लखनऊ:उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में गरीबों को आवास देने की योजना प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी में जबरदस्त लापरवाही की जा रही है. पिछले करीब 10 महीने से इस योजना के लगभग 9000 आवेदक इंतजार कर रहे हैं. लेकिन, लॉटरी ना होने से उनका सब्र टूट रहा है. सभी इस इंतजार में लगे हुए हैं, जब लॉटरी आएगी तो उनको प्रधानमंत्री आवास मिलेगा. लेकिन, लखनऊ विकास प्राधिकरण अब तक कुछ तय नहीं कर पाया है. इसकी वजह है, कि डूडा की ओर से अब तक इन आवेदकों का सत्यापन नहीं किया जा सका है. जिसकी वजह से लॉटरी नहीं की जा रही है.
अब यह कहा जा रहा है, कि फ्लैट्स की कुल संख्या जो 4500 थी, वह घटकर लगभग 2300 रह गई है. 2200 फ्लैट अकबरनगर के विस्थापितों को दिए जा चुके हैं. जिससे अब दिक्कतें बढ़ेंगी. प्रधानमंत्री आवास के आवंटियों ने जहां, 4500 के सापेक्ष 9000 आवेदन किए थे. अब आवेदन संख्या तो 9000 ही है. लेकिन, फ्लैट की संख्या घटकर 2300 रहेगी. अकबरनगर के विस्थापितों की वजह से इन सामान्य आवेदकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
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LDA को डूडा वैरिफिकेशन का इंतजार: सितंबर 2023 में 4500 प्रधानमंत्री आवासों के लिए लखनऊ विकास प्राधिकरण ने आवेदन निकाला था. कई महीने तक चल पंजीकरण के बाद लगभग 9000 लोगों ने आवेदन किया था. पंजीकरण राशि के तौर पर ₹10000 जमा कराए गए थे. लगभग 9 करोड रुपये एलडीए के खाते में जमा हो गए थे. इस आवास के लिए मुख्य अहर्ता यह थी, कि सालान आय तीन लाख रुपये और लखनऊ का आधार कार्ड होना चाहिए. जिनका वेरिफिकेशन डूडा से किया जाना था. पंजीकरण के बीच में ही अकबरनगर का डिमोलिशन फंस गया. जिसकी वजह से 4500 में से 2200 प्रधानमंत्री आवास अकबरनगर में आवंटित कर दिए गए. दूसरी ओर सामान्य पंजीकरण करने वालों का मामला अब तक डूडा में फंसा हुआ है.
हजारों की संख्या में लोग आते हैं और लॉटरी के बारे में पूछ कर चले जाते हैं. आज बात के रहने वाले बसंत कुमार प्रधानमंत्री आवास योजना के आवेदक हैं. उनका कहना है, कि रोज LDA जाते हैं, लेकिन कोई जवाब नहीं मिल रहा. लखनऊ विकास प्राधिकरण के विशेष कार्य अधिकारी रवि नंदन सिंह ने बताया, कि आवेगा की वेरिफिकेशन की सूचना डूडा में फंसी हुई है. वेरिफिकेशन के बाद बहुत जल्दी ही हम लॉटरी करेंगे और लोगों को आवास मिलेगा. उन्होंने बताया, कि बड़ी संख्या में आवास अकबरनगर के लोगों को आवंटित किए जा चुके हैं. इसलिए, दिए जाने वाले आवासों में कमी आएगी.
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