भोपाल।पीएम मोदी के इस बयान के साथ कि शिवराज अब मेरे साथ दिल्ली जाएंगे. शिवराज की एमपी की सियासत से औपचारिक विदाई तय हो गई हो, लेकिन पीएम मोदी का ये बयान इस बात की भी तस्दीक है कि एमपी में सत्ता की हैट्रिक देने वाले शिवराज को इग्नोर नहीं किया जा सकता. उनकी सभाओं में मौजूदगी के साथ उठने वाले भाई और मामा के नारे ये बताते हैं कि एमपी में उनके बाद वैक्यूम भरने में समय लगेगा. पीएम मोदी की शिवराज के संदर्भ में कही गई पंक्ति के अर्थ भी कई हैं और संदेश भी कई.
ये बताता है कि जो कयास लगाए गए कि शिवराज के लिए दिल्ली दूर है. वो दूरियां मिट चुकी हैं. ये बताता है कि पीएम मोदी भी बखूबी जानते हैं कि कब कहां किसे आवाज देकर मैदान में लाना है. पहले चरण में गिरे वोटिंग परसेंटेज के एन बाद शिवराज के लिए मोदी की वोट अपील समय से खेला गया चोखा दांव है.
तो शिवराज पर नज़र है ये मान लीजिए
एमपी में पिछले चार महीने से ये मान लिया गया था की प्रदेश की राजनीति में शिवराज एकदम अकेले पड़ गए है. हालांकि शिवराज ने इस मुश्किल समय में भी हार नहीं मानी. विदिशा लोकसभा सीट तो खैर बतौर उम्मीदवार उनका मैदान है ही. बाकी जगह भी मामा और भाई के इमोशनल कनेक्ट के साथ वो जनता के बीच पहुंचते रहे. वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक प्रकाश भटनागर कहते हैं 'शिवराज बहुत गहरे राजनेता हैं. वो बीजेपी के उस कैडर के नेता हैं, जिनसे आप अनुशासनहीनता की कल्पना भी नहीं कर सकते, परिस्थिति चाहे जैसी हो. सब्र से अपनी सियासत करने वाले शिवराज हैं. पीएम मोदी बखूबी जानते हैं कि कब किसको फ्रंट पर लाना है, तो देखिए ला दिया शिवराज को. एक पंक्ति का मोदी जी का संदेश केवल ये नहीं कहता कि शिवराज अब दिल्ली जाएंगे बल्कि ये बाता है कि शिवराज इग्नोर नहीं हुए हैं.'