख और इज्जत का चुनाव बना दिया है. केदारनाथ की जनता बीजेपी को हराने के मूड में है.

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